Jul 20, 2008

'माया' को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पूजा-अर्चना शुरू

आगरा, २१ जुलाई-बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने के लिये बौद्ध धर्माचार्यो की संगत में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रार्थना और अर्चना की।
विधायक गुटियारी लाल दुबेश की अगुवाई में मारुति स्टेट, शाहगंज में संपन्न इस आयोजन से पूर्व उपस्थित लोगों को प्रदेश सरकार की उपलब्धियां बताई गईं और कामना की गईं कि जल्द ही बहन जी दिल्ली की गद्दी पर आसीन हों। इस मौके पर दुबेश के अलावा पार्षद दयालू, थान सिंह, सम्राट, राजेन्द्र सिकरवार आदि भी मौजूद थे।
धार्मिक अनुष्ठान और प्रार्थना ९५ वर्षीय भंते विमल सागर ने संपन्न कराई, जिसमें सभी धर्मो के लोग शामिल थे।

माकपा ने सोमनाथ दा से लोकसभा अध्यक्ष का पद छोड़ने को कहा

नई दिल्ली, २१ जुलाई- माकपा ने रविवार की रात लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से कहा कि वे लोकसभा में विश्वास मत से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दें। यह जानकारी वामदल के सूत्रों ने दी।
गौरतलब है कि सोमनाथ चटर्जी पार्टी नेतृत्व के साथ टकराव की मुद्रा में हैं। लोकसभा अध्यक्ष के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्हें इस संबंध में किसी भी पत्र मिलने की जानकारी नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि उन्हें माकपा महासचिव प्रकाश करात द्वारा दो दिन पहले दिए गए उस वक्तव्य की सिर्फ जानकारी है जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष को पद से इस्तीफा देने के संबंध में खुद फैसला करना है।
वामदलों के सूत्रों ने बताया कि एक अज्ञात दूत के जरिये लोकसभा अध्यक्ष को पद से इस्तीफा देने का संदेश कल रात प्रेषित कर दिया गया।
चटर्जी ने संप्रग सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विश्वास मत पर मंगलवार को मतदान होना है।

विपक्ष के १० सांसद जा सकते है सरकार के साथ

नई दिल्ली, 2० जुलाई-२२ जुलाई को होने वाले विश्वास मत के लिए हर पार्टी अपने प्यादे को बचाते हुए दूसरों के प्यादे को काटकर अपना खेमा मजबूत करने के खेल में लगे हुए है। आज समाजवादी पार्टी ने भाजपा सांसद ब्रजभूषण सिंह को अपने पाले में लाकर अपनी संख्या में इजाफा कर लिया है। इसके साथ ही सपा ने अपने टूटे हुए सांसद को पार्टी में वापसी के प्रयास भी कर दिए है।
उधर एक टीवी चैनल पर चल रही खबर के अनुसार कांग्रेस ने दावा किया है कि विपक्ष के १० सांसद सरकार के संपर्क में है और परमाणु करार के मुद़ दे पर वे सरकार का समर्थन करने को तैयार है।इन सांसदो में ६ शिव सेना और ४ भाजपा के बताए जा रहें है।
कांग्रेस ने लोकसभा के सांसदों से अपली की है कि वे राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर वोटिंग करें। कांग्रेस ने कहा है कि परमाणु करार से देश को फायदा ही होगा और इस बात को सभी लोकसभा सांसदों को ध्यान में रखनी चाहिए।

राजौरी में मुठभेड़ दो की मौत

राजौरी के थाना मंडी के जंगलों में रविवार देर रात सेना और चरमपंथियों के बीच शुरू हुई ये मुठभेड़ अब भी जारी है. इस मुठभेड़ में मारे जाने वालों में एक सेना का मेजर और एक पुलिस का जवान है. इसके अलावा सेना के दो जवान भी घायल हुए हैं.
ये मुठभेड़ राजौरी ज़िला मुख्यालय से तक़रीबन १८० किलोमीटर दूर थाना मंडी के जंगलों में चल रही है. इन जंगलों में चरमपंथियों के छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर देर रात को ये अभियान शुरू किया.
इस मुठभेड़ में मारे गए भारतीय सेना के मेजर का नाम भानु प्रताप है और वो ४८ राजस्थान रायफ़ल्स से थे जबकि मारा गया अन्य व्यक्ति जम्मू-कश्मीर पुलिस का जवान है।
रविवार की रात १२ बजे के बाद शुरू हुई ये मुठभेड़ अब भी जारी है. गौरतलब है कि शनिवार को श्रीनगर से १४ किलोमीटर दूर नरबाल के पास श्रीनगर-बारामूला राजमार्ग पर सेना के एक क़ाफ़िले पर हुए चरमपंथी हमले में सेना के नौ भारतीय सैनिक मारे गए थे. चरमपंथियों ने ये हमला क़ाफ़िले में शामिल बस पर किया था.

