Jul 11, 2008

२ अक्टूबर से सभी पब्लिक और प्राइवेट प्लेस में स्मोकिंग पर प्रतिबन्ध

पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. अम्बुमणि रामदास ने २ अक्टूबर से देश में सभी निजी भवनों, होटल, क्लबों, सिनेमा हॉलों और दूसरे पब्लिक और निजी इमारतों में स्मोकिंग पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा की है।
श्री रामदास ने वर्ल्ड पॉपुलेशन डे के मौके पर पटना में आयोजित एक कार्यक्रम भाग लेने के बाद कहा कि २ अक्टूबर से किसी भी पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग करने पर बैन रहेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि पार्क और खुली हुई सड़कों पर लोग स्मोक कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता हुआ पकड़ा जाएगा तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्मोक करने और तंबाकू का इस्तेमाल करने से सभी लोगों की हेल्थ पर गलत असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि देश भर में तंबाकू निरोध अभियान को लागू करने के लिये चालू वित्तीय वर्ष में पांच सौ करोड़ रूपए की राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ओर से लोगों से बार-बार स्मोकिंग और तंबाकू छोड़ने का आग्रह किया गया लेकिन बावजूद इसके लोगों ने इसे नहीं छोड़ा जिसके कारण मजबूर होकर बैन लगाने का फैसला लिया गया।
श्री रामदास ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इंग्लैंड समेत अन्य विकसित देशों की चर्चा करते हुए कहा कि वहां के लोगों ने पिछले कुछ सालों में २५ पर्सेंट स्मोकिंग करना कम किया है जबकि देश में हर साल १५ से २० पर्सेंट तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या बढ़ रही है।

राज ठाकरे नें मराठी अधिकारियों को चेतावनी दी

मुंबई, ११ जुलाई- उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ अपने अभियान को व्यापकता प्रदान करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शुक्रवार को मराठी अधिकारियों को एक माह का अल्टीमेटम दिया और आगाह किया कि वे फर्जी निवास प्रमाणपत्र एवं ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर आने वाले बाहरी लोगों की मदद बंद करें।
राज ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद जारी एक बयान में कहा कि मैं मराठी अधिकारियों से एक माह बाद फिर संवाद करूंगा। यदि आपकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई तो एमएनएस कानून एवं व्यवस्था कायम रखने का काम अपने हाथ में ले लेगी।
उन्होंने राज्य में उत्तर भारतीयों का तांता लगने के लिए विभिन्न परमिट जारी करने के मामले में सरकारी प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार को दोषी ठहराया।
एमएनएस प्रमुख ने कहा कि मैं आपसे अपील करता हूं कि प्रवासियों को फर्जी राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और निवास प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाए। इससे उन्हें हमारे राज्य में गैर कानूनी गतिविधियां चलाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
उन्होंने कहा कि यहां आने वाले प्रवासी सरकारी जमीनों पर कब्जा कर लेते हैं, झुग्गियां डाल लेते हैं, और गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़े पैमाने पर हथियार आयात किए जा रहे हैं।

