Jul 10, 2008

मायावती की मुश्किलें बढ़ी

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई] ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ शिकंजा कसते हुए बृहस्पतिवार को सुप्रीमकोर्ट में शपथपत्र देकर आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने की अनुमति मांगी।
सीबीआई ने हलफनामे में कहा है कि इस मामले में पहली नजर में ऐसे प्रमाण मिले हैं जिनके आधार पर मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
सीबीआई के अनुसार मायावती ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लखनऊ, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों और देश के विभिन्न हिस्सों में संपत्ति अर्जित की। मायावती पर ताज गलियारा मामले में भी घोटाले के आरोप लगे हैं।

भाजपा की सूची में कई "युवराज"

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए तैयार की जा रही प्रत्याशियों की सूची में कई युवराज भी शामिल है। इनमें पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेन्द्र सिंह तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे सिधिंया के पुत्र दुष्यंत सिंह शामिल है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेताओं के निर्देश के बाद भी इन नेता पुत्रों को सूची में स्थान मिल गया है। मेनका गांधी के पुत्र वरूण भी भाजपा की संभावित सूची में शमिल है। भाजपा के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक प्रदेश इकाइयों से संभावित प्रत्याशियों की जो सूची तैयार की गई है। उसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदारों के नाम शामिल है। इस बारे में अब भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को राज्य इकाइयों से ज्ञात हुआ तो उन्होंने इसकी तफ्तीश की। इसके बाद उन्होंने राज्य इकाइयों को साफ तौर पर निर्देश जारी किया है। संभावित प्रत्याशियों की सूची में उसी का नाम शामिल होना चाहिए जो भाजपा से निर्लिप्त भाव से जुत्रडकर अच्छा काम कर रहा हो और जिसके जीतने की उम्मीद हो।
जानकारी के मुताबिक पार्टी के इस कत्रडे रुख के बाद उत्तरप्रदेश के संभावित प्रत्याशियों की सूची से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याणसिंह के पुत्र राजवीर सिंह, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह, भाजपा के महासचिव रहे स्वर्गीय प्रमोद महाजन की पुत्री पूनम महाजन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र शत्रुंजय प्रताप सिंह का नाम भाजपा के संभावित प्रत्याशियों की सूची से हटा दिया गया है।

उ.प. में नये राजनीतिक समीकरण बनने की संभवना

लखनऊ १० जुलाई-केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन.संप्रग. सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष की बढती सरगर्मी के बीच उत्तर प्रदेश मे सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी बसपा और वाममोर्चे की नजदीकी बढने से एक नया राजनीतिक समीकरण बनने के आसार हैं ।
वाममोर्चा और बसपा दोनो ही राष्ट्रहित के खिलाफ् बताते हुए एटमी करार की मुखालफत कर रहे हैं और अब एक मंच से इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेडने के लिए उनके बीच प्रारंभिक बातचीत शुर हो गयी है ।
अर्से से वामदलो के नजदीकी समझी जाने वाली समाजवादी पार्टी के अचानक संप्रग के पाले में आ जाने से सकते में आये वाममोर्चा के मुख्य घटक दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश में एक नये साथी की तलाश में पहल कर भी चुकी है और अब इस मसले पर माकपा आगामी १६ जुलाई से यहां आयोजित होने वाली पार्टी की राज्य समिति की दो दिवसीय बैठक में विस्तार से मंत्रणा करेगी ।

आईएईए भारत के सामरिक कार्यक्रम में हस्तक्षेप नहीं करेगा

नयी दिल्ली 10 जुलाई-भारत और अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी आईएईए के बीच मानक समझौते के मसौदे में साफ है कि एजेंसी भारत के सैन्य कार्यक्रम में हस्तक्षेप नहीं करेगी और समझौता केवल उन असैनिक परमाणु संस्थानों में ही लागू होगा जिनकी पहचान भारत करेगा।
भारत केन्द्रित समझौते का मूलपाठ आज यहां सरकार ने जारी किया। उसमें भारत अमेरिका असैनिक परमाणु करार के तहत योजना को माना गया है जिसके तहत भारत अपने असैनिक परमाणु संस्थानों को सुरक्षा उपायों के अन्तर्गत लायेगा। सैनिक संस्थान इससे बाहर रहेंगे।
करार के क्रियान्वयन में यह मसौदा एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें निरूपित है कि भारत यह शपथ लेगा कि सुरक्षा उपायों वाले संस्थानों में बनने वाली कोई भी वस्तु और उसके लिये प्राप्त सामग्री का इस्तेमाल किसी परमाणु हथियार के विनिर्माण में अथवा किसी अन्य सैन्य मकसद के लिये नहीं होगा।
दस्तावेज कहता है कि ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल विशिष्ट तौर पर शांतिपूर्ण प्रयोजन के लिये होगा और किसी भी परमाणु विस्फोटक उपकरण के विनिर्माण में उसका इस्तेमाल नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि आईएईए ने कल घोषणा की थी कि दस्तावेज को बोर्ड आफ गवर्नर्स में वितरित किया जायेगा।

केंद्र ने आईएईए संधि का खुलासा किया

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को आईएईए के साथ हुए सुरक्षा मानक समझौते के मूल पाठ का खुलासा किया। समझौते के तहत भारत अपने असैनिक परमाणु संस्थानों को आईएईए सुरक्षा उपायों के तहत लाएगा।
इससे भारत तथा आईएईए के सदस्यों के बीच पूर्ण असैनिक परमाणु सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा।
समझौते में भारत के रिएक्टरों को आपूर्ति में किसी तरह की बाधा को रोकने के लिए परमाणु ईधन का एक सामरिक भंडार विकसित करने संबंधी भारत के प्रयासों के लिए समर्थन की बात है। विदेशी ईधन आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में अपने असैन्य परमाणु संयंत्रों का सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए भारत सुधारात्मक कदम उठा सकता है।