जेडीयू के सांसद रामस्वरूप प्रसाद संप्रग के साथ

नई दिल्ली, २० जुलाई-बिहार से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बागी सांसद रामस्वरूप प्रसाद २२ तारीख को लोकसभा में विश्वास मत परीक्षण के दौरान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समर्थन में मतदान करेंगे। प्रसाद ने रविवार को एक निजी टीवी चैनल के साथ बातचीत में यह जानकारी दी। हालांकि जेडीयू अध्यक्ष ने पार्टी में बगावत से इनकार करते हुए कहा कि पार्टी के सभी सांसद संप्रग सरकार के खिलाफ वोट करेंगे।
रामस्वरूप प्रसाद ने कहा कि वह परमाणु करार को राष्ट्रहित में मानते हैं और इसलिए विश्वास मत के दौरान सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे चाहे इसका कोई नतीजा हो। नालंदा से लोकसभा सदस्य प्रसाद ने कहा कि उन्होंने अपने निर्णय को लेकर पक्ष और विपक्ष में सब कुछ सोच लिया है। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं हूं, मैं तो राष्ट्रहित में काम करता हूं।
इस बीच, जेडीयू के अध्यक्ष शरद यादव से जब प्रसाद के इस निर्णय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी किसी बात की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी आठों सांसद सरकार के खिलाफ वोट करेंगे। उन्होंने कहा कि जो कोई सांसद इधर से उधर जा रहा है। वह आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए ऐसा कर रहा है, लेकिन जेडीयू का इतिहास रहा है उसके लोग कभी ऐसा नहीं करते हैं। शरद ने कहा कि राजग का पूरा प्रयास होगा कि २२ जुलाई को कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए।
उन्होंने दावा किया कि यह सरकार निश्चित तौर पर जाएगी और जेडीयू के सांसदों का नंबर घटने वाला नहीं है बल्कि बढ़ेगा ही। लक्षद्वीप के सांसद पीपी कोया के बारे में उन्होंने कहा कि उनसे बात हो गई है और वे सोमवार को दिल्ली आ रहे हैं।

जमीन मालिक उपभोक्ता फोरम में जा सकते हैं

नई दिल्ली, २० जुलाई- अब वैसे बिल्डरों की खैर नहीं जो जमीन लेते समय तो मालिक की सभी शर्ते मान लेते हैं, लेकिन बाद में मुकर जाते हैं। सुप्रीमकोर्ट के अनुसार, जमीन मालिक और बिल्डर के बीच हुए करार की शर्तो का उल्लंघन होने पर जमीन मालिक उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत बिल्डर को सेवा प्रदाता और जमीन मालिक को उपभोक्ता माना जाएगा। हालांकि भूमि मालिक द्वारा शर्तो का उल्लंघन किए जाने पर बिल्डर को राहत देने के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। ऐसी स्थिति में बिल्डर के लिए सिविल कोर्ट जाना ही एक मात्र उपाय है। न्यायमूर्ति आरवी रवींद्र और एलएस पांटा की पीठ ने यह व्यवस्था दी।
इस पीठ ने इस संबंध में जारी दिल्ली डिस्ट्रिक्ट फोरम, स्टेट कमीशन और नेशनल कंज्यूमर रिड्रेसल कमीशन (एनसीडीआरसी) तीनों के आदेश को निरस्त कर दिया। तीनों ने कहा था कि भूमि मालिक कानून के मुताबिक उपभोक्ता नहीं है।
फकीर चंद गुलाटी ने सर्वोच्च न्यायालय में बिल्डर उप्पल एजेंसी प्राइवेट लि। के खिलाफ अपील की थी। गुलाटी की शिकायत थी कि एल-3, कैलाश कालोनी स्थित उनकी जमीन पर बिल्डर के साथ एक अपार्टमेंट बनाने का करार हुआ था। इसके प्रावधान के मुताबिक, अपार्टमेंट बन जाने के बाद गुलाटी पूरे ग्राउंड फ्लोर के मालिक होंगे, जिसमें तीन बेड रूम, एक ड्राइंग सह डायनिंग हाल, एक स्टोर रूम, किचन, बालकोनी, पार्किंग की जगह और एक सर्वेट क्वार्टर होगा। गुलाटी का आरोप है कि बिल्डर ने भवन निर्माण के लिए स्वीकृत ले आउट प्लान से बहुत अलग हट कर निर्माण करा दिया और कहने पर भी इसमें सुधार नहीं किया। इसके बाद उन्होंने डिस्ट्रिक्ट फोरम में शिकायत की। अंतत: मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, बिल्डर द्वारा करार की शर्तो का उल्लंघन करने पर भूमि मालिक के पास दो विकल्प हैं। वह शर्त पूरा कराने या नुकसान की भरपाई का दावा करने के लिए सिविल कोर्ट जा सकता है। इसके अलावा वह उपभोक्ता के तौर पर राहत के लिए बिल्डर यानी सेवा प्रदाता के खिलाफ उपभोक्ता फोरम जा सकता है।

