Jul 23, 2008

बागी अकाली सांसद सुखदेव सिंह लिब्रा निष्कासित

चंडीगड़, २४ जुलाई-पंजाब में सत्तारूढ़ अकाली दल ने लोकसभा में विश्वासमत के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने वाले सांसद सुखदेव सिंह लिब्रा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
रोपड़ से सांसद लिब्रा को अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने निष्कासित किया। मंगलवार को विश्वासमत के दौरान अकाली दल ने पार्टी के आठों सांसदों को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ मत डालने के लिए व्हिप जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद विश्वासमत के दौरान लिब्रा अनुपस्थित रहे।
अकाली दल के सचिव दलजीत सिंह चीमा ने लिब्रा के बारे में कहा, "उन्होंने अकाली दल को धोखा दिया है।" माना जा रहा है कि बृहस्पतिवार को लिब्रा को नोटिस भेजा जाएगा, ताकि उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त की जा सके।

विवाहिता के साथ दिनदहाड़े दुष्कर्म, दो गिरफ्तार

वाराणसी, २३ जुलाई- पति की गैरमौजूदगी में मकान मालिक के बेटे व उसके दोस्तों ने एक विवाहिता के साथ सोमवार को दिनदहाड़े दुष्कर्म किया। विवाहिता के पति ने मंगलवार को इस मामले में धारा ३७६ के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई। रिपोर्ट के आधार पर सारनाथ पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। तीसरे अभियुक्त की तलाश जोर-शोर से जारी है। पीड़ित महिला को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है।
जानकारी के मुताबिक विवाहिता अपने पति और चार बच्चों के साथ टीसरिया, परशुरामपुर (सारनाथ) में श्रीराम मौर्य के मकान में पिछले पांच वर्षो से किराए पर रह रही है। पति मूल रूप से चौकाघाट का निवासी है और वहीं बढ़ई का कार्य करता है। विवाहिता के अनुसार सोमवार की सुबह उसका पति प्रतिदिन की तरह काम पर चला गया। पूर्वाह्न साढ़े १० बजे वह नाश्ता कर रही थी। इसी बीच मकान मालिक का लड़का श्यामसुंदर (२८ वर्ष) अपने दो साथियों के साथ वहां पहुंचा। उन्होंने उसका मुंह दबाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों ने मोबाइल से उसकी तस्वीर भी खींची। मौका पाकर वह चिल्लाई तो सभी भाग निकले। बाद में विवाहिता ने पुत्री द्वारा पीसीओ से फोन कर पति को बुलाकर घटना की जानकारी दी।
आरोप है कि दुष्कर्मियों ने पति-पत्नी को धमकी देकर थाने नहीं जाने दिया। किसी प्रकार दोनों छिपकर मंगलवार को सारनाथ थाना पहुंचें। थानाध्यक्ष अमित श्रीवास्तव के अनुसार विवाहिता की शिकायत पर आरोपी श्यामसुंदर व उसके साथी रामअचल को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीसरा आरोपी पंकज फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। विवाहिता के अनुसार तीन माह पूर्व भी श्यामसुंदर ने नहाते समय उससे छेड़खानी की थी।

राम ने ही तोड़ दिया था रामसेतु: केंद्र सरकार

नई दिल्ली, २३ जुलाई-रामसेतु प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को छुड़ाने के लिए श्रीलंका जाते समय रामसेतु बनवाया था लेकिन लौटते समय उसे खुद राम ने तोड़ दिया था। सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील एफएस नरीमन ने यह दलील कंबन रामायण का हवाला देते हुए दी।
नरीमन के मुताबिक, ऐसे में सरकार किसी सेतु या पुल को नहीं नष्ट कर रही क्योंकि किसी पुल का अस्तित्व नहीं था। फिर भी सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर अपनी प्रतिक्रिया में सेतुसमुद्रम शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाने पर रजामंदी जताई। इससे रामसेतु को छोड़े जाने के आसार बढ़ गए हैं।
मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने नरीमन को सुझाव दिया कि सरकार को आस्था और जीवमंडल के बीच संतुलन के लिए कुछ करना चाहिए। बेंच में शामिल जस्टिस रवींद्रन ने यह भी सुझाव दिया कि जब कोई मुद्दा नहीं हो तो सरकार को इसे बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
नरीमन ने इन सुझावों से सहमति दिखाते हुए शीर्ष कोर्ट को आश्वस्त किया कि वे सरकार को सुझाव देंगे कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि वह इस पर विचार करे कि वैज्ञानिक, तकनीकी, आर्थिक और सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक लिहाज से क्या थोड़ा बदलाव उचित होगा।
इससे पहले, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सुब्रमणियम् स्वामी और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता समेत याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कोर्ट से रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत घोषित करने तथा इसे नष्ट नहीं करने की मांग करते हुए अपनी दलीलें दीं।

