Aug 15, 2008

स्वतंत्रता दिवस से अंजान! तिरंगे के जश्न में शामिल बच्चे

नई दिल्ली, १६ अगस्त- स्वतंत्रता दिवस समारोह में तिरंगे का 'जश्न' मनाने हजारों स्कूली बच्चे सुबह-सुबह लाल किला पहुंचे किन्तु इसे विडंबना ही कहेंगे कि काफी बच्चे इस दिन के मायने ही नहीं जानते थे। उन्हें यह तो मालूम था कि आज 15 अगस्त है लेकिन यह क्यों मनाया जाता है, पता नहीं। कुछ ने तो आज के दिन को गणतंत्र दिवस तक बता दिया।
लालकिला पर आजादी की 61वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए शुक्रवार को 5 हजार से अधिक स्कूली बच्चे आए थे। करीब एक हजार एनसीसी कैडेट भी थे। सभी ने तिरंगा भी बनाया, प्रधानमंत्री के संग नारे भी लगाए और राष्ट्रगान भी गाया मगर काफी बच्चे इस दिन की अहमियत से ही अंजान थे। जबकि ये लोग पिछले 15 दिनों से समारोह की रिहर्सल में जुटे थे। बी एन रस्तोगी स्कूल, भगीरथ पैलेस की छात्रा अनुष्का से जब पूछा गया कि, 'आज क्या है?' तो उसने तपाक से जवाब दिया, 'गणतंत्र दिवस।' जब यही प्रश्न एक और छात्रा गवर्नमेंट सर्वोदय विद्यालय, लांसर्स रोड की शिवानी से किया गया तो वह भी सोच में पड़ गई। बेला रोड स्थित गवर्नमेंट ग‌र्ल्स स्कूल की छात्रा सानिया ने यह तो बता दिया कि आज स्वतंत्रता दिवस है। आज ही के दिन देश आजाद हुआ था मगर जब उससे पूछा कि आजादी किससे मिली थी तो वह सोच में पड़ गई। तब पास खड़े कुछ बच्चों ने कहा, 'अंग्रेजों से'।
असल में ज्यादातर बच्चे यहां पिकनिक मनाने आए थे तो कुछ को इसलिए आना पड़ा क्योंकि उन्हें स्कूल की ओर से आने के निर्देश थे। शिक्षिकाएं भी इस संबंध में कोई बहुत गंभीर नहीं थीं। गवर्नमेंट ग‌र्ल्स स्कूल, पनामा बिल्डिंग की शिक्षिका माहे रूबीन का कहना था कि इस समारोह में आने की एक वजह यह भी रही कि बच्चों को यहां आना अच्छा लगता है। इस संदर्भ में मौके पर उपस्थित कुछ लोगों ने कहा कि यदि नई पीढ़ी भी देश की आजादी और गणतंत्र से 'विमुख' हो गई या फिर अंजान रहने लगी तो इस देश का भविष्य क्या होगा! इसलिए यह स्थिति वाकई विचारणीय है।

