Sep 6, 2008

ऐटमी डील को न्युक्लिअर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की मंजूरी

वियना, ६ सितम्बर- आखिरकार लंबी जद्दोजहद और दो बार मसौदा में बदलाव के बाद भारत भारत-अमेरिका ऐटमी डील को ४५ देशों के न्युक्लिअर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की मंजूरी मिल गई। एनएसजी ने शनिवार को सर्वसम्मति से डील के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी।
दो दिनों की बैठक के बाद भी भारत को छूट देने के मसले पर शुक्रवार तक सहमति नहीं बन पाई थी। वास्तव में बातचीत शुक्रवार को संपन्न होने वाली थी लेकिन देर रात की खबरों में कहा गया कि छूट संबंधी प्रस्ताव के मसौदे से चीन नाखुश है और वह आस्ट्रिया, न्यूजीलैंड, स्विटजरलैंड और आयरलैंड जैसे देशों की सूची में शामिल हो गया है जो मसौदे में बदलाव की मांग कर रहे थे। इन देशों का कहना था कि इसमें उस परिणाम का जिक्र होना चाहिए जो भारत के परमाणु परीक्षण करने की स्थिति में अमल में लाया जाएगा।
एनएसजी के ४५ सदस्य देशों के कूटनीतिज्ञों ने शनिवार को उन्हीं बिन्दुओं से विचार-विमर्श शुरू किया, जहां पर पांच दौर की बातचीत रुकी थी।

नेता समझें शिक्षा का महत्व : प्रधानमंत्री

चेन्नई, ६ सितंबर- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज राजनीतिक नेताओं को देश के विकास में शिक्षा के महत्व को समझने का आग्रह किया। मद्रास विश्वविद्यालय की १५० वीं वर्षगांठ समारोह में उन्होंने यहां कहा दुर्भाज्ञ से हमारे सार्वजनिक संवाद का अधिकांश भाग अल्पकालिक समस्याओं और मौजूदा समय में उपलब्ध संसाधनों तक पहुंच बनाने पर ही केंद्रित होता है। हम प्रगति और विकास तथा अवसरों की चुनौतियों पर अधिक ध्यान नहीं दे रहे है । उन्होंने कहा मैं अपने सभी राजनीतिक नेताओं को हमारे देश के विकास में शिक्षा के महत्व को समझने का आग्रह करता हूँ । उन्होंने कहा कि अवसरों के विस्तार को शिक्षा के परिणाम और मानकों पर समझौता नहीं करना चाहिए । सिंह ने कहा कि हमारा ध्यान सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा भारत का तब तक पूर्ण विकास नहीं हो सकता जब तक कि हाशिये पर पड़े समाज के वर्ग विकास की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार न बनें। शिक्षा को इस लक्ष्य को हासिल करने में योगदान करना चाहिए । शिक्षा के लोकतांत्रीकरण की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा एक अभिनव भारत में समग्रता और उत्कृष्टता दोनों ही होनी चाहिए और इन दोनों को दो अलग तथा विपरीत लक्ष्यों के रूप में देखना गलत है ।