Sep 5, 2008

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर, खोलेगा ब्रह्मांड का राज या लायेगा प्रलय

फ्रांस/स्विस, ६ सितम्बर- अगले बुधवार यानी १० सितम्बर को लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर नामक मशीन जब शुरू होगी तो क्या वाकई ब्रह्मांड की सबसे बड़ी गुत्थी सुलझेगी अथवा दुनिया खत्म हो जाएगी? यह सवाल उठा है एक ऐसी मशीन से जो ऐटम के सारे रहस्य हल करने के लिए बनाई गई है, जो पता लगाएगी कि अंतरिक्ष से लेकर पृथ्वी तक कण-कण में ऐसी कौन सी चीज है जिससे कोई चीज भारी होती है व कोई हल्की, आखिर डार्क मैटर किस बला का नाम है।
स्विट्जरलैंड और फ्रांस की सीमा पर जमीन के अंदर ३१००० करोड़ रुपये खर्च कर बनाई गई एक ट्रेन जितनी लंबी सुरंग में यह मशीन बुधवार यानी १० सितंबर को काम करना शुरू करेगी। लेकिन कई लोगों को डर है कि इस मशीन के चालू होते ही ब्लैक होल बनने जैसी घटना हो सकती है जिससे प्रलय आ जाएगी। प्रलय भी ऐसी कि दो सेकंड के अंदर पृथ्वी और चंद्रमा, आठ मिनट के अंदर सूरज और कुछ ही देर में हमारा पूरा सौरमंडल चकनाचूर हो जाएगा। इस मशीन पर काम कर रहे वैज्ञानिकों को मौत की धमकियां दी जा रही हैं, मशीन को रोकने के लिए अदालतों में मुकदमे तक ठोके गए।
इस मशीन को नाम दिया गया है लार्ज हैडरन कोलाइडर, जिसे यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च ने बनाया है। इसमें काम कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि कयामत का जो हौवा खड़ा किया जा रहा है वह महज बेवकूफी है, आपको साइंस पर भरोसा करना चाहिए। नोबेल प्राइज विनर वैज्ञानिक फ्रैंक विलजेक भी इस मिशन में हैं। उन्हें मशीन रोकने के लिए जानलेवा धमकी तक मिली हैं। फ्रैंक कहते हैं कि मुझे इस बात पर गुस्सा आता है कि कैसे कई लोगों को गुमराह किया गया है।
टाइम्स अखबार के साइंस एडिटर मार्क हेंडरसन कहते हैं कि होने को तो कुछ भी हो सकता है, लेकिन आपको कुछ सिद्धांतों पर यकीन करना चाहिए, कम से कम ऐसी बातों को सच बनाकर पेश न करें जो हंसी के लायक भी नहीं हैं।
टाइम्स अखबार के साइंस एडिटर मार्क हेंडरसन कहते हैं कि होने को तो कुछ भी हो सकता है, लेकिन आपको कुछ सिद्धांतों पर यकीन करना चाहिए, कम से कम ऐसी बातों को सच बनाकर पेश न करें जो हंसी के लायक भी नहीं हैं।

