Jul 3, 2008

चूहे खा जाते है प्रति वर्ष २० लाख टन अनाज

पटना-यह जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि राज्य में आम आदमी को खाने के लिए अनाज मिले या न मिले पर प्रति वर्ष करीब २० लाख मीट्रिक टन अनाज चूहों के पेट में जरूर जाता है। आदमी भले ही भूखे पेट रह जाए, पर अब चूहे खाली पेट दंड नहीं पेलते हैं। उत्पादन का कुछ भाग अन्य रूप में भी बर्बाद होता है सो अलग।
राज्य में अनाज भंडारण की आज तक वही पुरानी और परंपरागत व्यवस्था कायम है। अनाज भंडारण के लिए राजधानी में १७७८ का बना पहला गोदाम गोलघर हो या पिछले तीन-चार दशक के अंदर निर्मित हुआ किसी भी शहर में कृषि उत्पादन बाजार समिति का शैलो हो। एफसीआई का गोदाम हो या बिहार राज्य खाघ निगम का गोदाम। कोई भी गोदाम अनाज सुरक्षा की दृष्टि से महफूज नहीं है। गांव के घरों में भी सैकड़ों वर्ष पुरानी और परंपरागत बरारी, कोठी आदि के अलावा भंडारण की कोई अन्य व्यवस्था नहीं है। नतीजतन चूहे गोदामों में सुरंग करने में पीछे नहीं हैं। अनाज भंडारण की सुरक्षा के लिए आज तक किसी वैज्ञानिक पद्धति का नहीं अपनाया जाना इस क्षति का एक प्रमुख कारण है। यह अलग बात है कि राज्य सरकार अब अनाज भंडारण और सुरक्षा के प्रति चिंतित हुई है।
एक अनुमान के मुताबिक बिहार जैसे गरीब और कृषि पर निर्भर राज्य में प्रति वर्ष कम से कम २० लाख मीट्रिक टन अनाज चूहे हजम कर जाते हैं, जो कुल उत्पादन का करीब १० प्रतिशत है। यह क्षति देश भर में दो करोड़ मीट्रिक टन से ज्यादा है। १९७५ में यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार अनाज की यह क्षति बिहार में १६ लाख और पूरे देश में दो करोड़ मीट्रिक टन थी। यह क्षति कुल उत्पादन का करीब १० प्रतिशत है। बहुत हद तक संभव है कि ३३ वर्ष पूर्व हुए इस सर्वे का आंकड़ा आज की तारीख में कई गुणा बढ़ जाएगा। रिपोर्ट में क्षति का कारण अनाज में रोग लगना, आर्द्रता एवं पर्याप्त भंडारण का अभाव बताया गया है।
कृषि पर निर्भर इस राज्य में जहां कुछ लोग भूखे रह जाते हैं, वहीं २० लाख मीट्रिक टन अनाज सीधे चूहों के पेट में जाना क्या कोई मायने नहीं रखता है। १९७५ के सर्वे के बाद से कई सरकारें आईं और गईं, पर किसी ने इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया। राज्य में औसत उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष १६० लाख मीट्रिक टन है, जबकि भंडारण की क्षमता मात्र १३.४० लाख मीट्रिक टन ही है।
इस कृषि वर्ष में राज्य सरकार अनाज उत्पादन बढ़ाने के साथ उसके भंडारण के प्रति भी गंभीरता दिखा रही है। सहकारिता विभाग ने प्रत्येक पंचायत में वैज्ञानिक पद्धति से २०० मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता वाले डॉरमेट्री गोदामों का निर्माण करने की योजना बनाई है। एक गोदाम के निर्माण पर करीब १५ लाख रूपए का खर्च अनुमानित है। इसके अलावा ४० हजार मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता वाले एक गोदाम का निर्माण किया जाना है। इसके लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना मद से १९.२९ करोड़ रूपए बिहार राज्य खाघ निगम को मिल चुके हैं। अगले माह से कार्य शुरू होने की संभावना है। साथ ही १ लाख ३० हजार मीट्रिक टन अनाज भंडारण के लिए भी गोदाम निर्माण करने की योजना है।