अपोलो सर्कस बलात्कार मामले में विधायक के खिलाफ वारंट

मुजफ्फरनगर, २३ जुलाई-चर्चित अपोलो सर्कस में नेपाली कलाकार बालिकाओं के साथ बलात्कार के मामले में आरोपी सत्ताधारी बसपा विधायक मौ. अलीम व उनके भाई मौ. यूनुस के अदालत में उपस्थित न होने पर अदालत ने उनके विरूध वारंट जारी कर चार अगस्त को पेश होने को कहा है।
अपर मुख्य न्यायिक मजिष्ट्रेट सुनीत चन्द्रा ने बसपा विधायक सहित दोनों के विरूधवारंट जारी कर आगामी चार अगस्त को उपस्थित करने के निर्देश दिये। दोनों आरोपी अदालत में उपस्थित नहीं हुए हैं।
इससे पूर्व अदालत ने मेरठ के आई.जी. को निर्देश दिये थे कि उन्हें सम्मन तामील सुनिश्चित कराई जायें परन्तु वह फिर भी उपस्थित नहीं हुए जबकि पुलिस द्वारा उन्हें टेलीफोन पर सम्मन की सूचना दी गई थी।
गत पांच जून २००३ को नेपाली प्रवासी मित्र मंच की शिकायत पर पुलिस द्वारा मुजफ्फरनगर में अपोलो सर्कस में छापा मारकर ४५ नेपाली बालिकाओं को मुक्त कराया गया था तथा इस संबंध में आरोपी तथा सर्कस मालिक मौ. अलीम व उनके भाई के विरूध धारा ३७६, ३४२, ३७४ भा.द.स. के तहत मामला दर्ज किया गया। बाद में मौ. अलीम बुलंदशहर विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर विधायक चुने गये। इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने २००४ में मामले की जांच सी.बी.सी.आई.डी को सौंप दी थी।

सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष के पद पर बने रह सकते है : कांग्रेस

नई दिल्ली, २३ जुलाई- कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी माकपा से निष्कासन के बाद भी अपने पद पर बने रहे सकते हैं।
कांग्रेस की प्रवक्ता जयंती नटराजन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि चटर्जी भले ही माकपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे, लेकिन वह सर्वसम्मति के आधार पर लोकसभा अध्यक्ष बने थे। उन्होंने कहा कि उनकी नजर में चटर्जी के पद पर बने रहने में कोई आपत्ति नहीं हो सकती क्योंकि उन्होंने बहुत ही निडरता से काफी अच्छा काम किया है।
श्रीमती नटराजन ने कहा कि किसी को यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष हैं न कि माकपा के। प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में यह माना कि अगर चटर्जी अब भी अपने पद पर बने रहते हैं तो यह निराली ही बात होगी।
इस बीच राजद नेता और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि सोमनाथ चटर्जी को माकपा से निष्कासित करने का माकपा पोलित ब्यूरो का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सवाल किया कि जब वे लोकसभा के अध्यक्ष पद पर बैठे हैं तो उन्हें कैसे पार्टी से निकाला जा सकता है क्योंकि लोकसभा का अध्यक्ष पार्टी नियमों से बंधा नहीं होता है और वह दलगत भावना से ऊपर होता है। उन्होंने कहा कि इस पद को दल-बदल कानून से छूट मिली हुई है।
माकपा के पोलित ब्यूरो ने आज सोमनाथ चटर्जी को तत्काल प्रभाव से पार्टी की सदस्यता से निष्काषित करने का फैसला करते हुए कहा था कि उन्हें अपने पद के साथ गंभीर समझौता करने के आधार पर पार्टी से निष्काषित किया गया है।
लेकिन सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि सीपीएम से निकाले जाने के बाद सोमनाथ चटर्जी लोकसभा स्पीकर के पद से जल्दी ही इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने पहले भी संकेत दिया था कि अगस्त तक वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। विश्वास मत पर पार्टी की लाइन से अलग रहकर उन्होंने एक वरिष्ठ नेता और जिम्मेदार स्पीकर की भूमिका निभाई। उनके करीबी लोगों का कहना है कि सोमनाथ चटर्जी को पद का कोई मोह नहीं है और कोई ऐसा न समझे कि सिर्फ पद पर बने रहने के लिए ही उन्होंने पार्टी लाइन तोड़ी। इसलिए यह लगभग तय है कि वह स्पीकर का पद छोड़ देंगे।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को याद किया गया

