Aug 25, 2008

पाकिस्तान नें तालिबान पर प्रतिबंध लगाया

इस्लामाबाद, २५ अगस्त- पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर प्रतिबंध लगा दिया तथा उसके सभी खातों और संपत्तियों को जब्त कर लिया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार रहमान मलिक ने बताया कि सभी संबद्ध विभागों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को टीटीपी पर प्रतिबंध संबंधी अधिसूचना की औपचारिक जानकारी दे दी गई है। इसके साथ प्रतिबंधित संगठन से जुड़े सभी लोगों के आने जाने पर भी रोक लगाई गई है।
पाकिस्तान सरकार ने कुख्यात आतंकी बैतुल्ला महसूद के संगठन टीटीपी से जुड़े लोगों एवं संगठनों को चेतावनी भी जारी की है और यह भी कहा है कि ये प्रतिबंध टीटीपी के सार्वजनिक बयानों और मीडिया प्रतिनिधियों पर भी लागू होंगे। टीटीपी सरकारी दफ्तरों और सुरक्षा बलों पर हमले करता रहा है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार की इस कार्रवाई से पहले सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने टीटीपी पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की जरूरत व्यक्त की थी।

उड़ीसा में चार विश्व हिंदू परिषद के नेताओं की हत्या

भुवनेश्वर, २४ अगस्त-उड़ीसा के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कंधमाल जिले में जन्माष्टमी के त्योहार के दौरान एक कन्या आश्रम पर शनिवार रात संदिग्ध माओवादियों ने हमला कर विहिप के चार नेताओं समेत कम से कम पाँच लोगों की हत्या कर दी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि करीब ३० सशस्त्र लोगों ने कंधमाल जिला मुख्यालय शहर फूलबनी से करीब १२७ किलोमीटर दूर तुमुदीबंध प्रखंड के जालेस्पता स्थित आश्रम पर रात सवा नौ बजे हमला कर गोलियों की बौछार कर दी।
मरने वालों में विहिप नेता लक्ष्मणनंदा सरस्वती के अतिरिक्त अरूपनंदा, चिन्मयानंद और माता भक्तिमयी तथा एक अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं।
आश्रम पर हमले के बाद आदिवासी बहुल जिले में कुछ स्थानों पर तनाव व्याप्त हो गया। तुमुदीबंध को जाने वाली सड़क को सील कर दिया गया और जिले में सांप्रदायिक उन्माद फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं। इलाके में सीआरपीएफ समेत अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
राज्य के गृह सचिव टीके मिश्रा ने कहा कि कंधमाल में सुरक्षा कड़ी करने के अतिरिक्त हमले केंद्र से अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की माँग की है। केन्द्र से माँग की गई है कि वह सीआरपीएफ की सात कंपनियों को यहाँ बने रहने दे।
८५ वर्षीय लक्ष्मणनंदा सरस्वती पिछले साल क्रिसमस के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा के समय से ही विवादों के केंद्र में थे। वे पिछले करीब चार दशक से कंधमाल जिले में आदिवासियों के बीच काम कर रहे थे।

मैं भारत से प्‍यार करती हूँ-तसलीमा नसरीन

कोलकाता, २५ अगस्त-विवादास्पद बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा कि भारत छोड़कर जाने की उनकी कोई योजना नहीं है। तसलीमा इस माह के शुरू में ही स्वीडन से भारत लौटी हैं। तसलीमा ने कहा कि मैं इस देश से प्यार करती हूँ। मैं यहाँ के लोगों के साथ रहना चाहती हूँ। इस देश को छोड़ने की मेरी कोई योजना नहीं है।
हाल ही में यह खबरें आईं थीं कि तसलीमा सुरक्षा संबंधी कारणों से यूरोप जाने के बारे में सोच रही हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उनके वीजा की अवधि बढ़ाई जाएगी ४५ वर्षीय तसलीमा ने कहा कि भारत सरकार मेरा वीजा छह माह के लिए बढ़ा चुकी है।
इस्लामी कट्टरपंथियों से खतरे के कारण भारत आई तसलीमा से भारत की नागरिकता के बारे में पूछे जाने पर उनका जवाब था कि मैं इस देश की लोकतांत्रिक परंपरा और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती हूँ।
मुझे यह भी उम्मीद है कि एक दिन स्थायी नागरिकता की मेरी अपील जरूर मानी जाएगी। तसलीमा चार माह से अधिक समय तक दिल्ली में एक सुरक्षित स्थान पर रखे जाने के बाद १८ मार्च को स्वीडन चली गई थीं।