उप्र में सात थर्मल यूनिटें बंद, बिजली उत्पादन आधा हुआ

लखनऊ-प्रदेश में बिजली उत्पादन का काफी बुरा हाल है। बिजली उत्पादन की सात थर्मल यूनिटों के बंद होने और ‘कोल फीडिंग’ के कारण उत्पादन घटकर आधा हो गया है। यही नहीं तमाम प्रयासों के बाद भी बिजली उत्पादन का लगातार घटना अब तक बंद नहीं हुआ है। यह स्थिति तब है जब पावर कारपोरेशन में इस समय प्रदेश के चार वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तैनात हैं। अब विभागीय अधिकारी और कर्मचारी कहने लगे हैं कि इससे अच्छा तो पावर कारपोरेशन की स्थिति तब थी, जब इसके अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ अधिकारी तकीनीकी संवर्ग के होते थे। प्रदेश में बिजली उत्पादन की क्षमता ३९८२ मेगावाट की है, जबकि इस समय कुल उत्पादन लगभग १७०० मेगावाट हो रहा है।
प्रदेश में बिजली उत्पादन के लगातार घटने की स्थिति आज से नहीं है। यह स्थिति पिछले १५ दिनों से जारी है, लेकिन पावर कारपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारी शायद अपेक्षित ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। पावर कारपोरेशन में इस समय चार वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अध्यक्ष प्रदीप शुक्ल, प्रबंध निदेशक अवनीश अवस्थी, ऊर्जा सचिव वी.एन.गर्ग और उत्पादन निगम के अलोक टंडन बैठ रहे हैं, लेकिन उत्पादन की स्थिति फिलहाल आज तक नहीं सुधरी है। तापीय विघुत उत्पादन घर ओबरा की ११ नम्बर की यूनिट १८ जून से तकनीकी कारणों से बंद है। इसमें कोल फीडिंग की समस्या है। इसी तरह की समस्या आ॓बरा की 12 नम्बर की यूनिट में भी थी, जिसे आज किसी तरह से शुरू कर दिया गया।
दरअसल कोल फीडिंग वह समस्या है जिससे जहां से तापीय घर को कोयले की आपूर्ति की जाती है, उसमें नमी या अन्य कारणों से अपेक्षित उत्पादन नहीं होता है। इससे बिजली उत्पादन पर लागत ज्यादा आ जाती है। जब उत्पादन अत्यधिक कम हो जाता है तब उसे मजबूरन बंद करना पड़ता है। आ॓बरा की ९ नम्बर की यूनिट २९ जून से और १० नम्बर की यूनिटें २ जुलाई से कोल फीडिंग की समस्या से बंद हैं। इन दोनों यूनिटों की उत्पादन क्षमता २०० -२०० मेगावाट की है।
इतना ही नहीं अनपरा की ३ नम्बर की यूनिट जिसकी उत्पादन क्षमता २१० मेगावाट है, वह भी 3० जून से बंद है। यही हाल हरदुआगंज की यूनिट नम्बर ७ भी है। १०५ मेगावाट उत्पादन क्षमता की यह यूनिट २ जुलाई से बंद है। पारीछा की भी दो यूनिटें २६ व २७ जून से बंद हैं। पारीछा की ३ नम्बर की यूनिट में पीए फैन की खराबी बतायी जा रही है तो ४ नम्बर की यूनिट में ‘फायर इन टर्बाइन साइड’ की खराबी बतायी जा रही है। यह दोनों यूनिटें २१० -२१० मेगावाट उत्पाद क्षमता की हैं। इन सात थर्मल यूनिटों के बंद होने के कारण कुल उत्पादन घटकर आधा से भी कम हो गया है, लेकिन पावर कारपोरेशन के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अन्यथा जिस प्रदेश में बिजली के लिए हाहाकार मची हो और बड़ी मात्रा में दूसरे प्रदेश से बिजली खरीदी जाती हो, वहां बिजली उत्पादन यूनिट के खराब होने पर १५ दिन लगे यह समझ से परे है।