हिरासत में मरे व्यक्ति को दिल्ली पुलिस नें भिखारी बताकर जलाया

नई दिल्ली, ११ जुलाई- पुलिस हिरासत में हुई एक व्यक्ति की मौत को छिपाने के लिए पहले उसके शव को दूसरे थाने के क्षेत्र में फेंक दिया गया और बाद में शव को भिखारी व लावारिस बताकर बिना पोस्टमार्टम कराए उसका दाह संस्कार कर दिया गया। दिल्ली पुलिस की इस काली करतूत का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत ली गई जानकारी में हुआ है। यह जानकारी एक समाज सेविका ने जुटाई है। आरटीआई के तहत ली गई जानकारी और अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को आधार बनाकर मृतक के परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दोषियों के खिलाफ हिरासत में हुई मौत का मामला दर्ज करने और मामले की जांच सीबीआई या अन्य जांच एजेंसी से कराने की मांग की है। साथ ही मुआवजा देने और गवाहों को संरक्षण देने की भी मांग की है। फिलहाल इस मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस व अन्य को नोटिस जारी कर २८ अगस्त तक जवाब देने को कहा है।
न्यायमूर्ति एसएल भयाना की पीठ के समक्ष वकील आरडी राना ने बताया कि मादीपुर का रहने वाला टेकचंद इलाके की ही रामा हार्डवेयर दुकान में प्लंबर का काम करता था। २६ अगस्त २००७ को किसी बात को लेकर टेकचंद की दुकान में पिटाई कर दी गई, जिससे वह घायल हो गया। इसकी सूचना संजीव नामक राहगीर ने पुलिस को दी। इस बीच दुकान से भी एक कॉल पुलिस को की गई, जिसमें बताया गया कि एक चोर पकड़ा गया है। याचिका में कहा गया है कि टेकचंद को पुलिस की मदद से घायल हालत में मादीपुर पुलिस चौकी लाया गया। वहां भी आरोपितों के इशारे पर उसे पुलिस ने जमकर पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। इस बीच टेकचंद के परिजनों को पता चला कि टेकचंद को पुलिस चौकी ले जाया गया है। वे भी चौकी पहुंचे। वहां के इंचार्ज एसआई गगन भास्कर ने उन्हें बताया कि टेकचंद यहां से दस बजे चला गया। बाद में टेकचंद की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई।
आरोप के अनुसार करीब छह महीने तक टेकचंद की मौत की बात पुलिस अधिकारी छिपाए रहे। बताया गया कि पुलिस हिरासत में हुई मौत को छिपाने के लिए मिलीभगत से लाश को लावारिस बता कर बिना पोस्टमार्टम कराए दाह संस्कार कर दिया गया। टेकचंद का शव थाना पश्चिम विहार इलाके से बरामद किया गया था। शव पर चोट के निशान भी पाए गए थे।
याचिका में कहा गया कि इस बात की जानकारी पूरे पश्चिमी जिला पुलिस को थी। वकील राना ने बताया कि जागृति महिला समिति की अध्यक्ष निर्मला शर्मा ने आरटीआई के तहत इस संबंध में दोनों कॉल्स के रिकार्ड व जिस लाश को भिखारी बता कर जलाया गया था, उसकी फोटो मांगी जुटाई है। जो फोटो उन्हें मिली है, वह टेकचंद के शव की है, जिस पर साफतौर से चोट के निशान मौजूद हैं।

राज ठाकरे के खिलाफ एक और वारंट जारी

जमशेदपुर, ११ जुलाई - छठ पूजा के बारे में कथित अपमानक टिप्पणी करने के मामले में पेश नहीं होने पर एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।
फर्स्ट क्लास जुडिशल मजिस्ट्रेट ए. के. तिवारी ने स्थानीय वकील हामिद रजा खान की याचिका पर सुनवाई के दौरान ठाकरे के आज अदालत में पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। इससे पहले अदालत ने उनके खिलाफ १९ जून को एक जमानती वारंट जारी किया था।
खान ने फरवरी में सीजेएम पी के मोइत्रा की अदालत में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि ठाकरे ने ३१ जनवरी को एक सार्वजनिक सभा संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी। राज ठाकरे ने मुंबई में बिहार के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले छठ उत्सव को एक मजाक बताया था। उनकी इस टिप्पणी के बाद झारखंड और बिहार सहित देश के कई हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे।