आखिरकार भदोही से जुड़ ही गए आतंकियों के तार

लखनऊ, २५ अगस्त- आखिरकार आतंकियों के तार पूर्वी उत्तर प्रदेश के भदोही से जुड़ ही गए पिछले दिनों डीएनएस के माध्यम से दिनांक १८ अगस्त एक ख़बर दी गयी थी सिमी को लेकर भदोही में खुफिया तंत्र सक्रिय खुफिया तंत्र को आख़िर कामयाबी मिली आखिकार शहवाज अहमद नामक एक व्यक्ति को जयपुर धमाकों के शिलशिले में गिरफ्तार करके लखनऊ के एक अदालत में पेश किया गया ।
इसे उत्तर प्रदेश के भदोही का बताया जा रहा है । जयपुर पुलिस के हवाले से बताया गया है कि सहवाज अहमद जयपुर धमाकों में इस्तेमाल की गयी सायकिलें एवं विस्फोटक की सप्लाई इसी व्यक्ति ने की थी । यह व्यक्ति जयपुर धमाकों का की परसन है यह लखनऊ में एक कम्प्यूटर इंस्टीट्युट चलाता है ।
सहवाज अहमद के सिमी में महत्व को लेकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसका संपर्क सिमी के स्लीपिंग सेल से लेकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई एस आई तक से लगातार रहता था । इतना ही नहीं यह सिमी के मुखपत्र अख़बार जिसे मुंबई से उर्दू भाषा में प्रकाशित किया जाता है उसके इंग्लिश वर्जन का आडिटर भी बताया जा रहा है कुल मिलाकर यह व्यक्ति सिमी का नंबर टू माना जा रहा है ।

कराची में अमेरिकी सेना का वाहन जलाया गया

कराची, २५ अगस्त- पाकिस्तान के सबसे बड़े औद्योगिक शहर कराची में कुछ बंदूकधारियों ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए भेजी जा रहीं दो बख्तरबंद गाड़ियों को आग लगा दी।
ऐसी खबरें हैं कि इस्लामिक आतंकवादियों ने अफगानिस्तान में तैनात विदेशी सेनाओं की आपूर्ति लाइन पर और भी हमले करने की धमकी दी है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो सेनाओं के लिए रसद एवं अन्य आपूर्ति कराची तक जलमार्ग से और फिर ट्रकों के जरिए वहां भिजवाई जाती हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी फैजल नूर ने रॉयटर्स को बताया कि ये बख्तरबंद वाहन एक लॉरी पर लदे थे, जो देशव्यापी ट्रक हड़ताल के कारण मुख्यमार्ग पर कहीं खड़ी थी।
उन्होंने बताया कि करीब २४-२५ सशस्त्र लोगों ने लॉरी को घेर लिया। फिर पहले उनपर गोलियों की बौछार की तथा बाद में आग लगा दी।
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह काम तालिबानियों का हो सकता है, तो नूर ने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

उडीसा में विहिप नेता की हत्या के खिलाफ बंद से जनजीवन अस्तव्यस्त

भुवनेश्वर २५ अगस्त-विश्व हिन्दू परिषद विहिप के वरिष्ठ नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और चार अन्यों की हत्या के खिलाफ विहिप के आज दिनभर के उडीसा बंद से राज्य में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया ।
राज्य में व्यापक हिंसा तथा मकानों और चर्चो में आग लगाये जाने के मद्देनजर कल कंधमाल के तीन संवदेनशील ब्लाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। बंद के दौरान व्यापक हिंसा की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने कंधमाल में निषेधाज्ञा आदेशों को पहले ही लागू कर दिया था और सभी संवदेनशील इलाकों में अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया था ।
उल्लेखनीय है कि कालाहांडी और कंधमाल सीमा पर स्थित जलेसपेटा आश्रम में २३ अगस्त की रात कुछ सशस्त्र हमलावरों ने स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और चार अन्य की हत्या कर दी थी ।
इन हत्याओं के विरोध में राज्य में तनाव उत्पन्न हो गया और उग्र विहिप कार्यकर्ताओं ने सुंदरगढ। कंधमाल रायागडा और कोरापुट जिलों में मकानों और चर्चों पर हमला किया । बंद से लगभग सभी जिलों में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है । कई रेलवे स्टेशनों पर बंद समर्थको के धरने पर बैठने के बद ट्रेन सेवाएं बुरी तरह से बाधित हो गई है । पूर्वी तटीय रेलवे ने कुछ ट्रेनों को रद्द कर दिया और कई स्टेशनों पर लम्बी दूरी की ट्रेनों का समय बदला .

घाटी के निवासी राष्ट्रीय टीवी चैनलों से नाराज

श्रीनगर, २४ अगस्त- कश्मीर में स्थानीय केबल टीवी चैनलों की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है लेकिन राष्ट्रीय टीवी न्यूज चैनलों का प्रतिनिधित्व करने वाले पत्रकार आंदोलनकारियों की नाराजगी महसूस कर रहे हैं। इन पत्रकारों पर घाटी और जम्मू के घटनाक्रमों की भेदभावपूर्ण रिपोर्टिंग करने के आरोप लग रहे हैं।
घाटी में जून के आखिरी सप्ताह से अमरनाथ भूमि विवाद को लेकर आंदोलन शुरू हुआ है। तब से ही स्थानीय केबल चैनलों की खबरों को ही यहां के निवासी सही मान रहे हैं।
लाल चौक निवासी अब्दुल गनी भट ने कहा स्थानीय चैनल जनता तक नेतृत्व का संदेश पहुंचाने में अच्छा काम कर रहे हैं। वे घटनाक्रमों की असली तस्वीर दिखा रहे है ।
भट ने कहा कि स्थानीय चैनलों के पास प्रत्येक घटना की विस्तृत रिपोर्ट होती है। वे लोगों के नजरिये और साक्षात्कार भी प्रसारित करते हैं चाहे वह सरकार पर हो या पुलिस पर या फिर अलगाववादियों पर।
घाटी में कम से कम आधा दर्जन केबल टीवी नेटवर्क सक्रिय हैं। प्रत्येक के पास खबरों और समसामयिक कार्यक्रमों के लिए तीन घंटे से अधिक का टाइम स्लाट है।