पाक को हराकर फाइनल में जगह बनाने उतरेगा भारत

कराची जुलाई-लगातार तीन मैच खेलने के बाद तीन दिन का भरपूर आराम करने वाली भारतीय टीम कल यहां होने वाले सुपर चार चरण के मैच में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी और हार से बुरी तरह आहत पाकिस्तान के घावों को और गहरा करके एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में जगह सुनिश्चित करना चाहेगी।
महेंद्र सिंह धोनी एशिया कप के व्यस्त कार्यक्रम को लेकर बहुत नाराज थे क्योंकि उनकी टीम को चार दिन में तीन मैच खेलने पड़े थे। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ सुपर चार चरण के पहले मैच के बाद कहा था मैं कार्यक्रम से खुश नहीं हूं। यह बहुत कड़ा है। दो टीमों को दो दिन में दो मैच खेलने पड़ रहे हैं जबकि दो टीमों को एक दिन का विश्राम मिल रहा है।
भारतीय टीम को हालांकि अब तीन दिन का विश्राम मिला है जिससे खिलाड़ी काफी तरोताजा महसूस कर रहे हैं और पाकिस्तान से भिड़ने के लिये तैयार हैं जिसके लिये यह मुकाबला करो या मरो जैसा है। इस मैच में जीत से ही पाकिस्तान की फाइनल में पहुंचने की आस बनी रहेगी।
इरफान पठान को छोड़कर भारत की पूरी टीम फिट है। पठान का खेलना अब भी संदिग्ध है। बायें हाथ के इस गेंदबाज ने हालांकि कल अभ्यास किया था लेकिन भारतीय थिंक टैंक उन्हें मैदान पर उतारकर किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहेगा।

पाक स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के कर्मचारियों को मिल रहे हैं धमकी भरे फोन

इस्लामाबाद तीन जून-पाकिस्तान की राजधानी में स्थित संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय में कर्मचारियों को फोन से मिल रही धमकियों के बाद संगठन ने अपने कर्मचारियों को अपने घरों में ही रहने को कहा है।
संयुक्त राष्ट्र संप्रेषण अधिकारी आमना अली कमाल ने कहा कि संरा के लिंग समानता सहायता कार्यक्रम कार्यालय में मंगलवार को आये धमकी भरे फोन काल के बाद जांच एजेंसियों ने इस मामले में अपना काम शुरू कर दिया है।
पिछले माह डेनिश दूतावास के बाहर हुए आत्मघाती विस्फोट से इस संरा समर्थित संगठन के कार्यालय को काफी क्षति पहुंची थी। इस हमले में आठ लोगों की मौत हो गयी थी।
डेली टाइम्स अखबार को दिये गये बयान में कमाल ने इस बात से इंकार किया कि धमकी से भरे फोनें के चलते संरा पाकिस्तान में अपने कार्यालय बंद करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि संरा अधिकारियों ने कर्मचारियों को अपने घरों में रहने को कहा है जब तक कि मामला शांत न हो जाए।

बीस हजार ट्रकों के पहिये जाम, सर्वाधिक असर व्यापारियों पर

कानपुर, तीन जुलाई- ट्रक आपरेटर्स यूनियन के आह्वान पर देशव्यापी ट्रक हड़ताल के दूसरे दिन इसका असर धीरे...धीरे सब्जी मंडियों आदि में दिखने लगा है। ट्रक मालिकों का दावा है कि एक दो दिन में आम जनता इस हड़ताल से परेशान होने लगेगी।
एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी कही जाने वाली कानपुर की चकरपुर मंडी में न तो नया माल लेकर कोई ट्रक आ रहा है और न ही यहां से कोई ट्र्क लोड होकर बाहर जा रहा है।
मोटर ट्रंसपोर्टर यूनियन कानपुर के अध्यक्ष श्याम गुप्ता ने आज पत्रकारों को बताया कि शहर में करीब बीस हजार ट्रक हैं, जिनके पहिये कल से जाम है। उन्होंनें बताया कि कानपुर चूंकि एक औद्योगिक शहर है, इसलिये यहां प्रतिदिन उद्योगों एवं व्यापार में लगने वाली मशीनरी, केमिकल, लोहा, किराना, अनाज, सब्जियां व फल देश के विभिन्न शहरों से आता है, जो इस हड़ताल के कारण पूरी तरह से ठप्प हैं।
उन्होंनें बताया कि कानपुर में प्रतिदिन करीब तीन हजार ट्र्क देश के विभिन्न हिस्सों से माल लेकर आते हैं, जो हड़ताल के कारण नहीं आ रहे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान उद्मियों और व्यापारियों को हो रहा है क्योंकि उनका माल फंसने से उनका कारोबार ठप्प होने की आशंका है।

