Jul 2, 2008

सेंसेक्स औधे मुह गिरा, 600 अंक निचे

नई दिल्ली। देश के शेयर बाजारों को बुधवार को मिली ७०० अंकों की संजीवनी बृहस्पतिवार को काम नहीं आई और सेंसेक्स शुरुआती आधे घंटे के कारोबार में ६०० अंकों का रिवर्स गेयर लगाता हुआ १३ हजार के करीब पहुंच गया।
३० शेयरों पर आधारित बंबई स्टाक एक्सचेंज [बीएसई] को सेंसेक्स आज सुबह १० बजकर २३ मिनट तक ६२२.०५ अंकों का गोता लगाता हुआ १३०४२.५७ तक पहुंच गया। वहीं नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी १० बजकर २४ तक १६२.८० अंक की गिरावट के साथ ३९३०.५५ पर पहुंच गया।

परमाणु मुद्दे पर भाजपा शिवसेना के सुर एक - भाजपा

नयी दिल्ली २-जुलाई-भारत अमेरिका परमाणु समझौते पर सहयोगी दल शिव सेना के साथ मतभेद की खबरों को पूरी तरह खारिज करते हुए भाजपा ने आज कहा कि इस मुद्दे पर दोनों दलों के सुर एक हैं।
पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा भाजपा नेतृत्व इस संबंध में शिव सेना नेतृत्व के संपर्क में है। परमाणु करार पर शिव सेना के सुर राजग के सुरों से पूरी तरह मेल खाते है ।
परमाणु समझौते के समर्थन में शिव सेना के मुखपत्र सामना के संपाद्कीय के बारे में पूछे जाने पर जावड़ेकर ने कहा दोनों सहयोगी दलों में इस मामले को लेकर कहीं कोई भ्रम नहीं है ।
सामना में परमाणु करार की हिमायत करते हुए इसका विरोध करने वाले वाम दलों को आड़े हाथ लिया गया था। इस लेख के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडु और शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे के बीच बातचीत हुई और शिव सेना ने अपने सुर बदले।
उधर शिव सेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी आज जारी बयान में कहा हम परमाणु करार के मुद्दे पर राजग के साथ हैं। इस मामले में हमारा रूख वही है जो राजग का है। इसे लेकर किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए ।
हालांकि उद्धव के इस बयान से एक दिन पहले शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी इस करार को देश हित में मानती है। लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि सेना ऐसा कुछ नहीं करेगी जिससे राजग को धक्का पंहुचे ।

