Jul 17, 2008

प्रकाश एवं वृंदा करात के खिलाफ याचिका दायर

नई दिल्ली, १७ जुलाई-मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात और उनकी पत्नी वृंदा करात की संपत्ति की जांच के लिए सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
बृहस्पतिवार को दायर की गई याचिका में इन दोनों के अलावा पार्टी के दस अन्य सांसदों की संपत्ति की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की गई है।

पत्रकार के घर में घुस कर माता-पिता सहित पिटाई

सितारगंज (उधमसिंहनगर), १७ जुलाई- नगर में एक पत्रकार के घर में घुसकर उससे मारपीट की गई। बीच बचाव को आये उसके परिजनों को भी नहीं बख्शा गया। इस मामले में तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर एक अन्य भाजपा कार्यकर्ता ने पत्रकार के विरुद्घ मारपीट व एससी एसटी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है।
नगर के मोहल्ला हाथीखाना वार्ड नौ निवासी पत्रकार राजेन्द्र तिवारी ने कोतवाली में दर्ज कराई प्राथमिकी में कहा है कि 14 जुलाई की रात दस बजे वह घर पर था। इसी बीच भाजपा नेता नवतेज पाल पुत्र अमरजीत सिंह निवासी पुरानी मंडी, मृदुल त्रिपाठी उर्फ मोनू निवासी बैगुल कालोनी व हरीश दुबे निवासी बिज्टी रोड उसके घर पर आये। बताया जाता है कि उन्होंने कंप्यूटर पर कुछ टाइप करवाने की बात कही। इस पर राजेन्द्र ने मना किया तो तीनों कागज देने के बहाने भीतर घुस आये और मारपीट शुरू कर दी। राजेन्द्र के मुताबिक उसके माता-पिता बीचबचाव को आये तो उनसे भी मारपीट की गई। प्राथमिकी में कहा गया है कि तीनों ने खबरें छापने की बात कहकर उसे बाहर खींच लिया और हथियार व तमंचों की बट से मारते हुये साथ ले जाने लगे। मोहल्ले के लोगों ने उसे छुड़ाया और हमलावर जान से मारने की धमकी दी।
राजेन्द्र के अनुसार वह कोतवाली आ रहा था कि मुख्य चौराहे पर हथियारबंद लोगों को देख लौट गया। बाद में उसने अस्पताल में अपना उपचार कराया। पुलिस ने तीनों हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इधर भाजपा के ही अन्य कार्यकर्ता राजेश वाल्मिकी पुत्र रामगोपाल निवासी वार्ड छह ने राजेन्द्र के खिलाफ दर्ज कराई प्राथमिकी में कहा है कि १४ जुलाई की ही रात दस बजे वह रामलीला मैदान से अपने घर जा रहा था कि राजेन्द्र ने उसे आवाज दी। बताया जाता है कि राजेन्द्र ने निकाय चुनाव की बात करते हुये कहा कि उसी ने उसे चुनाव में हराया है। आरोप है कि राजेन्द्र ने उससे मारपीट करते हुये जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। बताया गया है कि उसे नवतेज, मोनू व हरीश ने बीचबचाव कर बचाया। इस पर राजेन्द्र जान से मारने की धमकी देता हुआ चला गया। पुलिस ने राजेन्द्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस जांच में लगी है।

केरल हाईकोर्ट नें पुलिस को `वर्दी वाला डॉन' कहा

कोच्चि, १६ जुलाई । केरल हाईकोर्ट ने पुलिस तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और भेदभाव पर तल्ख टिप्पणी की है। अदालत ने सत्ता से करीबी रखने वाले रसूखदार अफसरों को ``वर्दी वाला डॉन'' करार दिया है। अदालत ने कहा है कि रसूख वाले अफसर अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद सारी मलाई मार ले जाते हैं।
न्यायमूर्ति वी। रामकुमार ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले जवानों-अधिकारियों की सर्विस बुक में अच्छी एंट्री दर्ज हो जाती है, उन्हें तरक्की भी मिल जाती है और वे पुलिस पदक के लिए सिफारिश भी पा लेते हैं। उन्होंने कहा कि रसूख वाले अधिकारी अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद प्रभाव के बल पर ऐसे फायदे ले लेते हैं। उन्होंने ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों के बारे में कहा कि वे रसूख नहीं होने के चलते आसानी से शिकार बन जाते हैं और तमाम फायदों से वंचित रहते हैं। न्यायाधीश कुमार ने रसूखदार, आपराधिक छवि वाले पुलिसकर्मियों को वास्तविक डान करार दिया।
जज ने यह टिप्पणी सरकार की ओर से दायर एक आपराधिक पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए की। इस मामले में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और एक उपाधीक्षक (डीएसपी) आरोपी हैं। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सरकार के रूख से ऐसा लगता है कि वह डीएसपी को आईपीएस कैडर में प्रोन्नत होते नहीं देखना चाहती, जबकि उन्हें प्रोन्नति मिलने के पूरे आसार हैं। अदालत ने पूछा कि यह गंदा खेल कौन खेल रहा है? क्या सरकार इस खेल से वाकिफ है या फिर उसके बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब हो रहा है?
अदालत को बताया गया कि पुनर्विचार याचिका एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के निर्देश पर दायर की गई है। इससे पहले अदालत ने मामले की सुनवाई तय समय सीमा के भीतर करने के लिए कहा था। लेकिन सरकार ने इसकी अनदेखी करते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी। इसी आधार पर अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी।

मोनिंदर सिंह पंधेर पर हत्या, दुष्कर्म व साक्ष्य छिपाने के आरोप तय

गाजियाबाद, १७ जुलाई- निठारी कांड के मुख्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंधेर पर सीबीआई की विशेष न्यायाधीश रमा जैन की अदालत में चार मामलों में हत्या, दुष्कर्म, साक्ष्य छिपाने व हत्या की साजिश रचने के आरोप तय कर दिए गए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अदालत द्वारा यह कार्रवाई की गई।
निठारी कांड के हत्या के छह मामलों में सीबीआई ने जो चार्ज शीट अदालत में दाखिल की थी, उसमें पंधेर को क्लीन चिट दी गई थी। लेकिन मृतकों के परिजनों ने अदालत में अलग- अलग याचिकाएं दाखिल की थीं। इन याचिकाओं में पीड़ितों के परिजनों ने बयान दिए थे कि २९ दिसंबर २००६ को डी-५ कोठी में उनके सामने मोनिंदर सिंह पंधेर ने हत्या, दुष्कर्म व साक्ष्य छिपाने की बात स्वीकार की थी और आरी बरामद कराई थी। इसी आधार पर सीबीआई की विशेष न्यायाधीश रमा जैन ने पंधेर पर आरोप तय कर दिए थे। लेकिन रिंपा हलदर अंजलि, ज्योति व मधु हत्याकांडों में सीबीआई की विशेष न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ पंधेर की ओर से उसके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
निठारी पीड़ितों के अधिवक्ता खालिद खान ने बताया कि चारों मामलों में हाईकोर्ट ने सीबीआई की विशेष अदालत को मामले में स्क्रूटनी कर निर्णय करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद चारों मामलों में स्क्रूटनी की गई और बुधवार को अदालत ने मोनिंदर सिंह पंधेर पर आरोप तय कर दिए।