निर्दयी बाप ने दुधमुहे बच्चे को पुल से नीचे फेंका

वाराणसी- निर्दयी बाप ने अपने छ माह के पुत्र को बुधवार की शाम रविन्द्रपुरी पुल से नीचे उफनते नाले में फेंक दिया जब इस व्यक्ति की कारस्तानी को क्षेत्रीय लोगों ने देखा तो सबसे पहले बच्चे को नाले से बाहर निकाला और बाप की जमकर पिटाई की इसके बाद उसे लंका पुलिस थाने को सुपुर्द कर दिया ।
रविन्द्रपुरी दलित बस्ती का रहने वाला यह व्यक्ति अशोक कुमार वी० एच० यू० में स्वीपर का काम करता है यह बुधवार की शाम शराब पीने के बाद इसने अपना आपा खो बैठा घर पहुँच कर उसने अपने छ माह के पुत्र को लेकर पास के पुल के नीचे के नाले में फेंक दिया बच्चे के रोने की आवाज को सुनकर क्षेत्रीय लोग वहां पहुंचे लोगों नें पहले बच्चे को नाले से बाहर निकाला जो कि नाले में स्थित एक झाडी में सुरक्षित टिका हुआ रो रहा था घटना से गुस्साए लोगों नें निर्दयी पिता की पिटाई की बाद में उसे स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया ।
पता चला कि शराब के नशे में वह अपने बेटे को पत्नी दीपमाला के हाँथ से घुमाने के लिए लेकर निकला उसकी पत्नी को भी नहीं पता था कि उसका पति पुत्रहन्ता बनने जा रहा है पुलिस के पूछताछ से उसने बताया कि ३ साल पहले उसने गाजीपुर के एक ठेकेदार से ३० हजार रूपये व्याज पर लिया । तनख्वाह मिलने पर ठेकेदार उसके पास १ हजार रूपये छोड़ कर बाकी पैसे ले लेता था । बुधवार को भी ऐसा ही हुआ ब्याजखोर से त्रस्त स्वीपर ने ठेकेदार को फसाने के लिए अपने पुत्र को नाले में फेंका लेकिन क्षेत्रीय लोगों के चलते पासा पलट गया । घटना के काफी देर बाद तक स्वीपर की पत्नी को बेटे को उसी के पति द्वारा नाले में फेंके जाने की सूचना नहीं थी ।