सी.बी.आई. ने किया आरूषी-हेमराज हत्याकांड सुलझाने दावा

नई दिल्ली ११ जुलाई- सीबीआई ने शुक्रवार को नोएडा की बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में डा. राजेश तलवार को क्लीनचिट देते हुए खुलासा किया कि की हत्या कृष्णा, राजकुमार एवं विजय मंडल ने की है। आरोपियों ने आरुषि की हत्या से पहले उससे दुष्कर्म का भी प्रयास किया। इस बीच, गाजियाबाद की एक अदालत ने पांच-पांच लाख के दो मुचलकों पर डा. राजेश को जमानत दे दी।
सीबीआई के संयुक्त निदेशक अरुण कुमार ने सीबीआई मुख्यालय में दोपहर खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में यह खुलासा करते हुए कहा कि इस मामले में डा. तलवार दंपति के खिलाफ अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। लेकिन हमने उन्हें अभी कोई क्लीन चिट भी नहीं दी है।
सीबीआई ने शुक्रवार को इस कांड के तीसरे आरोपी विजय मंडल को भी गिरफ्तार कर लिया। कुमार ने कहा कि आरुषि की हत्या से पूर्व आरोपियों ने उससे दुष्कर्म की भी कोशिश की थी। कुमार ने कहा कि उन्होंने यह खुलासा आरोपियों के नारको टेस्ट और फारेंसिक रिपोर्ट के आधार पर किया है। उन्होंने कहा कि कृष्णा और राजकुमार ने नारको टेस्ट में अपना गुनाह कबूल किया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 15 मई को हत्या की रात आरुषि के पिता डा। राजेश तलवार और उनकी पत्नी डा. नूपुर तलवार घर पर ही थे और वे सो रहे थे। कुमार ने बताया कि कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल जबरदस्ती से नहीं बल्कि आराम से घर में घुसे थे। उसके बाद तीनों ने शराब पी, लेकिन हेमराज ने शराब नहीं पी थी। शराब पीने के बाद चारों आरुषि के कमरे में गए और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की। इस दौरान उनका आपस में झगड़ा भी हुआ। आरुषि के सिर पर भारी वस्तु से वार किया गया। इससे पहले उसका मुंह दबाया गया ताकि वह शोर न मचा सके। सीबीआई के अनुसार आरुषि का गला भी खराब था।
सीबीआई के अनुसार हेमराज ने जब आरुषि पर हमले का विरोध किया तो कृष्णा, राजकुमार और विजय उसको खींचकर छत पर ले गए और वहां गला रेत कर हेमराज की हत्या कर दी। इसके बाद वे फिर आरुषि के कमरे में गए और उसका भी गला रेत दिया।
कुमार ने बताया कि डा। तलवार ने हत्या के दो दिन पहले किसी मरीज के दांत को बनाए जाने में गलती करने को लेकर कृष्णा को सबके सामने बुरी तरह डांटा था और कृष्णा इससे काफी उत्तेजित था। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से रक्त के दो नमूने मिले थे जिसमें से एक बी ग्रुप था जो आरुषि का था, जबकि दूसरा एबी ग्रुप का था जो हेमराज का था। उन्होंने बताया कि छत, सीढि़यों और आरुषि के तकिये पर हेमराज का खून था।
कुमार ने बताया कि सीबीआई को कृष्णा पर शक तब हुआ जब नूपुर तलवार ने सुबह हेमराज के मोबाइल पर फोन किया जिसे फोन तुरंत काट दिया गया और उसकी लोकेशन जलवायु बिहार में ही थी और कृष्णा भी जलवायु विहार के पास ही रहता था। इसके आधार पर ही उसे गिरफ्तार किया गया।
कृष्णा ने जांच के दौरान सीबीआई को गुमराह करने की भी कोशिश की थी और आनर किलिंग की बात उसी ने की थी, जिसकी कोई पुष्टि नहीं हुई।
सीबीआई ने अभी तक हत्या में इस्तेमाल हथियार और हेमराज तथा आरुषि के मोबाइल के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। सीबीआई ने कहा कि जांच अभी जारी है और नए तथ्य आने पर मीडिया को जानकारी दी जाएगी।
सीबीआई के अनुसार दिल्ली पब्लिक स्कूल नोएडा की नवीं कक्षा की छात्रा आरुषि की हत्या सेक्टर 23 के जलवायु विहार स्थित उसके आवास पर १५-१६ मई की रात को गई थी। दूसरे रोज उसी मकान की छत से नौकर हेमराज का भी शव बरामद किया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कई दिनों तक इस हत्याकांड की गुत्थियां नहीं सुलझने के बाद इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया और सीबीआई ने पहली जून से जांच शुरू कर दी थी। इस दौरान आरुषि के पिता डा. राजेश तलवार एवं उसकी मां डा. नुपूर तलवार भी संदेह के घेरे में रही एवं इनसे कई बार पूछताछ की। इनका पालीग्राफी एवं नारको टेस्ट भी कराया गया।

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) क्या है ?