कोचिंग का करोबार १० हजार करोड का .. एसोचैम सर्वे

नई दिल्ली २ जुलाई- देश में चल रहे हजारों कोचिंग केंद्र प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी में प्रवेश के इच्छुक करीब छह लाख छात्रों से हर साल लगभग १० हजार करोड रूपए कमाते हैं । शिक्षा के बाजारीकरण का यह चौकाने वाला तथ्य उद्योग व्यापार जगत के संगठन एसोचैम के एक ताजा सर्वेक्षण से सामने आया है ।
उच्च शिक्षा व्यवस्था की एक और खामी गिनाते हुए सर्वे में कहा गया है कि ८० हजार से ९० हजार छात्र शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं । यदि हर छात्र १५ लाख रूपए ही खर्च करता है तो भी विदेशी मुद्रा के रूप में देश का १० हजार करोड रूपए विदेशों में चला जाता है ।
सर्वेक्षण के निष्कर्ष जारी करते हुए एसोचैम के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने आज कहा कि कोचिंग केंद्र जितनी कमाई करते हैं उससे देश में एक वर्ष में ४० नए अखिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खोले जा सकते है । उन्होंने शिक्षा की वर्तमान प्रणाली को नियंत्रण मुक्त करने की वकालत करते हुए कहा कि इस समय चल रही व्यवस्था का फायदा धंधेबाज उठा रहे हैं ।
सर्वे के अनुसार आईआईटी में प्रवेश का इच्छुक हर एक छात्र कम से कम एक लाख ७० हजार रूपए कोचिंग पर खर्च करता है । इस प्रकार कुल छह लाख अभ्यर्थियों के जरिए कोचिंग केंद्र हर वर्ष १० हजार करोड रूपए की कमाई करते हैं1 इस सर्वे में दिल्ली मुंबई कोलकाता मुंबई चेन्नई हैदराबाद और वारणसी जैसे महानगरों को ही शामिल किया गया है ।
सर्वे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में हर वर्ष चार से पांच लाख छात्र स्नातकोत्तर प्रबंधन शिक्षा के लिए आवेदन करते हैं उनमें से ५० प्रतिशत छात्र कोचिंग का सहारा लेते हैं । यदि एक कोचिंग केंद्र प्रति छात्र ५० हजार वार्षिक फीस लेता है तो कुल कारोबार एक हजार करोड रूपए का होता है । हर छात्र लगभग चार पांच प्रबंधन संस्थानों में आवेदन करता है जिसपर २० से ३० हजार रूपए खर्च करने पडते हैं । यही धनराशि प्रतिवर्ष ५०० .. ६०० करोड रूपए हो जाती है ।
एसोचैम का कहना है कि नये आईआईटी और आईआईएम खोलने पर रोक हटा कर तथा सरकारी नियंत्रण खत्म कर दिया जाये तो देश मे पर्याप्त संख्या में अच्छे संस्थान खोले जा सकते हैं । इससे कोचिंग और विदेशी शिक्षा पर खर्च पर अंकुश लगेगा ।
सर्वे में कहा गया है कि देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक करोड २० लाख छात्र पंजीकृत हैं । जिनके लिए केवल साढे तीन लाख अध्यापक हैं जो अपर्याप्त है ।

