Aug 3, 2008

मनमोहन सिंह को कांग्रेस अगले प्रधानमंत्री के रूप में पेश करेगी

नई दिल्ली, ३ अगस्त- परमाणु करार को लेकर सरकार की कामयाबी के बाद अगले आम चुनाव में कांग्रेस की ओर से मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करने की पूरी संभावना है।
कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए कोई रिक्ति नहीं है। कोई आवेदन नहीं मंगाए जा रहे हैं और ना ही आवश्यक है। सिंघवी पीटीआई द्वारा यह पूछे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे कि ऐसे समय जब चुनावों में बहुत ज्यादा समय नहीं रह गया है और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है तथा कुछ पार्टियां बसपा प्रमुख मायावती को 'सही विकल्प' के रूप में पेश कर रही हैं, सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कौन होंगे ।
कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि परमाणु करार पर मिली सफलता के बाद इन दिनों मनमोहन सिंह का कद बहुत बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोई मुख्यमंत्री चुनावों में पार्टी का सफलतापूर्वक नेतृत्व करता है, तो वह भविष्य का मुख्यमंत्री हो जाता है। बिल्कुल वही बात प्रधानमंत्री के साथ है।
कुछ महीने पहले ही वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह तथा अन्य नेताओं द्वारा राहुल गांधी को अगले चुनावों में प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने की मांग किए जाने के मद्देजनर इन बयानों का काफी महत्व है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी राहुल गांधी को भविष्य का नेता और संभावित प्रधानमंत्री के रूप में पेश कर रही है।
यह पूछे जाने पर कि विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार पेश कर चुनावों की तैयारियों में जुटी है, सिंघवी ने कहा कि 'मुंगेरीलाल के सपने' देखने का सबको हक है। उन्होंने कहा, लेकिन मैं सपने देखने वालों से कहूंगा कि वे धरातल पर उतर जाएं।

सात लड़कियां फरार कुछ बहक गईं कुछ बहकाई गईं

मुजफ्फरनगर, ३ अगस्त- जिले में प्रेमी युगलों के घरों से फरार होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हालत यह है कि कल एक ही दिन में जिले की सात लड़कियां लापता हो गईं। जिला मुख्यालय पर आज मिली सूचना के अनुसार ग्राम तालड़ा में एक प्रेमी युगल के फरार होने पर तनाव की स्थिति है। इस मामले में लड़की के परिजन ने मामला दर्ज कराया है। परिजन जोड़े को तलाश कर रही है। कस्बा कैराना में भी एक प्रेमी जोड़े के घर से फरार होने की खबर है।
जिले के ग्राम भूड में एक युवक अपने पड़ौस में रहने वाली एक लड़की के साथ फरार हो गया। लड़की के पिता ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है। घटना को लेकर गांव में रोष है।
थाना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम जटनगला में दो युवकों के साथ दो सगी बहनों के फरार होने की खबर है। लड़कियों के पिता ने दोनो युवकों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया है। शिकायत में कहा गया है कि उनकी लड़कियां एक विवाह समारोह में भाग लेने गई थीं जहां से दोनो युवक उन्हें बहकाकर ले गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
कस्बा भोपा में दो दलित बहनें घास लेने के लिए जंगल गई थीं और वापस नहीं लौटीं। आशंका है कि उन्हें कुछ लोग बहकाकर अपने साथ ले गए। पुलिस ने लड़कियों के लापता होने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

नैना देवी मंदिर में भगदड़, १०० के मारे जाने की आशंका

बिलासपुर, ३ अगस्त- भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश में नैना देवी मंदिर में मची भगदड़ में १०० से ज़्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है। हिमाचल प्रदेश के आईजी (क़ानून और व्यवस्था) सीताराम मार्डी ने ये जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि श्रावण अष्टमी की वजह से वहाँ काफ़ी भीड़ थी। सीताराम मार्डी का जानकारी दी कि रेलिंग टूटने के कारण काफ़ी लोग नीचे गिर गए।
बिलासपुर के मशहूर नैना मंदिर में बड़ी संख्या में लोग आते हैं। शनिवार से शुरु एक पर्व में हिस्सा लेने में हज़ारों श्रद्धालु यहाँ आए हुए थे । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव डॉक्टर अरुण कुमार ने बताया कि इस हादस की जाँच मंडल आयुक्त से करवाने के आदेश दे दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शवों को रोपड़ अस्पताल लाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी रोपड़ पहुँच रहे हैं।