हड़तालों व सड़क जाम पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर की

नई दिल्ली-बार-बार की हड़तालों और सड़क जाम पर निराशा प्रकट करते हुए नाराज सुप्रीमकोर्ट ने बृहस्पतिवार को देश को बंधक बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में असहयोग दिखाने के लिए सरकार को फटकार लगाई।
सर्वोच्च न्यायालय ने इस मौके का उपयोग यह व्यंग्य करने के लिए भी किया कि किसी तरह अदालतों पर हस्तक्षेप और न्यायिक नाकामी का आरोप लगाया जाता है जब उन्हें जन महत्व के मामलों पर आदेश पारित करने के लिए बाध्य किया जाता है जो राज्य स्वयं कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य पूरा आराम करते हैं और कुछ नहीं करते। जिन्हें संविधान के तहत काम करना चाहिए वे इसके पक्ष हैं। जिनके पास शारीरिक शक्ति है वे देश को बंधक बना सकते हैं। न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पूरा जीवन रुक जाता है। दवाओं ईधन और सभी चीजों की आवाजाही प्रभावित होती है तथा राज्य अपनी असहयोग व्यक्त करता है। इसे अनुमति नहीं दी जा सकती।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ३१-ए पर हाल के अवरोध से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई कर रही पीठ को आश्चर्य हुआ कि इस तरह के संकट में अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं और स्थिति से निबटने का काम न्यायपालिका पर छोड़ रहे हैं। बाकी दुनिया को सिक्किम से जोड़ने वाले एकमात्र राजमार्ग को अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बंद कर दिया था।
पीठ ने केंद्र, पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सरकारों को एनएच 31-ए पर यातायात का सुचारु आवागमन सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि राज्यों की अपनी अदालतों के प्रति जिम्मेदारी है। अदालत को वह आदेश पारित करना होता है जो राज्य को खुद करना चाहिए। उसके बाद कहा जाता है कि हस्तक्षेप है और न्यायपालिका नाकाम है।
न्यायालय ने न सिर्फ एनएच ३१-ए बाधित किए जाने के दौरान पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति से निबटने के तौर तरीकों पर नाखुशी जाहिर की बल्कि हाल के कई आंदोलनों का जिक्र किया जिनमें राजस्थान में अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग पर गुर्जर विरोध शामिल था जिसने जनजीवन ठप कर दिया था।
पीठ ने कहा कि कोई भी इस देश को बंधक बना सकता है। महत्वपूर्ण संपर्क रोक दिए जाते हैं और कोई व्यक्ति कुछ नहीं कर रहा है। राजस्थान ने इन सबका ४५ दिन सामना किया। इस पीठ में न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी भी शामिल थे।
पीठ सिक्किम सरकार के इन सुझावों से भी खफा थी कि सेना और अ‌र्द्धसैनिक बलों की मदद एचएच ३१-ए से अवरोध हटाने के लिए ली जाना चाहिए। पीठ ने सुझाव को खारिज करते हुए कहा कि सबकुछ सेना द्वारा, तब हम वहां क्यों नहीं सैन्य शासन लगा देते।
जिस याचिका पर अदालत ने टिप्पणियां कीं वह २००५ में सिक्किम निवासी ओपी भंडारी ने दाखिल की थी। इसके साथ ही उन्होंने ताजे आवेदन दाखिल किए थे। राज्य सरकार ने भी गोरखालैंड पर हालिया अशांति के मद्देनजर याचिका पेश की थी और केंद्र को एनएच ३१-ए से आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।
पीठ ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, जन जागरण मंच (दोनों गोरखालैंड समर्थक समूह) आमरा बंगाल और जन चेतना (दोनों गोरखालैंड विरोधी) को भी निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि एनएच ३१ पर आवागमन में कोई बाधा पैदा न हो।

पाकिस्तान में हजारों लोगों को मौत की सजा से राहत

पाकिस्तानी मंत्रिमंडल ने मृत्युदंड का सामना कर रहे हज़ारों लोगों की सज़ा को आजीवन कारावास में बदलने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है । सूचना मंत्री शेरी रहमान ने बताया कि मंत्रिमंडल के इस फ़ैसले से सात हज़ार लोगों को फांसी के फंदे से बचाया जा सकेगा ।
लेकिन अभी ये स्पष्ट नहीं है कि सज़ा में कमी का लाभ आतंकवाद और जासूसी जैसे अपराध के मामलों में मिलेगा या नहीं, भारत के सरबजीत सिंह के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तानी सूचना मंत्री ने कहा, "सरबजीत का मामला अलग है, इस पर सरकार ने अभी कोई फ़ैसला नहीं किया है."
इस माफी पर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन "एमनेस्टी इंटरनेशनल" ने सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत किया है और कहा है कि कहा, "हम आशा करते हैं कि इससे फांसी के फंदे का सामना करने वाले सभी लोगों को छुटकारा मिलेगा, उनके बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा." मानवाधिकार संगठन ने कहा, "हम राष्ट्रपति मुशर्रफ़ से अनुरोध करेंगे कि वे इस फ़ैसले पर तुरंत मुहर लगाएँ, अगर ऐसा होता है तो दुनिया भर में मृत्युदंड की सज़ा में एक झटके में एक-तिहाई की कमी आ जाएगी।" उसका यह भी कहना है कि "यह आधुनिक इतिहास में फाँसी की सज़ा से सामूहिक तौर पर दी गई सबसे बड़ी राहत होगी और इससे फांसी की सज़ा को समाप्त करने की दिशा में जनमत तैयार करने के अभियान को बल मिलेगा।"
पाकिस्तान के राष्ट्रपति मुशर्रफ़ की सहमति मिलने के बाद ही इस फ़ैसले पर अमल हो सकेगा वैसे इस मामले में मुशर्रफ़ काफी उदार माने जा रहे है क्योकि वर्ष २००२ में मुशर्रफ़ के नेतृत्व वाली सरकार ने मृत्युदंड का सामना कर रहे कई क़ैदियों की सज़ा में कमी कर दी इस फ़ैसले की घोषणा २५ जून को प्रधानमंत्री युसुफ़ रज़ा गिलानी ने की थी और अब इसे कैबिनेट की मंज़ूरी मिल गई है । पिछले दिनों प्रधानमंत्री के एक सलाहकार ने कहा था कि इस प्रस्ताव के तहत आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़े लोगों को राहत नहीं मिलेगी, लेकिन इस मामले पर स्थिति बहुत स्पष्ट नहीं है