मुक्केबाज अखिल का स्वतंत्रता दिवस पर देश को तोहफा

मुक्केबाज अखिल कुमार ने वादा किया था कि वे स्वतंत्रता दिवस पर देश को तोहफा देंगे और उन्होंने रूस के विश्व चैम्पियन मुक्केबाज को हराकर अपना वादा पूरा कर दिखाया। वे अपने इस वादे को पूरा करने के साथ ही बीजिंग ओलिम्पिक के क्वार्टरफाइनल में पहुँच गए हैं।
अखिल ने ५४ किग्रा वर्ग के दूसरे राउंड के मुकाबले में रूस के विश्व चैंपियन सर्गेई वोदोपेनोव को काँटे की टक्कर में हराया। मुकाबले का स्कोर १-२, ३-४, ३-२ और २-१ रहा। चार राउंड के बाद दोनों मुक्केबाज ९-९ की बराबरी पर थे, लेकिन जजों ने अखिल को विजेता घोषित कर दिया। हार की खबर सुनकर रूसी मुक्केबाज स्तब्ध रह गए और भावना पर काबू नहीं रख पाए। वे रिंग में ही रो पड़े।
आज अखिल की शुरुआत अच्छी नहीं रहीं, वे दो राउंड के बाद ४ -६ से पिछड़े हुए थे, लेकिन अंतिम दो राउंड में उन्होंने ताबड़तोड़ पंच मारते हुए चार राउंड की समाप्ति तक मुकाबला बराबरी पर ला दिया। अब क्वार्टरफाइनल मुकाबले में अखिल का मुकाबला मोलदोवा गणराज्य के विक्सलोव गोजन से होगा।
दूसरा राउंड तो वोदोपेनोव के नाम रहा। उन्होंने इस राउंड में अखिल पर हुक्स और पंच की बौछार कर दी और वह दूसरे राउंड में अखिल पर ६-४ की बढ़त बना ले गए। इस समय ऐसा लग रहा था कि अखिल शायद ही वापसी कर पाए।
तीसरे राउंड में वोदोपेनोव अखिल को रिंग में चारों तरफ दौड़ाने लगे। लेकिन अखिल भी कहाँ बाज आने वाले थे। उन्होंने इस राउंड में भी दो शक्तिशाली प्रहार जमा ही दिए और वे यह राउंड ३-२ से जीत गए।
आखिरी राउंड में अखिल वोदोपेनोव के ८ अंक के मुकाबले सात अंक पर थे। इस राउंड में विश्व चैंपियन वोदोपेनोव रक्षात्मक मूड में आ गए थे और वे खुद को बचाने की कोशिश करने लगे, लेकिन अखिल विश्व चैंपियन को बख्शने के मूड में नहीं थे। उन्होंने एक सीधा पंच उनके जबड़े पर जड़ा और एक अंडर कट जड़ने के साथ इस राउंड को २-१ से अपने नाम कर लिया।
अब दोनों खिलाड़ियों का स्कोर ९-९ हो गया। पाँच जजों की ज्यूरी ने अखिल को ज्यादा पंच मारने के आधार पर विजेता घोषित कर दिया। अखिल को जब विजेता घोषित किया गया तो रूसी मुक्केबाज रिंग में रो पड़े।
जीत के बाद गदगद अखिल ने कहा कि मेरा सपना तो स्वर्ण है, अब मैं इसे जीत पाता हूँ या नहीं, यह मेरे भाग्य पर निर्भर करता है। मैं तो अपनी तरफ से कठिन परिश्रम कर रहा हूँ। अगले राउंड को कठिन बताते हुए अखिल ने कहा कि अगला राउंड आसान नहीं है। लेकिन मुझे स्वर्ण जीतने का पूरा भरोसा है। भगवान मेरे साथ है और मुझे उन पर पूरा भरोसा है।
२००४ के एथेंस ओलिम्पिक में जेरम थॉमस से हारकर पहले राउंड से बाहर होने वाले अखिल ने पदक की उम्मीदें जगा दी है। जीत के बाद अखिलकुमार ने कहा कि उन्हें जीत का पूरा भरोसा था।
गौरतलब है कि २००६ के कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने ५४ किलोग्राम वर्ग में ही मार्शियन साउथपा ब्रुनो जुली को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।

प्रचंड बने नेपाल के नए प्रधानमंत्री

काठमांडू, १५ अगस्त- माओवादी नेता प्रचंड को यूएमएल और एमजेएफ समेत कम्युनिस्ट पार्टियों के समर्थन से आज नेपाल का प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया ।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार शेर बहादुर देउबा को हराया । प्रचंड को माओवादी यूएमएल एमजेएफ और अन्य छोटी पार्टियों की तरफ से ४३८ मत हासिल हुए जबकि श्री देउबा को ११३ मत मिले ।
माओवादियों की यह जीत पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान नेपाली कांग्रेस के सहयोग से गठित गठबंधन से यूएमएल और एमजेएफ के अलग हो जाने की वजह से संभव हो सकी है ।

पाकिस्तानी सेना ने भारतीय ठिकानों पर गोली बारी की

नई दिल्ली, १५ अगस्त- भारत में स्वतंत्रता दिवस के जश्न के बीच पाकिस्तानी सैनिकों ने एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए जम्मू क्षेत्र के कुछ अग्रिम इलाकों में भारतीय सेना और सीमा सुरक्षाबल के ठिकानों पर मोर्टार और राकेट दागे।
सेना के सूत्रों के अनुसार हमले की ये दो घटनाएं एक घंटे के भीतर जम्मू सेक्टर के आरएस पुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास और जम्मू-कश्मीर के पूंछ सेक्टर में मंडी में हुई। नवंबर २००३ भारत के साथ हुए संघर्षविराम समझौते का पाकिस्तानी सेना की ओर से गत जनवरी के बाद २४ बार उल्लंघन हो चुका है।
आरएस पुरा में पाकिस्तानी सेना ने सीमा सुरक्षा बल के ढुलिया काटमाडिया और सांगंल स्थित ठिकानों पर ४५ मिनट तक राकेट छोड़े। यह हमला देर रात दो बजकर १० मिनट पर हुआ। रक्षा विभाग के जम्मू स्थित जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल एसडी गोस्वामी ने कहा कि राकेट से हमला एक प्रमुख घटना है, चूंकि सीमा सुरक्षाबल के ठिकानों को निशाना बनाया गया, इसलिए सेना को घटना की विस्तृत पड़ताल करनी है।
सेना के सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने सीमा सुरक्षाबल की तीनों चौकियों पर राकेट के पांच-पांच चक्र दागे। इससे एक घंटे पहले पाकिस्तानी सेना ने प्रदेश के पुंछ सेक्टर स्थित मंडी क्षेत्र में भारतीय सेना के ठिकानों पर ६० एमएम मोर्टार से गोले दागे। सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने यहां कहा कि पाकिस्तानी सेना ने कुछ राउंड मोर्टार से हमारे मंडी स्थित ठिकानों पर हमला किया। उन्होंने कुछ हल्के हथियारों से भी क्षेत्र में गोलीबारी की जो कुछ मिनटों तक जारी रही। सूत्रों ने कहा कि दोनों घटनाएं संघर्ष विराम का उल्लंघन हैं। भारतीय पक्ष में किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