पाकिस्तान भारत से जंग की तैयारी में जुटा है: ओबामा

वाशिंगटन, ६ सितम्बर- अमेरिकी राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार बराक ओबामा ने एक टीवी को दिए इंटरव्यू में सनसनीखेज खुलासा किया कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ युद्ध की तैयारियों में लगा है।
ओबामा का यह खुलासा ऐसे समय हुआ है जब भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित परमाणु करार निर्णायक मोड़ पर है। ओबामा के इस बयान से भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार बराक ओबामा ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह आतंक के खिलाफ अभियान के लिए अमेरिका से मिल रही सहायता का उपयोग भारत से जंग की तैयारी में कर रहा है।
ओबामा ने यह भी कहा कि अगर वे राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए तो पाकिस्तान से उसे मिल रही अमेरिकी सैन्य सहायता का हिसाब मांगेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि व्हाइट हाउस में उनके चुनकर आने के बाद सबसे ज्यादा दबाव पाकिस्तान पर होगा।
अमेरिकी चैनल को दिए इंटरव्यू में ओबामा ने कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति बना तो पाकिस्तान की नकेल कसूंगा। और उससे अमेरिका द्वारा दी गई मदद का पाई-पाई का हिसाब लूंगा। ओबामा ने कहा- ‘अमेरिका अब तक खामोश रहा है। इसीलिए पाकिस्तान अमेरिकी सहायता का उपयोग भारत के खिलाफ युद्ध के लिए कर रहा है।’
ओबामा ने कहा कि अमेरिका ने परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल में १० अरब डॉलर की सैन्य सहायता पाकिस्तान को दी, लेकिन इस बात का जवाब नहीं मांगा कि क्या इसका उपयोग आतंकियों को देश से खदेड़ने के लिए किया गया था।
ओबामा ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद वे पाकिस्तान पर इस बात का दबाव बढ़ाएंगे कि वह अफगानिस्तान से सटे उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत में तालिबान के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करे। ओबामा ने यह भी कहा कि वे अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन का जहन्नुम तक पीछा करने को कटिबद्ध हैं, पर इसके लिए पाकिस्तान में अमेरिकी सेना भेजने की जरूरत नहीं है।
भारत-पाक के बीच फिलहाल ऐसे हालात नहीं है जैसे संसद पर हमले के दौरान थे। तो फिर दोनों देशों के बीच युद्भ के हालात कैसे हो सकते हैं। इसके जवाब में जानकारों का कहना है कि कारगिल युद्ध के पहले भारत और पाक के बीच तनाव नहीं था।
भारतीय प्रधानमंत्री वाजपेयी पाकिस्तान की यात्रा पर गए थे। दोनों देशों के अलावा पूरी दुनिया को उम्मीद थी कि भारत-पाक के बीच रिश्तों में तेजी से सुधार हुआ है लेकिन पाक ने अचानक घुसपैठ के जरिये कारगिल युद्ध की शुरुआत कर दी। हो सकता है फिलहाल भी वैसी ही तैयारियां पाक की ओर से चल रही हो।

संजीव नंदा को पाँच साल की कैद

नई दिल्ली, ५ सितंबर- दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष १९९९ में अपनी बीएमडब्ल्यू कार से तीन पुलिसकर्मियों समेत छह लोगों को कुचल कर मारने के मामले में पूर्व नौसेना प्रमुख एसएम नंदा के पौत्र संजीव नंदा को शुक्रवार को पाँच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश न्यायमूर्ति विनोद कुमार ने कहा कि संजीव नंदा मैं आपको पाँच वर्ष के कारावास की सजा सुनाता हूँ और आपके द्वारा जेल में बिताए गए समय को इसमें से कम कर दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति विनोद कुमार ने इससे पहले नंदा को कठोर दंड के प्रावधान के तहत दोषी करार दिया था, जिसमें अधिकतम १० वर्ष के कारावास की सजा सुनाई जा सकती थी। बहरहाल अदालत ने उन पर कोई अर्थ दंड नहीं लगाया।
अदालत ने दोषी ठहराए गए एक अन्य व्यक्ति तथा कारोबारी राजीव गुप्ता को साक्ष्य मिटाने के आरोप में एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई, जबकि उनके दो कर्मचारी भोलानाथ तथा श्यामसिंह को दुर्घटना के बाद घटनास्थल से खून के धब्बे और पीड़ितों के माँस के टुकड़े हटाने के मामले में छह-छह महीने के कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने गुप्ता पर १० हजार रुपए तथा उनके दोनों कर्मचारियों पर १००-१०० रुपए का अर्थदंड किया। इन्हें आईपीसी की धारा २०१ (साक्ष्य मिटाने) के तहत दोषी करार दिया गया था। संजीव नंदा को आईपीसी की धारा ३०४ के भाग दो (गैर इरादतन हत्या) के तहत दो सितंबर को दोषी करार दिया गया था।