कांग्रेस ने उडीसा सरकार की आलोचना की

अंगुल 03 अगस्त- कांग्रेस ने दो रूपये प्रति किलोग्राम चावल योजना शुरू करने के लिए उडीसा सरकार की आलोचना करते हुए इसे चुनावी प्रपंच बताया है । उड़ीसा प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख जयदेव जेना ने कल यहां एक जनसभा में कहा कि नवीन पटनायक सरकार की नई योजना चुनाव से पहले राजनीतिक फायदा उठाने के लिए है । उन्होंने लोगों से आगामी चुनावों में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल।बीजद। को हराने की अपील करते हुए कहा कि नौ वर्षों के शासन के दौरान उडीसा देश का सबसे गरीब राज्य बन गया है ।
उन्होंने आरोप लगाया कि कि केन्द्र द्वारा मंजूर की गई धनराशि का सरकार ने इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि योजनाएं लोगों तक पहुंचे । सरकार की विफलताएं गिनाते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता दल और बीजद के शासन में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बदहाल हो गई है

जम्मू-कश्मीर सरकार नें मिडिया पर पाबंदी लगाई

जम्मू, ३ अगस्त- जम्मू-कश्मीर सरकार ने कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए मीडिया पर पाबंदियां लगाई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ‘श्री अमरनाथ श्राईन बोर्ड ’ (एसएसबी) को वनभूमि आवंटन की बहाली की मांग को लेकर जम्मू और सांबा में हो रहे ताजा विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर सेना को बुलाया गया है और मीडिया के लोगों की गतिविधियों पर पाबंदी लगाई गई है।
प्रदर्शनकारियों द्वारा कर्फ्यू के उल्लंघन से उत्पन्न तनाव के हालात को काबू में करने के लिए आज सुबह सेना ने फ्लैग मार्च भी किया।

अधर में लटका महिला आरक्षण बिल

नई दिल्ली, ३ अगस्त- महिला आरक्षण विधेयक क्या एक बार फिर टल जाएगा। महिलाओं को राज्य विधायिकाओं और संसद में ३३ फीसदी आरक्षण दिए जाने के जटिल मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए प्रमुख संसदीय समिति ने दो माह का समय और मांगा है। इसके बाद यह लाख टके का सवाल बन गया है कि क्या यह विधेयक एक बार फिर अधर में लटक जाएगा।
संसदीय समिति का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो रहा है। समिति की अध्यक्षता कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद ई एम सुदर्शन नचिअप्पन ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को पत्र लिख कर समयवृद्धि की मांग की है।
यह विधेयक एक दशक से भी अधिक समय से लंबित पड़ा है, क्योंकि कुछ दल आरक्षण में भी आरक्षण दिए जाने की मांग कर रहे हैं। विधि एवं न्याय विभाग की स्थायी संसदीय समिति ने विधेयक पर आम सहमति बनाने के लिए सदस्यों को पिछले माह एक प्रस्ताव दिया था।
नचिअप्पन का कहना है कि कई सदस्य इस प्रस्ताव का अध्ययन करने के लिए अतिरिक्त समय चाहते हैं, इसलिए समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की गई है। नए फार्मूले के तहत समिति ने संविधान में एक संशोधन का प्रस्ताव रखा है, ताकि विधेयक को कुछ आगे बढ़ाया जा सके। समिति चाहती है कि राज्यों को पिछड़ा वर्गो के बारे में निर्णय लेने का अधिकार दिया जाए ताकि ऐसे समूहों तक समुचित तरीके से पहुंचना सुनिश्चित हो सके।
नए प्रस्ताव में इस तथ्य को देखते हुए एक समझौता फार्मूला सुझाया गया है कि विभिन्न राजनीतिक दलों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य पक्षों से बातचीत करने के बाद समिति यह मानती है कि इस विधेयक के लंबित होने का मुख्य कारण ओबीसी मुद्दा है।
केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग गठबंधन की नवीनतम सहयोगी समाजवादी पार्टी ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि वह किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहती।
समिति को दिए गए एक लिखित दस्तावेज में पार्टी ने कहा है कि वह विधेयक के वर्तमान स्वरूप के खिलाफ है। वह महिलाओं के कोटे के अंदर अन्य पिछड़ा वर्गो और अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की पक्षधर है
बहरहाल, मुख्य विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि वह विधेयक का उसके वर्तमान स्वरूप में समर्थन करेगी। पार्टी ने संप्रग सरकार से कहा है कि वह इसे संसद के मानसून सत्र में ही पारित करे।