Jul 27, 2008

सूरत में विस्फोटकों से लदी दो कारें मिलीं

सूरत, २७ जुलाई- बेंगलुरु और अहमदाबाद के बाद 'हीरों की नगरी' सूरत आतंकवादियों के निशाने पर आ गई है, जहां विस्फोटकों से लदी दो कारें मिलीं और एक बम को निष्क्रिय किया गया।
सूरत में एक अस्पताल के निकट एक जिंदा बम को निष्क्रिय किया गया, जबकि विस्फोटकों से लदी दो कारें बरामद की गईं। इसके बाद शहर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया।
पुलिस निरीक्षक एमआर चावदा ने कहा कि पुलिस ने सूरत शहर के बाहरी इलाके में स्थित पुनागम इलाके में विस्फोटकों से लदी कार जब्त की। पुलिस ने पुनागम में विस्फोटकों से लदी जीजे ६ सीडी ३५६९ नंबर प्लेट वाली कार जब्त की और इसमें से पाउडर, जिलेटिन की छड़ें और कीलें बरामद कीं।
वड़ोदरा के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि पुनागम में बरामद की गई कार का पंजीकरण फर्जी था, क्योंकि यह नंबर एक स्कूटी का है। पुलिस आयुक्त आरएमएस बरार ने बताया कि बाद में पुलिस ने शाम को सूरत शहर के हीराबाग मोहल्ले में विस्फोटकों से लदी एक और कार का पता लगाया।

सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं पाकिस्तान के हिंदू

कराची, २७ जुलाई- पाकिस्तान के हिंदुऒं ने अपने समुदाय के खिलाफ जानमाल को लक्ष्य बनाकर हो रही घटनाऒं के प्रति चिंता जताई है। गौरतलब है कि देश में हिंदुऒं के धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
अल्पसंख्यक हिंदु समुदाय की पाकिस्तान हिंदू परिषद् (पीएचसी) के प्रतिनिधिमंडल ने चिंता जताई है कि सिंध प्रांत में हिंदुऒं को लगातार लूट और डकैती का निशाना बनाया जा रहा है। उनके खिलाफ इस तरह की घटनाऒं में वृद्धि हो रही है। परिषद ने मांग की है कि इस्लामाबाद की संघीय सरकार इन घटनाऒं को रोकने के तुरंत कोई कदम उठाए और देश में अल्पसंख्यक समुदाय की रक्षा करे।
जाकोकाबाद में हाल ही में हुई लूट की घटना के विरोध प्रदर्शन में कराची में बड़ी संख्या में हिंदुऒं ने भाग लिया। जाकोकाबाद में कुछ हथियारबंद लोगों ने मंदिर में घुस कर करीब ३५० हिंदू महिलाऒं से लाखों रूपये की नगदी तथा जेवरात लूट लिए थे। सिंघ के पूर्व सांसद डा। रमेश लाल ने पुलिस और अन्य कानूनी एजेंसियों पर आरोप लगाया है कि वह नागरिकों खासतौर पर अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में नाकाम रही हैं।
पीएचसी के सचिव हरी मोटवानी ने डेली टाइम्स अखबार को बताया कि डाकुऒं ने करीब सात करोड़ की लूट की है और जाकोकाबाद की हाल ही की घटना के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोग खासतौर पर महिलाएं धार्मिक स्थानों पर जाने में डरने लगे हैं। मोटवानी ने कहा कि इसलिए हम मांग करते हैं कि सरकार डकैतों को तुरंत गिरफ्तार करे और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्र्चित करे। उन्होंने कहा कि यह घटना दिन के समय हुई है बावजूद इसके पुलिस इसे रोक नहीं पाई।
पीएचसी के अध्यक्ष राजा असेरमल मांगलानी ने कहा कि सिंध के उत्तरी जिलों में हिंदुऒं के साथ लूट और अपहरण की घटनाएं हो रही हैं। इससे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में डर और असुरक्षा की भावना घर कर गई है। सरकार को चाहिए कि वह लोगों में व्याप्त इस इस डर की भावना को दूर करे।