जाली नोटकांड: कैशियर सुधाकर त्रिपाठी का होगा नार्को टेस्ट

सिद्धार्थनगर, ५ सितम्बर- उत्तर प्रदेश में सिद्धार्थनगर जिले की भारतीय स्टेट बैंक की डुमरियागंज शाखा के करेंसी चेस्ट से जाली नोटों का जखीरा पाए जाने के मामले में गिरफ्तार स्टेट बैंक के निलम्बित कैशियर सुधाकर त्रिपाठी और उसके करीबी आबिद शेख का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति मामले की जांच कर रही ‘विशेष जांच दल” (एसआईटी) को अदालत ने कल दे दी।
अधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि नार्को टेस्ट की अनुमति मिलने के बाद टीम के अधिकारी दोनों को बेंगलुरु ले जाने की तैयारी कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने पूछताछ के लिए लखनऊ तलब किए गए बैंक के लेखाकार राजाराम को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
उन्होंने बताया कि राजाराम की गिरफ्तारी के बाद जाली नोटों के मामले में अब तक हुई गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ कर चार हो गई है।

भारतीय हितों के अनुरूप समझौता नहीं तो करार नहीं: काकोडकर

विएना, ४ सितंबर- परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष अनिल काकोड़कर के इस बयान से परमाणु समझौते पर उठे विवाद में और उबाल आ गया है कि यदि समझौता भारतीय हितों के अनुरूप नहीं हुआ तो इसे रद्द कर दिया जाएगा।
'एनडीटीवी' को दिए साक्षात्कार में काकोड़कर ने कहा समझौते को लेकर ज्यादा सशंकित होने की जरूरत नहीं है। यदि जरा सा भी यह लगा कि समझौता हमारे हितों के विपरीत है तो हम इससे बाहर निकल जाएँगे।
काकोड़कर यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति जार्जडब्ल्यु बुश की ओर से परमाणु समझौते के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को जनवरी में लिखे गुप्त पत्र के लीक होने के बाद दे रहे थे।
हालाँकि काकोड़कर ने कहा इस पत्र के बारे में उन्हें पहले ही पता था। उन्होंने कहा दरअसल यह पत्र कुछ और नहीं, बल्कि एक प्रश्नावली का जवाबभर था। इसमें ऐसा अलग कुछ नहीं है, जो परमाणु समझौते के बारे में हम अपने देशवासियों से अब तक कहते आए हैं, लेकिन हैरानी इस बात पर है कि एक ऐसा पत्र जिसे पूरी तरह गुप्त रखा जाना था, लीक कैसे कर दिया गया।
उन्होंने कहा यह पत्र १२३ समझौते से अलग कुछ नहीं है। इसमें भी वही बातें शामिल हैं, जो समझौते में कही गई हैं। बुश के इस गोपनीय पत्र को लेकर भारत में राजनीतिक तूफान आ गया है तथा परमाणु समझौते पर भी सवालिया निशान लग गया है।
परमाणु आपूर्तिकर्ता देशों के समूह एनएसजी की गुरुवार को शुरू हुई दो दिवसीय बैठक के ठीक एक दिन पहले बुधवार को 'वॉशिंगटन पोस्ट' ने अपने विशेष संस्करण में बुश के पत्र का ब्योरा उजागर किया था। इसमें बुश ने साफ कहा है परमाणु परीक्षण करने की हालत में समझौता तुरंत रद्द हो जाएगा।
पत्र में अमेरिकी सांसदों को बताया गया है कि भारत को परमाणु ईंधन का सुरक्षित भंडार बनाने की अनुमति बिना शर्त नहीं दी गई है तथा समझौते के तहत अमेरिका भारत को अत्याधुनिक परमाणु तकनीकी हस्तांतरित नहीं करेगा।
बुश के पत्र के इस रहस्योद्घाटन से भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है तथा परमाणु समझौते का विरोध कर रहे वामपंथी दलों और भाजपा ने सरकार पर देश को धोखे में रखने और झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए समझौते को खारिज करने की माँग की है।
इस बीच विदेशमंत्री प्रणब मुखर्जी ने स्पष्ट किया है कि बुश का पत्र अमेरिका का आंतरिक मामला है। सरकार केवल भारत अमेरिका के बीच हुए द्विपक्षीय १२३ समझौते से बँधी है। दूसरे देश की सरकार के विभिन्न अंगों के बीच हुए पत्राचार पर हम प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करते।