Aug 4, 2008

सत्रहवें विश्व एड्स सम्मेलन का आयोजन

मैक्सिको, ४ अगस्त इस माह की ३ तारीख को मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको शहर में सत्रहवां विश्व एड्स सम्मेलन शुरु हुआ,जो छह दिन चलेगा। विश्व एड्स सम्मेलन का आयोजन पहली बार लातिन अमेरिकी देश में हो रहा है।
इस बार के सम्मेलन का विषय है "युनीवर्सल एक्शन नाओ"। योजना के अनुसार २२ हज़ार सरकारी अधिकारी、नीति-निर्माता、वैज्ञानिक इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं ,जिनमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून、डब्ल्यु एच. ओ की महानिदेशक मार्गरेट चान और मैक्सिको के राष्ट्रपति काल्डर्न आदि शामिल हैं।
एड्स के बारे में विश्व एड्स सम्मेलन दुनिया का सब से बड़ा सम्मेलन है ।इस का आयोजन विश्व एड्स संघ के द्वारा किया जाता है। १९८५ में पहला विश्व एड्स सम्मेलन अमेरिका के एटलान्टा में हुआ था। शुरू में यह सम्मेलन हर साल में एक बार आयोजित होता था,लेकिन १९९४ से यह हर दो साल में एक बार आयोजित हो रहा है।

अमरनाथ बंद पांच दिन के लिए और बढ़ाया गया

जम्मू, ४ अगस्त- श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड से भूमि वापस लिए जाने के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रही अमरनाथ संघर्ष समिति ने आज जम्मू बंद की अवधि पांच दिन के लिए और बढ़ा दी तथा राज्य प्रशासन पर दमनकारी कदर्मं उठाने और मीडिया की आवाज दबाने का आरोप लगाया।
समिति के संयोजक लीला करण शर्मा ने कहा हमने राज्यपाल को हटाए जाने तथा अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन वापस दिए जाने की मांग को लेकर जम्मू बंद पांच दिन के लिए और बढ़ा है ।
राज्यपाल की निन्दा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन प्रदर्शनकारियो और मीडिया को दबाने के लिए दमन की कार्रवाई कर रहा है लेकिन हम तानाशाही मनोवृत्ति के सामने नहीं झुकेंगे और अपनी मांगों पर कायम रहेंगे।

कलावती के गांव में लोग खेती करने को तैयार नहीं

यवतमाल, ४ अगस्त- महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के जलका गांव में लोग खेती करना नहीं चाहते।
जलका गांव में ही उस कलावती के किसान पति ने कर्ज की वजह से तीन साल पहले जहर का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी जिस कलावती का जिक्र कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में अपने संबोधन में किया था।
राहुल के मुंह से कलावती का नाम निकलने के साथ ही करीब। २०० व्यक्तियों की आबादी वाला जलका गांव भी चर्चित हो गया। इस गांव में करीब २०० व्यक्ति ही ऐसे होंगे जिनके पास पांच एकड़ से अधिक जमीन होगी।बहरहाल इन लोगों को खेत से होने वाली आमदनी नाम मात्र की है और कुछ लोगों ने तो खेती से तौबा ही कर ली है।
इस गांव में छह एकड़ जमीन के मालिक नितिन खारसे कहते हैं एक एकड़ जमीन पर खेती करने के लिए करीब १०,००० रूपये की जरूरत होगी। लेकिन फसल से हमे कोई मुनाफा नहीं मिलता यही वजह है कि नितिन ने खेती करने का इरादा छोड़ दिया है।
कलावती के पति ने कर्ज लेकर खेती की थी। लेकिन उसकी फसल से इतनी आमदनी नहीं हुई कि वह सूद समेत ४०, ००० रूपये का कर्ज चुका सके। उसने आत्महत्या कर ली।

मुंबई उच्च न्यायालय ने गर्भपात की इजाजत नहीं दी

मुंबई, ४ अगस्त बंबई हाईकोर्ट ने मुंबई की एक महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने २६ सप्ताह के भ्रूण में विकार होने की आशंका व्यक्त करते हुए अदालत से गर्भपात की अनुमति मांगी थी।
याचिकाकर्ता निकेता और हरेश मेहता ने उनके चिकित्सक निखिल दातार के साथ बंबई हाईकोर्ट में चिकित्सकीय तरीके से गर्भपात कराने के कानून एमटीपी के संबंध में याचिका दाखिल की थी। निकेता ने गर्भधारण के २४ सप्ताह बाद यह पाया कि भ्रूण में हृदय संबंधी विकार हैं।
याचिकाकर्ताओं ने चाहा है कि एमटीपी कानून में संशोधन किया जाए ताकि गर्भस्थ शिशु की जान को खतरा होने की स्थिति में गर्भधारण के 20 सप्ताह बाद भी गर्भपात कराया जा सके।
इस मामले में जेजे अस्पताल के अधिष्ठाता ने चिकित्सकों की एक समिति गठित की थी। याचिकाकर्ताओं द्वारा स्वतंत्र चिकित्सकीय विशेषज्ञों की ओर से तैयार कराई गई रिपोर्ट न्यायालय को सौंपने की संभावना है।