निशा कोठारी को मिली राहत

मुंबई, २७ जुलाई- रामगोपाल वर्मा के चक्कर में निशा कोठारी ने अपने करियर का कबाड़ा कर डाला। उन्हें लगा कि रामू के साथ रहकर वे चोटी की नायिकाओं में शामिल हो जाएगी, इसलिए उन्होंने दूसरे निर्माताओं को घास नहीं डाली। लेकिन रामू की फिल्में ऐसी पिटी कि दूसरे निर्माता निशा के नाम से ही भागने लगे।
‘नाम बदलो किस्मत बदलो’ के फार्मूले पर चलते हुए निशा ने अपना नाम प्रियंका भी कर लिया, लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला। हिंदी फिल्मों में अपनी दाल न गलते देख निशा ने दक्षिण भारत की राह पकड़ी।
वे पहले भी तेलुगु फिल्म कर चुकी हैं और निशा को वहाँ पर फिल्में मिल गई हैं। ‘हरी ओम’ नामक फिल्म में वे शेखर और मधु शर्मा के साथ काम कर रही हैं। एक-दो फिल्में और भी उनके हाथों में हैं।
वैसे निशा का मन बॉलीवुड में ही अटका है। यदि वहाँ उनकी कुछ फिल्में सफल हो जाती हैं तो हो सकता है कि एकाध निर्माता निशा को फिर मौका दे दे। रामू तो खुद बेचारे मुसीबतों से गुजर रहे हैं।

अमेरिका गरीबी के शिकंजे में

न्यूयॉर्क, २७ जुलाई-संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि दुनियाभर में जारी आर्थिक संकट के झटके से अकेले उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में एक करोड़ ६० लाख से ज्यादा लोग गरीबी के रसातल में चले जाएँगे।
पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (पीएएचओ) की दो दिन की बैठक का समापन करते हुए संयुक्त राष्ट्र की १३ एजेंसियों के क्षेत्रीय निदेशकों ने दोनों अमेरिकी महादेशों में सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों (एमडीजी) के मामले में अगले दो साल के दौरान लगातार प्रगति सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त कार्रवाई का वादा किया।
एमडीजी के तहत २०१५ तक अनेक सामाजिक और आर्थिक रोगों को उल्लेखनीय रूप से कम करने या उनका उन्मूलन करने का लक्ष्य तय किया गया है। विश्व नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के सहस्राब्दी शिखर सम्मेलन में ये लक्ष्य तय किए थे।
पीएएचओ की निदेशक मिर्ता रोजेज पेरियागो ने कहा लातीन अमेरिका और कैरिबियाइ क्षेत्र ने एमडीजी पूरा करने में खास तौर पर शिशु मृत्यु, भूख और गरीबी उन्मूलन के क्षेत्रों में वास्तविक प्रगति की है।
संयुक्त राष्ट्र लातीन अमेरिका एवं कैरिबियाई क्षेत्र आर्थिक आयोग (ईसीएलएसी) की कार्यकारी सचिव एलिसिया बारसेना ने कहा इस क्षेत्र में अब भी १९ करोड़ गरीब लोग हैं, जिनमें से सात करोड़ बहुत ही गरीब हैं।
बारसेना ने आगाह किया कि २००७ के मध्य से शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते एक करोड़ ६० लाख लोग अत्यंत गरीबी में जाने के लिए बाध्य हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एक करोड़ ६० लाख लोगों को अत्यंत गरीबी की तरफ धकेलने वाली इस प्रक्रिया के लिए मुख्य रूप से आय में गिरावट निर्यातों में वृद्धि की रफ्तार में आ रही सुस्ती और विनिर्माण निर्यात के निम्न मूल्य जिम्मेदार हैं।
संयुक्त कार्रवाई के तहत संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ खाद्य पदार्थों के उच्च मूल्यों और अन्य बाहरी कारकों के भूख गरीबी और विषमता पर प्रभाव का आकलन करेंगी। इसके लिए साझे आँकड़े और साझे सूचकांकों का उपयोग किया जाएगा।

मुकेश अंबानी, आर आर पाटिल, विलासराव देशमुख को धमकी

नई दिल्ली, २७ जुलाई- अहमदाबाद में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों की जिम्मेदारी लेने वाले उग्रवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख एवं उद्योगपति मुकेश अंबानी को भी गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
इस उग्रवादी संगठन को प्रतिबंधित सिमी तथा पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तोइबा का मिला-जुला संगठन माना जा रहा है। संगठन ने अपने ई-मेल में देशमुख तथा उनके उपमुख्यमंत्री आरआर पाटिल को राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने के लिए गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहने को कहा है।
इसी तरह वक्फ बोर्ड से सम्बद्ध भूमि पर भवन निर्माण के लिए अंबानी को भी आगाह किया गया है।

