Sep 18, 2008

आसिफ अली जरदारी को सेना से खतरा

लंदन, १९ सितंबर- एक प्रमुख विशेषज्ञ संस्था ने कहा है कि पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को अपने देश की सेना से खतरा है। सेना विद्रोही तालिबान के खिलाफ प्रभावी रूप से लड़ने को भी इच्छुक नहीं है।
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज ने कहा कि पाकिस्तान सेना विद्रोही तालिबान के खिलाफ प्रभावी रूप से लड़ने के लिए अनिच्छुक बनी हुई है। जरदारी के लिए मुख्य चुनौती सेना का भरोसा जीता है जो उनके लिए खतरा बन सकती है।
संस्था के प्रमुख जॉन चिपमैन ने सामरिक सर्वेक्षण २००८ रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि जरदारी की शीर्ष प्राथमिकता अफगानिस्तान की सीमा से जुड़े कबाइली इलाकों में आतंकवाद एवं इस्लामिक उग्रवाद से लड़ना है।

दिल्ली धमाकों के दोषी इलाहबाद में: आईबी

इलाहाबाद, १८ सितम्बर- दिल्ली के सिलसिलेवार बम धमाकों के संदिग्धों के इलाहाबाद के मऊ आइमा इलाके में छुपे होने की इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा आशंका जताए जाने के बाद वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस अधिकारी इलाके में गश्त कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक आईबी ने इलाहाबाद पुलिस को आगाह किया है कि दिल्ली धमाकों के संदिग्ध मऊ आइमा में छुपे हैं। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) लालजी शुक्ल ने आईएएनएस को बताया कि मऊ आइमा जिले का संवेदनशील क्षेत्र है। वहां की ज्यादातर आबादी बुनकरों की है, उनमें सैकड़ों परिवार पटाखे बनाने का काम करते हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मऊ आइमा में विस्फोटक बनाने के सामान की आसानी से उपलब्धता और स्थानीय लोगों के इस कारोबार से जुड़े होने से आईबी की आशंका को बल मिलता है।
बताया जा रहा है कि बुधवार को इलाहाबाद के एसपी गंगापार वीके। मिश्र और स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) के अधिकारियों की बैठक हुई है।
एसएसपी इलाहाबाद ने बताया कि मऊ आइमा में २ कंपनी पीएसी तैनात की गई है और एसपी गंगापार वहां गश्त कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि पुलिस बल की तैनाती रमजान में शरारती तत्वों द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की आशंका के मद्देनजर की गई है।

चंद्रयान-2 को कैबिनेट की मंजूरी दी

नयी दिल्ली, १८ सितम्बर- चांद पर मिशन भेजने की भारतीय वैज्ञानिकों की तैयारियों के बीच सरकार ने आज एक अन्य चंद्र मिशन को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चंद्रयान-2 को मंजूरी दी गयी जो रूस की मदद से संचालित होगा और इसे २०११-१२ में छोड़े जाने की उम्मीद है।
सूचना प्रसारण मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी ने बताया कि वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह के रासायनिक विश्लेषण और वहां अन्य संसाधनों का पता लगाने के लिए मिशन भेजने की योजना बना रहे हैं। भारत ने चंद्रयान-२ के बारे में शुरूआती तकनीकी बातचीत चालू कर दी है। दूसरा मिशन चंद्रयान-। के मुकाबले संक्षिप्त होगा। चंद्रयान-१ को इसी साल लांच किया जाना है।
चंद्रयान-२ के बारे में समझौता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पिछले साल नवंबर में मास्को यात्रा के दौरान किया गया था। समझौता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रूस की फेडरल अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मास के बीच किया गया। चंद्रमा पर मौजूद खनिज नमूनों से पता चलता है कि उनमें हीलियम-३ है। यह गैस रेफ्रीजरेटर में इस्तेमाल होती है। चंद्रयान-२ के जरिए इसी गैस का पता लगाने की कोशिश की जाएगी ताकि ऊर्जा संकट का समाधान खोजने में मदद मिल सके।
चंद्रयान-२ से देश के चंद्रमा मिशन को काफी मदद मिलेगी जिसके तहत चंद्रमा की सतह का सर्वे होगा ताकि वहां के रासायनिक तत्वों की सही तस्वीर मिल सके। सर्वे के जरिए वैज्ञानिकों को चंद्रमा पर यान उतारने की जगह की पहचान करने में मदद मिलेगी। साथ ही परीक्षणों के लिए सामरिक जगह का पता लगाने में सहायता मिलेगी। इसरो ने हाल ही में बेंगलूर के निकट ब्यालालू में ३२ मीटर व्यास का एंटीना तैयार किया है, जो चंद्रयान-२ को कमांड एवं उसकी स्थिति का पता लगाने में मदद करेगा।
एंटीना और संयुक्त प्रणालियां ’’ गहरे अंतरिक्ष का भारतीय नेटवर्क ’’ बनाने की दिशा में उठाया गया पहला कदम है। अंतरिक्ष यान और पृथ्वी के बीच दोतरफा रेडियो संचार लिंक स्थापित के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण है। छह भारतीय उपकरणों के अलावा इस मिशन के जरिए अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और स्वीडेन के पेलोड ले जाए जाएंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रयान के प्रक्षेपण से जुड़ी सभी प्रणालियां सही ढंग से काम कर रही हैं।

नेताओं में देश प्रेम नहीं: बाबा रामदेव

कानपुर, १८ सितम्बर- योग गुरू बाबा रामदेव का मानना है कि आज देश में ऐसे नेताओं का अभाव है, जिनमें राष्ट्र के प्रति प्रेम हो। बाबा रामदेव ने बृजेन्द्र पार्क में योग शिक्षा के दौरान कहा कि देश की बागडोर ऐसे नेताओं के हाथों में होनी चाहिए, जिनमे राष्ट्रप्रेम कूट-कूट कर भरा हो और वे किसी भी प्रकार के आतंक से प्रभावित न हों।
उन्होंने कहा कि देश में सर्वोच्च सत्ता पर बैठे अधिकतर नेताओं में राष्ट्र प्रेम का अभाव है। कुछ बचे खुचे ऐसे नेता हैं, जिनमें राष्ट्र प्रेम की भावना भरी है।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को राष्ट्रवाद के बारे में बताया और कहा कि भ्रष्ट और आतंकवादी चरित्र वाले नेताओं का इस पवित्र धरती पर कोई स्थान नहीं है।
देश राष्ट्रवादी नेताओं और लोगों से खाली नहीं है, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है।