मंदिरों के प्रसाद व असम की चाय भी दूसरे को दे देंगे डाकिए

डाक विभाग तमाम नए प्रयोग कर रहा है टिकने के लिए मगर उसके लापरवाह व गुटबाज कर्मचारीहर कोशिश को धूल में मिलाते जा रहे हैं। विश्वसनीयता भी इसी से दाव पर लगी हुई है। डाक विभाग को टेलीफोन व संचार तकनीक की क्रांति ने वैसे ही हासिए पर ला खड़ा किया है। डाक गायब होने, सही तरीके से डाक वितरित नहीं हो पाने, लोगों की गाढ़ी कमाई के मनीआर्डर गायब होने, बचत व निवेश के तौरतरीके अपारदर्शी होने के कारण डाक विभाग लोगों की नजर में उतना महत्वपूर्ण नहीं रह गया है जितना कभी मजबूरी के कारण था। आज निवेश के हजारों विकल्प हैं। मनीआर्डर को एटीएम निगल गया है। चिट्ठी को मेल और कंपनियों वगैरह की डाक ज्यादातर आनलाइन के हवाले हो गई है। डाक विभाग की मासिक बचत योजना तमाम परिवारों की अब भी जीवनरेखा बनी हुई है मगर डाकघरों के फौरन कंप्यटरीकृत नहीं किए जाने से स्टेट बैंक आप इंडिया का मासिक बचत योजना अब विकल्प बन रही है। ऐसे में डाक विभाग को बचाने की नई कवायद हो रही है।
इसी कोशिश के तहत डाक विभाग अब दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों के प्रसाद और मसालों से लेकर सुदूर असम की चाय और पंजाब की मिठाइयां तक आपके दरवाजे तक पहुंचाने की तैयारी में है। पंजाब में शुरू की जा रही इस योजना के तहत वस्तु की असली कीमत से केवल दस रुपये ज्यादा लिए जाएंगे। उपभोक्ता को केवल नजदीक के डाक घर में जाकर आर्डर करना है, उसके बाद संबंधित संगठन को एक ई-मेल भेज दिया जाएगा। इसके बाद एक या दो दिनों में सामान पैक होकर उसके घर पहुंच जाएगा। पंजाब के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल पृथ्वीराज कुमार ने बताया, "इंडिया पोस्ट ने स्पाइस बोर्ड आफ इंडिया के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत अब उत्पादों को ग्राहकों केघर तक पहुंचाया जाएगा। यह योजना लगभग एक साल से कागजों पर ही है और इसकी ठीक ढंग से मार्केटिंग नहीं की गई और अब इसकी पुनरीक्षा की जा रही है।" उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश में तिरुपति मंदिर और असम के चाय बागानों के अलावा पंजाब के कोट कपूरा कस्बे की प्रसिद्ध ढोडा मिठाइयों की भी आपूर्ति के लिए समझौते किए गए हैं।
कर्मचारी ही प्रतिबद्ध नहीं
लेकिन क्या गारंटी है कि डाक विभाग को ये योजनाए बचा पाएंगी ? जबतक विभाग के कर्मचारी खुद इसके प्रति प्रतिबद्ध नहीं होंगे यह लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा। प्रतिबद्धता में कमी और धोखाधड़ी की तमाम खबरें लोगों को मालूम हैं मगर मैं सिर्फ अपना उदाहरण दूंगा जिसके कारण डाक विभाग के डाकिए संदिग्ध लगने लगे हैं। मैं कोलकाता शहर के दमदम इलाके में रहता हूं। मेरे दो बच्चे स्टेट बैंक आफ इंडिया के क्लर्क पद के लिए आनलाइन फार्म भरे। बैंक ने नियत समय पर प्रवेश पत्र डाक विभाग क् जरिए वितरित करने की व्यवस्था भी की। मगर यह महामहिम डाकिए की कृपा रही कि मेरे दोनों बच्चे का प्रवेशपत्र किसी ऐसे गैर लोगों के हाथों में सौंप गया जिनसे मैं कभी भले की उम्मीद नहीं रखता। जब मेरे इन शत्रुओं को पता चला कि प्रवेश पत्र चुरा लेने से उम्मीदवार को परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जा सकता तो कटे-फटे हालत में पहुंचाकर मेरे यहां फेंक दिया गया। दूसरा प्रवेश पत्र भी इसी तरह से किसी को सौंप कर डाकिया चला गया। यह बाकायदा लिफाफा था जिसमें प्रवेश पत्र के अलावा एक बुकलेट भी था। जबकि पहला वाला सिर्फ प्रवेश पत्र मिला।
पोस्ट आफिस जाकर पूछा कि ऐसा क्यों हुआ तो एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा लोग न जाने क्यों करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके फ्लैट में भी लोग डाकिए से किसी की भी डाक लेकर गायब कर देते हैं। उन्होंने डाकिए को बुलाकर कह दिया कि इनकी डाक सिर्फ इन्हें हीं सौंपें। डाकिए ने मानने को भी कहा मगर मेरा विस्वास तो डिग गया है कि इतनी संवेदनशील डाक को जो डाकिया गैरजरूरी की तरह फेंक गया तो आगे कितना ध्यान रखेगा।
लगे हाथ आपको यह भी बतादूं कि हर साल ऐसे तमाम नौजवानों को अपनी नौकरी के बुलावा पत्र से डाक विभाग के ऐसे डाकिए के कारण वंचित होना पड़ता है। पश्चिम बंगाल में हर आदमी पार्टी या खेमे में बंटा हुआ है लिहाजा खुन्नस में यह काम डाकिए स्थानीय लोगों की मर्जी से करते हैं। यह डाकिए की भी मजबूरी होगी क्यों कि वह किस- किस से लड़ाई करेगा। या फिर वह भी किसी पार्टी का समर्थक होता है। कोलकाता में बाहरी लोग इस विरोध के ज्यादा शिकार होते हैं। ऐसे में नए तरीके अपनाकर डाक विभाग विश्वसनीयता नहीं हासिल करता जबतक नीचे से अपनी कार्यप्रणाली को फुलप्रूफ नहीं करेगा। डाक बिना किसी भेदभाव के वितरित हो इसके लिए डाकिए को जिम्मेदार बनाना होगा। डाक विभाग का फौरन आधुनिकीकरण करना होगा ताकि बचत व निवेश जैसे उत्पाद के काम त्वरित व विश्वसनीय हों। अगर ऐसा नहीं हुआ तो चाय, मिटाई और डाक भी किसी दूसरे को ही देकर लोगों की आखों में धूल झोंकते रहेंगे डाकिए।