मुंबई है आतंकियों का अगला निशाना

मुंबई, २७ जुलाई- पिछले दो दिनों में देश के दो बड़े शहरों में हुए विस्फोट की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि समाचार चैनलों को भेजे गए एक ई-मेल द्वारा मुंबई को आतंकवादियों का अगला निशाना बनाए जाने संबंधी सूचना ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मीडिया को भेजे गए इस ई-मेल और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद महानगर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। ई-मेल में बेंगलुरु और अहमदाबाद के बाद मुंबई को आतंकवादियों का अगला निशाना बताया गया है।
सूत्रों के अनुसार आतंकवादी संगठन मुबंई स्टॉक एक्सचेंज, सिद्धविनायक मंदिर, मंत्रालय, बृहन्मुंबई, नगर निगम और ऊँची इमारतों को अपना निशाना बना सकते हैं।
इसी बीच आतंकवाद निरोधक दस्ते ने नवी मुंबई के सोनापाड़ा से एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक अहमदाबाद के कल के विस्फोटों से पहले इसी व्यक्ति के घर से यह ई-मेल भेजा गया था।
उधर पूछताछ के दौरान इस व्यक्ति ने जाँच एजेंसियों को बताया कि उसे यह ई-मेल कहीं और से मिला था जिसे उसने मीडिया को भेज दिया ताकि सुरक्षा एजेंसियाँ सचेत हो जाएँ।

पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आईएसआई प्रधानमंत्री के अधीन रहेगी

इस्लामाबाद, २७ जुलाई- पाकिस्तान सरकार ने उसकी खुफिया एजेंसियों इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) और इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) को गृह मंत्रालय के अधीन करने के फैसले को आनन-फानन में वापस लेते हुए इसका खंडन किया है। सरकार ने कहा है कि खुफिया तंत्र प्रधानमंत्री के अधीन ही रहेगा।
स्थानीय अखबार ‘द न्यूज’ में आज प्रकाशित रिपोर्ट में प्रेस सूचना विभाग (पीआईडी) की ओर से देर रात जारी विज्ञप्ति के हवाले से यह जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति के अनुसार, “इस बारे में कल रात सरकार की ओर से जारी नोटिस के कारण भ्रम उत्पन्न हुआ है और आईएसआई प्रधानमंत्री के अधीन ही रहेगी”।
गौरतलब है कि कल प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की ओर से पीआईडी द्वारा जारी नोटिस में आईएसआई और आईबी को गृह मंत्रालय के अधीन करने की घोषणा की गई थी। लेकिन इसके कुछ घंटों बाद ही देर रात पीआईडी ने नई विज्ञप्ति जारी कर इसका खंडन कर दिया। हालांकि खंडन के बारे में विस्तृत जानकारी अगले नोटिस में दिए जाने की बात कही गई है।
गिलानी ने यह फैसला १९७३ के संविधान के नियम तीन के तहत दोनों एजेंसियों के प्रशासनिक, वित्तीय और कामकाज पर नियंत्रण का अधिकार गृह मंत्रालय को सौंपने की घोषणा की थी।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सहअध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने भी इसका समर्थन करते हुए इसे जनता का शासन सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम बताया था। जरदारी का कहना है कि इससे सेना को भी विवादों और ‘कुछ बदनाम लोगों’ के साये से बचाने में मदद मिलेगी।