१५ अगस्त २००८ को मुर्दे भी फहराएँगे तिरंगा

लखनऊ, ४ अगस्त- उत्तरप्रदेश की राजघानी लखनऊ में इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिए लोग यानी मुर्दे भी तिरंगा फहराएँगे।
मृत घोषित लोगों के संगठन 'मृतक संघ' के अध्यक्ष लालबिहारी ने बताया कि जो लोग अफसरशाही के चलते सरकारी कागजों में जीते-जी मृत घोषित कर दिए गए हैं, वे १५ अगस्त को विधानसभा के सामने स्थित धरनास्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएँगे। प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए इन 'जीवित मृतकों' ने यह अनूठा रास्ता अपनाने की घोषणा की है।
लालबिहारी ने बताया कि आजमगढ़ जिले के रहने वाले एक व्यक्ति को हाल ही में राजस्व रिकॉर्ड में मृतक दिखाकर उसकी सम्पत्ति अन्य लोगों के नाम कर दी गई। वह संघ का नया सदस्य है इसलिए इस बार झण्डा वही फहराएगा।
लालबिहारी ने पुलिस प्रशासन के डर से उसके नाम का अभी खुलासा नहीं किया। उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति को १९७६ में सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया था। लम्बी लड़ाई के बाद ३० जून 1994 को वह कागजातों में जीवित हो सका।
इसके लिए वह दो पूर्व प्रधानमंत्रियों स्व। राजीव गाँधी और विश्वनाथ प्रतापसिंह के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा, विधानसभा में पर्चे फेंके तथा उच्च न्यायालय तक भी गया। उन्होंने बताया कि उनके संघ में करीब १५५ लोग शामिल हैं, हालाँकि इनमें से ज्यादातर लोगों को कागजातों में पुनः जीवित कर दिया गया है।
संघ अध्यक्ष ने दावा किया कि अभी भी इस तरह के ३०० से अधिक मामले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस लड़ाई के लिए उन्हें अमेरि‍का की हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से इग्नोबल पुरस्कार भी मिल चुका है।

एम- करूणानिधि, टीआर बालू को गिरफ्तारी वारंट की चेतावनी

नई दिल्ली, ४ अगस्ट-सेतुसमुद्रम परियोजना संबंधी बंद प्रकरण में जारी अवमानना नोटिस का जवाब न दिए जाने पर उच्चतम न्यायालय ने आज तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम- करुणानिधि और केंद्रीय परिवहन मंत्री टीआर बालू सहित चार अन्य को गिरफ्तारी वारंट जारी करने की चेतावनी दी।
न्यायाधीश बीएन अग्रवाल और न्यायाधीश जीएस सिंघवी ने हालांकि करुणानिधि, बालू, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा दो अन्य को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए चार सप्ताह की मोहलत और दे दी। गत वर्ष अक्टूबर के पहले सप्ताह में जारी कारण बताओ नोटिस का तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और अन्य द्वारा जवाब न दिए जाने के मामले पर न्यायालय ने गंभीर चिंता जताई।
पीठ ने इस बात पर रोष जताया कि तमिलनाडु सरकार कारण बताओ नोटिस का जवाब देने तथा स्थगन के लिए बार-बार समय मांग रही है। उसने इस साल ३१ मार्च को भी चार सप्ताह की मोहलत मांगी लेकिन फिर भी जवाब नहीं दिया।
तमिलनाडु सरकार के वकील द्वारा फिर से समय मांगे जाने पर न्यायालय ने चार सप्ताह का समय और दे दिया। उच्चतम न्यायालय की रोक के बावजूद करुणानिधि और अन्य ने सेतुसमुद्रम परियोजना के समर्थन में एक अक्टूबर २००७ को राज्यव्यापी बंद किया था जिस पर न्यायालय को अवमानना नोटिस जारी करना पड़ा। उस समय उच्चतम न्यायालय ने यह चेतावनी भी दी थी कि न्यायिक आदेश की अवमानना पर वह राष्ट्रपति से तमिलनाडु सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश भी कर सकता है।

इनामी डाकू अम्बिका प्रसाद उर्फ ठोकिया मारा गया

लखनऊ, ४ अगस्तः उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बना डाकू अम्बिका प्रसाद उर्फ ठोकिया बीती रात विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में मारा गया। उसके ऊपर पांच लाख रुपये का इनाम था।
पुलिस के अनुसार बीती रात चार घंटे से अधिक चली मुठभेड़ में एस टी एफ को यह सफलता मिली। ठोकिया ने गत वर्ष ददुआ के मारे जाने के बाद २३ जुलाई को पुलिस के छह जवानों को मार डाला था।
इसके बाद पुलिस ने इस पर शिकन्जा कसना और तेज कर दिया था।
कल सूचना मिली थी कि वह अपने गांव चिरखौरी के निकट भरतकूप आया है उसी दौरान पुलिस ने गांव को घेर लिया और उसे आत्मसमर्पण के लिए ललकारा लेकिन डकैतों ने पुलिस दल पर गोलियां बरसानी शुरु कर दी।
एस टी एफ ने भी जवाबी कार्यवाई की जिसमें वह मारा गया। मुठभेड़ चार घंटे से अधिक चली। गोलीबारी थमने के बाद आज तड़के मारे गये डकैत की पहचान ठोकिया के रुप में हुई। इसका मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आतंक था।
राज्य के पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह और अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) बृजलाल घटनास्थल के लिए से रवाना हो गये है।