पत्नी के साथ छेड़-छाड़ करने का विरोध करने पर पति की पिटाई

उत्तर प्रदेश-सं० र० न० भदोही जिले में स्थित औराई थाना क्षेत्र लक्ष्मणियां माधोसिंह के पास पासी बस्ती में कुछ बिहारियों नें एक औरत के साथ छेड़ छाड़ कर दी । औरत के पति नें इसका विरोध किया तो उसकी पिटाई कर दी और घर में लूट पाट भी की । उसके पति नें औराई थाने में दो लोगों के साथ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है । मंगलवार की रात गाँव के ही एक व्यक्ति के यहाँ कालीन का काम करने वाले कुछ बिहारी रमेंद्र ( परिवर्तित नाम ) की गैर मौजूदगी में उसे पूछते हुए उसके घर चले आए ।
पत्नी सुनीता ( परिवर्तित नाम ) नें उन लोगों से कहा कि पति घर पर नहीं है इतना सुनते ही एक युवक घर में घुस आया और सुनीता से छेड़खानी करने लगा तो सुनीता नें इसके विरोध में शोर मचाया उसी समय उसका पति रमेंद्र घर पर आ गया और दोनों युवकों को दो चार झापड़ जड़ दिए तथा कुछ देर बाद वह उन बिहारियों की शिकायत करने उसके पास चला गया जिसके पास वे बिहारी काम करते थे और शिकायत की तो रमेंद्र से उसने कहा कि हम उन्हें डांट देंगे किंतु थोडी ही देर बाद १० बिहारियों को साथ लेकर वह रमेंद्र के घर पहुंच गया और रमेंद्र की जमकर धुनाई कर दी । उसकी पत्नी सुनीता के साथ भी छेड़-छाड़ की और घर में घुसकर सूटकेश तोड़ कर उसमें रखी सोने की एक जंजीर, २००० रूपये नगद व कपडे उठा ले गए ।
आस-पास के लोगों नें इसका विरोध किया लेकिन बदमाशों नें किसी की नहीं मानी घटना के बाद बुधवार की सुबह रमेंद्र नें औराई थाने में बिहारियों और उनके मालिक के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है । बताया जाता है कि रिपोर्ट दर्ज होते ही कुछ बिहारी फरार हो गए जबकि उनका मालिक मामले को रफा-दफा करने के लिए स्थानीय नेताओं पर दबाव बना रहा है ।
अमरेन्द्र पाठक ( भदोही ) यू०पी०