एमएड, बीएड, एलएलबी डिग्रीधारी झाडू लगाने की नौकरी को है तैयार

कानपुर, २७ जुलाई बेकारी, गरीबी और भूख-इंसान के इन सबसे बड़े दुश्मनों ने जाति का दंभ तोड़ा है और कालेजों से मिली डिग्रियों की निरर्थकता भी साबित की है। बानगी है उत्तर प्रदेश के एक लाख गांवों में सफाईकर्मियों की हो रही नियुक्तियां। केवल कानपुर नगर में १०२० पदों के लिए आवेदन करने वालों में ३५ एमएड और ४९ बीएड हैं। कुछ एलएलबी हैं, तो कुछ शास्त्री उपाधि धारक। खास बात यह कि इनमें २५० ब्राह्माण, १७९ क्षत्रिय, व ३३ कायस्थ अभ्यर्थी हैं।
यह खबर बेशक कानपुर की है, लेकिन इसका महत्व सार्वदेशिक है। जाति का दंभ और रोजगारपरक शिक्षा का अभाव-यह दोनों समस्याएं पूरे देश में हैं और जिनसे मुक्ति की कोशिश प्राथमिकता पर होनी चाहिए। बेरोजगारी दूर करने के सरकारी प्रयासों के प्रति लोगों में इसीलिए आक्रोश भी है। वे पूछ रहे हैं कि आखिर उस एमए-एमएड या शास्त्री की उपाधि की उपयोगिता क्या है, जो दो वक्त की रोटी न दिला सके। कानपुर नगर में सफाई कर्मियों के १०२० पदों के लिए ९०३० आवेदन आए हैं। इनमें एमएड डिग्री धारक शास्त्री नगर के कैलाश मिश्र, अंजनी सिंह, नौबस्ता के कमलेश कुमार, कल्याणपुर के राजेंद्र सिंह, कुसुमलता यादव समेत ३५, बीए, बीएड डिग्रीधारी जाजमऊ निवासी राधिका यादव, रेल बाजार निवासी कुमकुम राय, नीरज सिंह, फूलबाग के अजय बहादुर सिंह, विकास बाजपेयी, चमनगंज निवासी शोएब आलम, गुफरान अहमद समेत ४९, शास्त्री उपाधि धारक जयंत सिंह, रामपाल, सेवक राम वर्मा समेत १९ लोग हैं।
ये नियुक्तियां पंचायत के आरक्षण प्रावधानों के अनुसार ही हो रही हैं और आवेदक भी हर जाति-वर्ग के हैं। कल्याणपुर के आशुतोष मिश्र, नारद पांडेय, गुजैनी के राधेश्याम त्रिवेदी जैसे २५० ब्राह्माण, बिरहाना रोड के संजय श्रीवास्तव, दिव्या श्रीवास्तव समेत ३३ कायस्थ और जनरलगंज के दीपेंद्र सिंह, आशू ठाकुर, फूलबाग के नीतेंद्र सिंह समेत १७९ क्षत्रिय अभ्यर्थी भी सफाई कर्मचारी बनने की लाइन में हैं। सराय सिरोही पड़री निवासी योगेंद्र सिंह, बर्रा आठ निवासी राधेश्याम सिंह एलएलबी हैं और सफाई कर्मचारी पद के लिए आवेदक हैं। कई आवेदक 'जुगाड़' भी लगा रहे हैं।
यहां सवाल यह भी उठता है कि क्या ये लोग वास्तव में सफाईकार्य ईमानदारी से करेंगे, क्योंकि गांव में वर्ण व्यवस्था अभी मूंछ का सवाल है। जिला पंचायती राज अधिकारी केएस अवस्थी कहते हैं कि अभ्यर्थियों से झाड़ू लगाने का अनुभव प्रमाण पत्र लिया जाएगा। उनके काम की निगरानी होगी और शिकायत पर सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई होगी।
वर्ष २००५ में बीएड की डिग्री लेने वाले असैनिया निवासी अमित कुमार अभी तक बेरोजगार हैं। बकौल अमित वह सरकारी नौकरी के लिए झाड़ू लगाने को तैयार हैं। शर्म की तो दो जून की रोटी भी नहीं मिलेगी।
सराय मसवानपुर निवासी मनोरमा बीए करने के बाद नर्सरी टीचर ट्रेनिंग कोर्स कर रही हैं। वह कहती हैं कि सभी शर्म करेंगे, तो फिर कौन उठायेगा कूड़ा। चोरी तो नहीं कर रही हूं। अपराधी बनने और दूसरों पर आश्रित होने से अच्छा है झाड़ू लगाना।
सर्दे गोपालपुर के यदुनाथ सिंह बीए कर सफाई कर्मचारी बनने को तैयार हैं। वे इसके पीछे मजबूरी मानते हैं। हालांकि इसे बुरा भी नहीं मानते। वह कहते हैं कि गंदगी उठाने में कोई शर्म नहीं होगी।

