Aug 30, 2008

कोसी का कहर झेल रहा है बिहार

बिहार, ३० अगस्त-कोसी नदी में आई भयानक बाढ़ में सेना की एक बचाव नौका डूब गई। इस नाव पर सवार पचास लोगों में से कम से कम 15 के डूब जाने की आशंका है । मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक ओपी भास्कर ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि सेना की यह नाव बाढ़ में घिरे लोगों से भरी थी और इसके डूब जाने से कम से कम पंद्रह लोग डूब गए हैं, जिनके जीवित बचने की संभावना नहीं है ।
भास्कर ने बताया, "मुरलीगंज़ थाने के अंतर्गत मीरगंज इलाक़े में सेना की नाव लोगों को बचाने के लिए गई थी, वहाँ धारा बहुत तेज़ थी, नाव उलट गई और बहाव में कई लोग बह गए, हमने तत्काल बचाव अभियान शुरू किया और लगभग ३० लोगों को निकाल लिया गया लेकिन पंद्रह के क़रीब लोगों को नहीं बचाया जा सका।"
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नाव पर लगभग ५० लोग सवार थे, यह घटना भारतीय समय के अनुसार शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे के आसपास हुई। उन्होंने बताया कि बचाव दल में शामिल सेना के एक हवालदार और एक पदाधिकारी के डूब जाने की भी आशंका है ।
ख़राब मौसम के कारण बचाव और राहत कार्यों में ख़ासी दिक्कत आ रही है और सैकड़ों गाँव बाढ़ के पानी की चपेट में हैं । उधर भारत के प्रधानमंत्री इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर चुके हैं और उन्होंने प्रभावित क्षेत्र के लोगों को राहत पहुँचाने के लिए १००० करोड़ के पैकेज की घोषणा की है ।
कोसी नदी का तटबंध टूटने के बाद आई इस बाढ़ ने भारत के बिहार राज्य के १५ ज़िलों को अपनी चपेट में ले लिया है और इससे २५ लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। लेकिन चार ज़िलों, सुपौल, सहरसा, अररिया और मधेपुरा में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर है ।
सेना की मदद से प्रशासन लोगों को बचाने और राहत पहुँचाने में लगा हुआ है और अब तक एक लाख २४ हज़ार लोगों को बाढ़ के बीच से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा चुका है. लेकिन मौसम विभाग ने अगले ४८ घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है और इससे प्रशासन और परेशान हो गया है ।
हेलिकॉप्टर से खाद्य पैकेट गिराए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी याद में ऐसी भयंकर बाढ़ नहीं देखी है। माना जा रहा है कि कोसी नदी ने अपनी धारा बदल ली है और अब वह उस रास्ते से बह रही है जहाँ से दो सौ साल पहले बहा करती थी और इसी के कारण बाढ़ उन इलाक़ों तक पहुँच गई है जहाँ पहले बाढ़ नहीं आती थी ।
प्रशासन ने ३९६ मोटर बोट और नावों से लोगों को बचाने का काम जारी रखा हुआ है लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार ने और बोट मंगवा ली हैं और जल्दी ही ७०० बोट और नावें लोगों को बचाने में लगा दी जाएँगीं।
राज्य सरकार के अनुसार बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित चार ज़िलों में अब तक ६५ हज़ार से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है और सभी १५ ज़िलों में एक लाख २४ हज़ार लोग बचाए जा चुके हैं।
फ़िलहाल प्रशासन तीन हेलिकॉप्टरों की मदद से बाढ़ में फँसे हुए लोगों के लिए खाद्यान्न सामग्री गिराने के काम में लगा हुआ है। लेकिन केंद्र सरकार ने अधिक क्षमता वाले बड़े हेलिकॉप्टर देने का आश्वासन भी दिया है।

आसाराम बापू और उनके बेटे आरोपों से बरी

इंदौर, ३० अगस्त- विवादों में घिरे संत आसाराम बापू और उनके पुत्र नारायण सांई को आज उस समय बड़ी राहत मिली जब गुजरात सरकार ने यहां उच्च न्यायालय में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि दोनों के खिलाफ कोई फौजदारी प्रकरण है ही नहीं।
न्यायाधीश डब्ल्यू.ए.शाह की अदालत में गत १३ अगस्त को नारायण सांई की ओर से अभिभाषक पी.के.सक्सेना ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। इस याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को कहा था।
आज गुजरात सरकार की ओर से दिए गए जवाब पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश महोदय ने यह कहकर नारायण सांई की अग्रिम जमानत की अर्जी निरस्त कर दी कि जब इन दोनों के खिलाफ कोई प्रकरण ही नहीं तो जमानत की क्या अवश्यकता है ।
नारायण सांई की अग्रिम जमानत की अर्जी में कहा गया था कि गुजरात पुलिस और सीआईडी उन्हें अहमदाबाद स्थित उनके पिता के आश्रम में हुई दो बच्चों की मौत के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।
इन्दौर उच्च न्यायालय को गुजरात सरकार द्वारा भेजे गए जवाब में कहा गया कि न तो आश्रम में हुई दो बच्चों की मौत या अन्य किसी भी मामले में नारायण सांई या आसाराम बापू के विरुद्ध कोई प्रकरण दर्ज है।
गुजरात पुलिस की ओर से प्रस्तुत इस जवाब के बाद न्यायालय ने नारायण सांई की अग्रिम जमानत की अर्जी निरस्त कर दी। नारायण सांई के अभिभाषक पी.के.सक्सेना ने यहां यूनीवार्ता को बताया कि कल न्यायालय में नारायाण सांई स्वयं भी उपस्थित हुए थे।