ओपेक ने तेल बाजार में अटकलजाबी को रोकने का अनुरोध किया

न्यूयार्क और लंदन के बाजारों के कच्चे तेल के दामों में २ तारीख को फिर नया रिकार्ड कायम हुआ । तेल के दाम की स्थिरता के लिए तेल निर्यातित देशों के संगठन ओपेक ने विभिन्न देशों से अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार पर अटकलबाजी की रोकथाम की कोशिश करने की अपील की ।
न्यूयार्क वायदा बाजार में अगस्त के लिए कच्चे तेल का दाम पिछले दिन से २.६ अमरीकी डालर बढकर १४३.५७ अमरीकी डालर प्रति बैरल बंद हुआ । लंदन अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में अगस्त के लिए प्रेंट कच्चे तेल का दाम १४४.२६ अमरीकी डालर प्रति बैरल बंद हुआ ,जो पिछले दिन से ३.५९ अमरीकी डालर बढा है।
ओपेक के महासचिव बाडरी ने २ तारीख को मैड्रिड में आयोजित विश्व तेल महासभा में दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के ऊंचे दाम का मुख्य कारण तेल के उत्पादन की कमी नहीं है ,बल्कि अमरीकी वित्तीय संकट और अमरीकी डालर के अवमूल्यन से पैदा वित्तीय अटकलबाजी है । उन्होंने विश्व के देशों से अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार में वायदा कारोबार के नाम पर सट्टेबाजी की रोकथाम करने की अपील की ताकि तेल की कीमत स्थिर की जाए ।
ईरानी तेल मंत्री नोजारी ने २ तारीख को मैड्रिड में कहा कि वर्ष २०१४ तक ईरान का प्रतिदिन का तेल उत्पादन २२ प्रतिशत बढकर ५३ लाख प्रति बैरल तक जा पहुंचेगा ।उन्होंने बल देकर कहा कि ईरान के विचार में तेल के वर्तमान ऊंचे दाम का मुख्य कारण बाजारों में सप्लाई की कमी के बजाए वायदा कारोबारियों द्वारा की जा रही अति सट्टेबाजी है ।

टीटीई ने चलती ट्रेन से बालक को निचे फेंका

राऊरकेला- बारह साल के एक लड़के को कथित तौर पर एक टीटीई द्वारा चलती रेलगाड़ी से बाहर फेंक देने के कारण उसे अपना दाहिना पैर एवं दाहिना हाथ गंवाना पड़ा। यह जानकारी सरकारी रेलवे पुलिस के सूत्रों ने दी।
शंकर सिंह रेलगाडियों के डिब्बों की सफाई कर अपना गुजारा चलाता है। सूत्रों ने बताया कि शंकर बुधवार को राऊरकेला रेलवे स्टेशन पर एक एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ा। शंकर को एक सीट के नीचे ५० रुपये का नोट मिला। टीटीई ने शंकर को ५० रुपये का नोट उसे सौंप देने को कहा, लेकिन उसने नोट सौंपने से मना कर दिया। इसे लेकर शंकर और टीटीई में झगड़ा हो गया और तब तक गाड़ी चलने लगी। सूत्रों ने बताया कि गुस्साए टीटीई ने उसे थप्पड़ जड़ा और उसे खींचकर डिब्बे के दरवाजे तक ले गया तथा चलती रेलगाड़ी से बाहर फेंक दिया। शंकर के एक दोस्त ने बाद में प्राथमिकी दर्ज कराई।
सूत्रों ने बताया कि शंकर को इस्पात जनरल अस्पताल में दाखिल कराया गया है जहां उसकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है। घटना के तुरंत बाद सामाजिक संगठन जन कल्याण समिति के सदस्यों ने इसके अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी की अध्यक्षता में घटना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और टीटीई की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। राऊरकेला के अतिरिक्त जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि लड़के का उपचार जिला रेडक्रास के फंड से कराया जाएगा। जीआरपी ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है।

भाजपा के बंद का देशभर में असर

कई हिस्सों में तोड़-फोड़
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी और वीएचपी के भारत बंद के आह्वान का देशभर में व्यापक असर दिखाई दे रहा है।
दिल्ली, मुंबई, गाँधीनगर, भोपाल, इंदौर,उज्जैन और सूरत आदि स्थानों पर बंद समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया। दिल्ली में भी कई रास्तों पर चक्काजाम किया गया है।
लुधियाना-चंडीगढ़ हाईवे पर भी रास्ता जाम किया गया है। कई शहरों में ट्रेनें भी रोकी जा रही हैं। चंडीगढ़ में पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज भी किया। गुड़गाँव और कोलकाता में भी कई जगह जाम के समाचार हैं।
जम्मू में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के एक नेता के घर पर बंद समर्थकों ने हमला किया, जिससे शहर में तनाव की स्थि‍ति है। यहाँ कई उत्पातियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
मुंबई में भी बंद समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया तथा कई जगह बलपूर्वक दुकानें बंद करवाईं। वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे भी जाम किया गया है।
विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता दोपहिया वाहनों में सवार होकर दुकानें बंद करवाते देखे गए, जिससे कहीं-कहीं विवाद की स्थिति भी बनी।
देशभर में बंद को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक प्रबंध किए गए हैं।