नाटो नें अफगानिस्तान में ७० तालिबानियों को मार गिराया

खोस्त/अफगानिस्तान, २७ जुलाई- अफगानिस्तान के दक्षिण पूर्व में स्थित खोस्त प्रांत में रविवार को नाटो के हवाई हमले में करीब ७० तालिबानी आतंकी मारे गए।
स्थानीय गवर्नर अरसल जमाल ने बताया कि पाकिस्तान से सटी सीमा पर स्थित सपेरा जिले में आतंकियों के हमले के जवाब में सेना ने धावा बोला। उन्होंने कहा कि तालिबानी आतंकियों ने तड़के जिला मुख्यालय पर हमला कर दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी तथा इमारत को तहस नहस कर दिया।
जमाल ने कहा कि उस वक्त हमारे पास कम सैनिक थे, इसलिए हमने नाटो की हवाई सहायता ली। इस हमले में ५० से ७० तालिबानी मारे गए। उधर, तालिबान ने कहा कि उसके संगठन का कोई सदस्य नहीं मारा गया, जबकि जिला मुख्यालय पर हमले में उसके लड़ाकु ओं ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।

संगमा नें सोमनाथ के निष्कासन को वामपंथियों के लिए बडा झटका बताया

गुवाहाटी २७ जुलाई- पद की मर्यादा की रक्षा और माकपा की इच्छा के अनुसार इस्तीफा नहीं देने के लिए लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को बधाई देते हुए राकांपा नेता पी.ए.संगमा ने आज कहा उनका निष्कासन वामदलों के लिए सबसे बड़ा झटका है।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष संगमा ने यहां संवाददाताओं से कहा मैं समझता हूं कि आम आदमी की नजर से वामदलों को सबसे बड़ा नुकसान चटर्जी का निष्कासन है जो संप्रग सरकार से उनके समर्थन वापस लेने से ज्यादा बड़ा है।
उन्होंने कहा चटर्जी के निष्कासन से माकपा की छवि को नुकसान बहुत ज्यादा हुआ है उन्हें (वामपंथियों को) इससे उबरने में काफी वक्त लगेगा।
संगमा ने कहा मैं उन्हें (चटर्जी को) उनकी पार्टी के दबाव में नहीं झुकने और उनके आदर्शों पर बने रहने के उनके फैसले के लिए बधाई देना चाहता हूं यहां तक कि मीडिया कवरेज ने भी चटर्जी के लिए जबर्दस्त जन समर्थन दिखाया है जो अपने आप साबित करता है कि वाम दल कितने गलत हैं।
लोकसभा में वोट के लिए नोट प्रकरण को शर्मनाक और अवांछित करार देते हुए उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को इसकी जांच करानी चाहिए।

संघीय जांच एजेंसी बनाने पर विचार कर रहा है केन्द्र

नई दिल्ली, २७ जुलाई- केंद्र सरकार अमरीकी ख़ुफिया एजेंसी एफबीआई की तर्ज़ पर संघीय जांच एजेंसी बनाने पर विचार कर रही है । सरकार इस बारे में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर रही है। हालांकि इस पर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सहमति नहीं मिल पाई है ।
सरकार को ऐसा कोई क़दम उठाने के लिए नया क़ानून तो नहीं बनाना पड़ेगा लेकिन मौज़ूदा क़ानून में संशोधन करना होगा । ऐसा माना जा रहा है कि संघीय जांच एजेंसी राज्यों में होने वाले चरमपंथी हमलों से जुड़े मामलों की जांच कर सकेगी जिससे जांच अलग अलग स्तर पर प्रभावित न हो ।
गुजरात में धमाकों के बाद गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने प्रधानमंत्री के साथ एक बैठक की और सुरक्षा उपायों के बारे में सभी मुख्यमंत्रियों को जानकारी दी । पाटिल ने कहा कि राज्य सरकारों को पूरा सहयोग दिया जाएगा ।
गुजरात में हुए धमाकों के बारे में उनका कहना था कि जांच चल रही है और सरकार का पूरा ध्यान पुनर्वास और जांच पर होगा और गुज़रात सरकार का पूरा सहयोग किया जाएगा । बैठक में राज्य पुलिस के आधुनिकीकरण पर भी ज़ोर दिया गया और माना गया कि पुलिसकर्मियों को नए उपकरण मुहैया कराने चाहिए और उन्हें ऐसे धमाकों से निपटने के लिए विशेष ट्रेनिंग मिलनी चाहिए ।