'संप्रग' को दो बड़े झटके

नई दिल्‍ली/भुवनेश्वर, 20 जुलाई: संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को रविवार को दो बड़े झटके लगे। पहला झटका राष्‍ट्रीय लोकदल के प्रमुख अजीत सिंह ने और दूसरा बीजद सांसदों के यूपीए के खिलाफ वोट देने के निर्णय ने दिया। जबकि सोनिया गांधी से वार्ता के बाद शीबू सोरेन ने सरकार के साथ जाने का फैसला लिया है।
यूपीए सरकार का ऊंठ किस करवट बैठेगा, इस पर कोई ठोस बात कहना काफी कठिन हो गया है। तमाम राजनीतिक दल जो महज दो दिन पहले तक यूपीए के साथ होने का दावा कर रहे थे, वो अब मनमोहन सरकार के खिलाफ जाने पर उतारू है। यही नहीं इन नेताओं के बीच परमाणु मसौदे का मुद्दा अब किनारे हो गया है। नया मुद्दा सरकार गिराकर आम चुनाव कराने का है।
रविवार की सुबह अजीत सिंह ने उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री मायावती से वार्ता की। वार्ता के बाद मीडिया से मुखातिब होने पर उन्‍होंने साफ कहा कि उनकी पार्टी के सभी सांसद अब यूपीए के खिलाफ हैं। उन्‍होंने सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल पर भी प्रश्‍न उठाते हुए आम चुनाव कराने की बात कही।
उधर मायावती ने पहले ही यूपीए के खिलाफ जाने की बात की है। यही नहीं माया का जादू इस तरह चल रहा है कि वाम दल भी उसी की बानी बोल रहा है।
रविवार की सुबह मानो यूपीए के लिए झटकों से भरी रही। वो ऐसे कि भुवनेश्वर में एक बैठक कर बीजद सांसदों ने कहा कि वो लोकसभा में विश्वास मत के दौरान यूपीए के खिलाफ वोट देंगे।
बीजद के मुख्य सचेतक भरत्रुहरि महताब ने कहा कि उन्‍होंने अपने सांसदों को ह्विप जारी कर यूपीए के खिलाफ वोट करने को कहा है। उड़ीसा से कुल २१ लोकसभा सीटों में से ११ बीजद और सात उसके सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हैं।
वहीं पांच सांसदों के साथ शीबू सोरेन ने यूपीए के समर्थन में खड़े होने का फैसला किया है। उन्‍होंने यह फैसला सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद लिया। उन्‍होंने बताया कि सोनिया गांधी से वार्ता के दौरान झारखण्‍ड के विकास के मुद्दों को रखा गया।

वृन्दावन में विधवाएं जीवन का अभिशाप भोग रही हैं

वृन्दावन, २० जुलाई, जीवन-मरण से मुक्ति की आस लेकर सुदूर पश्चिम बंगाल से पतितपावन वृन्दावन नगरी में अपना वैधव्य गुजारने आयी अधिसंख्य महिलाएं आश्रमों में भजन गायन अथवा श्रद्धालुओं से भिक्षा लेकर निराश्रितों की तरह जीवनयापन को मजबूर हैं ।
शहर की पुरपेंच गलियों में सिर मुडाये चेहरे पर असंख्य झुर्रियां लिए अपनी बूढी देह को एक लाठी के सहारे इन महिलाओं को राधे-राधे की गुहार लगाकर भीख मांगते देखा जा सकता है ।
उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई कोशिशों के बावजूद इन उम्रदराज महिलाओं की स्थिति में कोई सुधार नही हुआ है ।गौरतलब है कि देश के पूर्वी हिस्से में स्थित अपने पैतृक गांव से करीब १००० किमी. का सफर तय करके अपना शेष जीवन बिताने के लिए आयी करीब २५ हजार हिन्दू विधवाएं वृन्दावन में रहती है ।