परमाणु करार और सरकार के लिए आज महत्वपूर्ण दिन

अमरीका के साथ परमाणु समझौते पर समर्थन वापसी की वाम दलों की धमकी के बीच गुरुवार को यूएनपीए की अहम बैठक हो रही है जिसमें नए राजनीतिक समीकरण के संकेत मिल सकते हैं।
भारतीय राजनीति के तीसरे कोण यानी यूएनपीए के प्रमुख घटक दल समाजवादी पार्टी (सपा) और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के बीच जिस तरह बातचीत का सिलसिला शुरु हुआ है, उससे संभावना जताई जा रही है कि वाम दलों के समर्थन वापस लेने की स्थिति में सपा सरकार बचाने के लिए आगे आ सकती है।
आख़िरी कड़ी में बुधवार को यूपीए सरकार की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने सपा नेताओं को परमाणु समझौते की बारीकियाँ समझाई ।
बैठक के बाद सपा महासचिव अमर सिंह ने हाइड एक्ट, १२३ समझौता और ईरान के साथ संबंधों को लेकर कुछ सवाल उठाए ।
इसके थोड़ी देर बाद ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने विस्तृत बयान जारी कर सपा के संशय को दूर करने की कोशिश की ।
सपा महासचिव अमर सिंह ने यूपीए के साथ रिश्तों में गर्माहट के संकेत देते हुए कहा, "हमारे लिए सबसे बड़ी चीज ये है कि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखें।"
ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि काँग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सहमति बन गई है कि अगर वामपंथी अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो वे सरकार को बचा लेंगे"।
उधर वाम मोर्चे के दूसरे प्रमुख घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता एबी बर्धन ने पत्रकारों से कहा, "सरकार की मंशा तो साफ़ है। प्रधानमंत्री जी-८ की बैठक में जा रहे हैं. अब समर्थन वापस कब लिया जाए ये फ़ैसला शुक्रवार को हम वाम मोर्चे की बैठक में लेंगे."
यूपीए सरकार अमरीका के साथ प्रस्तावित परमाणु समझौते को अपनी मुख्य उपलब्धियों में गिनाती रही रही है। गठबंधन सरकार की अगुआ कांग्रेस पार्टी स्पष्ट कर चुकी है कि ये समझौता देशहित में है क्योंकि इससे उर्जा संकट दूर करने में मदद मिलेगी ।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सपा की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि समझौते का भारत की विदेश नीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा ।
ये भी आश्वासन दिया गया है कि न तो इससे भारत-ईरान संबंधों पर असर होगा और न भारत की सामरिक नीति प्रभावित होगी ।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोहराया है कि १२३ समझौता सर्वोपरि होगा न कि हाईड एक्ट और भारत की परमाणु परीक्षण की स्वतंत्रता पर भी कोई आँच नहीं आएगी ।

जरदारी नें पाकिस्तान को आतंकवाद की नर्शरी बताया

इस्लामाबाद- पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान को आतंकवाद की नर्सरी बताते हुए कहा कि पश्चिमी राष्ट्रों ने अवाम की बजाय इसकी सेना में निवेश कर इस देश का इस्तेमाल अपने लघुकालिक राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया।
जरदारी ने एथेन्स में सोशलिस्ट इंटरनेशनल कांग्रेस में अपने मुख्य संबोधन में कहा कि पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की 'पेट्रीडिश' बन गया है। पाकिस्तानी नेता ने कहा कि यह नाकाम अंतरराष्ट्रीय सियासत का उत्पाद है और हमारा सृजन नहीं है।
फरवरी में आम चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व कर रही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता ने कहा उपनिवेशवाद के तहत हमारा शोषण किया गया और शीतयुद्ध के दौरान हमारा इस्तेमाल किया गया। अफगानिस्तान में सोवियतों के खिलाफ जंग के लिए हमें एक पक्ष में बदल दिया गया और जब वह जंग जीत ली गई तो पाकिस्तान और जिस देश को हमने मुक्त कराया उसे उग्रवाद और धर्मांधता की शक्तियों के हाथों में अकेला छोड़ दिया गया।