नई दिल्ली, २३ जुलाई- कृतज्ञ राष्ट्र ने बुधवार को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को उनके १५२ वें जन्मदिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, लोक सभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित अनेक नेताओं ने संसद के केंद्रीय कक्ष में लोकमान्य तिलक के तैलचित्र पर माल्यार्पण किया।
गृहमंत्री शिवराज पाटिल. संसदीय कार्य मंत्री व्यालार रवि, केंद्रीय मंत्रियों पवन कुमार बंसल और वी. नारानसामी ने भी लोकमान्य को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोकमान्य के जीवन और कृतित्व पर लोकसभा सचिवालय ने एक पुस्तिका का प्रकाशन भी किया है।

सोमनाथ दा के समक्ष सारी लेफ्ट पार्टियों के नेता बौने

नई दिल्ली, २३ जुलाई- यूपीए सरकार गिराने की लेफ्ट की मुहिम में सामिल होने से इंकार करने के अपने फैसले से सोमनाथ दा नें लोकसभा अध्यक्ष के पद की गरिमा ही बढाई है । सोमनाथ ने पद छोड़ने के पार्टी के आदेश को नज़रअंदाज़ करने के साथ ही बीजेपी के साथ लोकसभा में वोट डालने के पार्टी के फैसले पर भी प्रश्नचिह्न लगाया था।
सीपीएम ने केंद्र सरकार से समर्थन वापसी के समय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को अपने सांसदों की जो सूची सौंपी थी उसमें चटर्जी का नाम भी था। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था कि वह सभी दलों द्वारा सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुने गए हैं। और इस दिग्गज सांसद ने साफ कर दिया था कि वह लोकसभा अध्यक्ष के पद को दलीय राजनीति में नहीं घसीटना चाहते।
लोकसभा स्पीकर का पद नहीं छोड़ना सोमनाथ चटर्जी को महंगा पडा । सीपीएम् नें उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर कर दिया है किंतु यह बात तो तय है की सोमनाथ दा का कद आज के समय में बहुत अधिक बढ़ गया है ज्योति बशु के आलावा सोमनाथ दा के समक्ष सारी लेफ्ट पार्टियों के नेता बौने दिखने लगे है ।

भाजपा नें अपनें आठ बागी सांसदों को निलंबित किया

नई दिल्ली, २३ जुलाई-भारतीय जनता पार्टी ने २२ जुलाई को विश्वास मत के दौरान व्हिप का उल्लंघन करने वाले आठ सांसदों को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने बुधवार को इस आशय की घोषणा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन सांसदों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर क्रॉस वोटिंग की या फिर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे।
जिन सांसदों को को पार्टी से निकाला गया है उनमें ब्रजभूषण शरणसिंह (जलेसर, उत्तरप्रदेश), बाबूभाई कटारा, सोमाभाई पटेल (दोनों गुजरा), चंद्रभानसिंह (मध्यप्रदेश), हरिभाऊ राठौर (महाराष्‍ट्र), टीएस सांगलियान, मंजूनाथ और मनोरमा हैं।