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ऐसी संस्था है, जो परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल को बढ़ावा देती है। सैन्य उपयोग रोकना भी एजेंसी का उद्देश्य है। संयुक्त राष्ट्र की स्वायत्त इकाई होने के बावजूद यह संस्था महासभा और सुरक्षा परिषद के प्रति जवाबदेह है। शांति कार्यो के लिए एजेंसी और इसके महानिदेशक मोहम्मद अलबरदेई को संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार दिया जा चुका है।
१९५७ में स्थापना हुई थी :
आईएईए की स्थापना २९ जुलाई १९५७ को हुई थी। १९५३ में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डी आइजनहॉवर ने इसकी स्थापना का विचार रखा था।
तीन प्रमुख अंग : संचालक मंडल (बोर्ड ऑफ गवर्नर्स), साधारण परिषद और सचिवालय, एजेंसी की तीन मुख्य इकाइयां हैं। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स संस्था की नीति बनाने वाली दो इकाइयों में से एक है। ३५ देश इसके सदस्य होते हैं। इनमें से १३ सदस्यों को बोर्ड नियुक्त करता है, जबकि शेष २२ सदस्यों को जनरल कॉन्फ्रेंस दो साल के लिए चुनती है। वर्तमान में भारत, अमेरिका, इंग्लैंड, रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और जर्मनी इसके मुख्य सदस्य हैं।
नीतियां तय करता है बोर्ड
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स :
अपनी बैठकों के दौरान बोर्ड ऑफ गवर्नर्स एजेंसी की नीतियां तय करता है। वह एजेंसी के बजट और कार्यक्रमों केसंबंध में जनरल कॉन्फ्रेंस को सिफारिशें भेजता है। एजेंसी के मानकों और महानिदेशक की नियुक्ति के लिए भी यही उत्तरदायी है। किसी भी मुद्दे पर वोटिंग के लिए बोर्ड के दोतिहाई सदस्यों का उपस्थित होना जरूरी है।
साधारण परिषद (जनरल कॉन्फ्रेंस) :
यह एजेंसी की सबसे बड़ी नीति निर्धारकइकाई है। सभी 144 देश इसके सदस्य होते हैं। साल में एक बार सितंबर में होने वाली बैठक के दौरान परिषद बजट पास करने के साथ कार्रवाइयों का अनुमोदन भी करती है। यह हर साल अपना अध्यक्ष चुनती है। इसका मुख्य काम वर्तमान मुद्दों और नीतियों पर विचार करना है।
सचिवालय :
यह आईएईए की व्यावसायिक और सामान्य सेवा प्रदाता इकाई है। महानिदेशक इसके मुखिया होते हैं। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और परिषद द्वारा पारित की गई कार्रवाइयों को लागू करने के लिए महानिदेशक जिम्मेदार होता है। महानिदेशक मुख्यत: छह विभागों पर ध्यान देते हैं, जिसमें परमाणु ऊर्जा, परमाणु सुरक्षा, रक्षा उपाय, तकनीकी सहयोग और प्रबंधन शामिल है।
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के वर्तमान सदस्य
अल्बानिया, अल्जीरिया, अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बोलीविया, ब्राजील, कनाडा, चिली, चीन, क्रोएशिया, इक्वाडोर, इथोपिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, घाना, भारत, इराक, आयरलैंड, इटली, जापान, लिथुआनिया, मैक्सिको, मोरक्को, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलिपींस, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, इंग्लैंड और अमेरिका।
आईएईए की स्थापना : १९५७,
मुख्यालय : बियना आस्ट्रिया,
सदस्य : १४४ देश
आधिकारिक भाषायें : अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश
आईएईए महानिदेशक : मोहम्मद अलबरदेई

मंहगाई की मार और तेज हुई

नई दिल्ली, ११ जुलाई-एक तरफ मनमोहन सिंह की सरकार जहां पर राजनीति की जोड़-तोड़ में लगी है वहीं दूसरी तरफ महंगाई दर के एक बार फिर बढ़ने से जनता की परेशानियों में और इजाफा होने जा रहा है। सरकार रहे या जाए पर महंगाई की दर तो लगातार बढ़ रही है गत २८ जून को खत्म हफ्ते में मुद्रास्फीति की दर ११.89 फीसदी तक पहुंच गई है।
गौरतलब है कि २१ जून को खत्म हफ्ते में यह दर ११.६३ थी। मतलब साफ है पिछले हफ्ते के मुकाबले महंगाई की दर ०.३६ फीसदी बढ़ गई है।
जून माह में कुछ यूं बढ़ी महंगाई
७ जून को महंगाई दर ११.०थी
२१ जून को महंगाई दर ११.६३ तक पहुंची
२८ दिसंबर तक यह दर ११.८९ तक पहुंची
अभी तक महंगाई रोकने के क्या रहे प्रयास
कई सामानों के आयात शुल्क में कटोती की गई
खाने के जरुरी सामान के निर्यात पर रोक लगाई
भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए रेपो रेट और सीआरआर में बढ़ोत्तरी की