कश्मीर घाटी के छह जिलों में कर्फ्यू में ढील

श्रीनगर १४ अगस्त- कश्मीर घाटी के हिंसा प्रभावित छह जिलों में आज अलग अलग अवधि के लिए कर्फ्यू में ढील दी गयी ताकि लोग आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी कर सकें।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्रीनगर के अलावा गंदरबल बडगाम कुलगाम अनंतनाग और कुपवाड़ा जिलों में शाम आठ बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गयी है। बांदीपुरा जिले में भी कुछ घंटे के लिए ११ बजे तक छूट दी गयी।
सूत्रों के अनुसार श्रीनगर के सफाकदल क्षेत्र में सीआरपीएफ की गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गयी जबकि चार अन्य घायल हो गए। उग्र भीड़ ने रावलपुरा इलाके में पुलिस के एक वाहन में आग लगा दी।
इन दो घटनाओं को छोड़कर कर्फ्यू में ढील की अवधि के दौरान किसी अन्य अप्रिय घटना की खबर नहीं है।
सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर २२ हो गयी है जबकि ७०० से अधिक लोग घायल हुए हैं। सोमवार से घाटी में शुरू झड़पों में घायल हुए लोगों में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान भी शामिल हैं।
हड़ताल तथा कर्फ्यू के चलते घाटी में करीब १० दिन से बंद जारी है। कर्फ्यू में ढील के दौरान लोगों को दवाइयां तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करते हुए देखा गया।
गौरतलब है कि प्रशासन ने अमरनाथ भूमि आबंटन के मुद्दे के मद्देनजर आर्थिक नाकेबंदी के खिलाफ प्रदर्शन के बाद १३ साल में पहली बार कश्मीर घाटी के सभी १० जिलों में मंगलवार को कर्फ्यू लगा दिया था।

मुशर्रफ ने किया इस्तीफा देने का फैसला

इस्लामाबाद, १५ अगस्त-पिछले नौ सालों से पाकिस्तान की सत्ता को अपने तरीके से चला रहे राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को सत्तारूढ गठबंधन की ओर से महाभियोग चलाने के फैसले के बाद आखिरकार अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय करना ही पडा ।
हालांकि श्री मुशर्रफ ने इस्तीफा देने के पहले सरकार से अपने वास्ते सुरक्षित रास्ते की भी मांग की है । स्थानीय अखबार द न्यूज में आज रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार के हवाले से श्री मुशर्रफ द्वारा सरकार से सुरक्षित रास्ता मांगने और राष्ट्रपति के करीबी सिपहसालारों के हवाले से उनके इस्तीफे के फैसले की जानकारी दी गयी है ।
राष्ट्रपति के करीबी सूत्रों ने बताया कि श्री मुशर्रफ ने महाभियोग का सामना करने की बजाय अपने पद से इस्तीफा देना ज्यादा मुनासिब समझा है1 सूत्रों ने बताया कि श्री मुशर्रफ ने बुधवार देर शाम अपने कुछ खास लोगों को पद छोडने का संकेत देते हुये कहा॥मैं विरोधी विचारों वाली सरकार के साथ अब आगे काम नहीं कर सकता और मौजूदा स्थिति को आगे बढाने से राष्ट्रीय हित प्रभावित होंगे । इतना ही नही राष्ट्रपति भवन की चारदीवारी के बाहर भी फिजां में यह बात तैर रही है कि मुल्क को संवारने के लिये किये गये भरसक प्रयासों के बावजूद श्री मुशर्रफ की स्वीकार्यता अब ना के बराबर रह गयी है । इस बारे में बनी तस्वीर इतनी साफ हो चुकी है कि श्री मुशर्रफ को भी अब इस सच्चाई का अहसास हो गया है ।