‘माया का साया’ और ‘ड्रेगन रिटर्न’ जैसी दो डब फिल्में भी 18 जुलाई को प्रदर्शित होंगी।

२५ जुलाई को फिर घमासान है। ‘मिशन इस्ताम्बुल’, ‘मनी है तो हनी है’ और ‘अगली और पगली’ जैसी बड़ी फिल्में इस दिन आमने-सामने होंगी। हो सकता है एकाध फिल्म आगे बढ़ जाए।
अपूर्व लाखिया द्वारा निर्देशित ‘मिशन इस्ताम्बुल’ विवेक ओबेरॉय के लिए बेहद अहम है। एक्शन प्रेमी दर्शकों को यह फिल्म अच्छी लग सकती है। हास्य फिल्म पसंद करने वालों के लिए ‘अगली और पगली’ फिल्म है, जिसमें हॉट नायिका मल्लिका शेरावत के साथ रणवीर शौरी और टीनू आनंद हैं।
गणेश आचार्य द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मनी है तो हनी है’ के नाम से ही जाहिर हो जाता है कि यह किस तरह की फिल्म होगी। इसमें गोविंदा, आफताब, सेलिना जेटली, ईशा कोप्पिकर, हंसिका और किम शर्मा धमाल मचाते हुए दिखाई देंगे। डब फिल्म पसंद करने वालों के लिए ‘खून का कर्ज’ इस दिन प्रदर्शित होगी।

जुलाई में प्रदर्शित होने वाली फिल्में

इस वर्ष के जुलाई माह में कई बड़ी फिल्में प्रदर्शित होने जा रही हैं। छुट्टियाँ समाप्त होकर स्कूल-कॉलेज जुलाई में आरंभ हो जाते हैं। वर्षा भी फिल्म वालों के लिए खलनायक बन जाती है, लेकिन फिल्मों का प्रदर्शन जारी रहता है।
४ जुलाई को दो नए नायकों की जबर्दस्त टक्कर होने जा रही है। हैरी पुत्तर हरमन बावेजा की ‘लव स्टोरी २०५०’ हरमन और प्रियंका की प्रेम कहानी, स्पेशल इफेक्ट्स और हरमन की वजह से चर्चित है।
टाइम मशीन के जरिए भविष्य की दुनिया को इस फिल्म के जरिए दिखाया गया है। हैरी बावेजा ने करोड़ों रुपए इस फिल्म पर लगाए गए हैं और पूरी तैयारी के साथ वे अपने बेटे को बॉलीवुड में लांच कर रहे हैं।
आमिर के भानजे इमरान खान ‘जाने तू... या जाने ना’ के जरिए आ रहे हैं। जेनेलिया को साथ लेकर प्रेम कहानी बनाई गई है। इस फिल्म का संगीत धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है और फिल्म का यूथफुल लुक दर्शकों को आकर्षित कर रहा है। आमिर खान का नाम इस फिल्म से जुड़ा होना इसका सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है।
इन फिल्मों के अलावा ‘एक चतुर नार’ और ‘हमारी रणभूमि’ (डब) भी 4 जुलाई को प्रदर्शित हो सकती हैं।
११ जुलाई को ढेर सारी फिल्में प्रदर्शित होने की संभावना है। अफज़ल खान की वर्षों से अटकी फिल्म ‘मेहबूबा’ इस दिन आ सकती है। अजय देवगन, मनीषा कोइराला और संजय दत्त इसके प्रमुख सितारे हैं। नायिका के रूप में मनीषा की पारी को खत्म हुए अरसा हो गया है।
इसी दिन मनीषा की एक और फिल्म ‘खेला’ दिखाई देगी। ‘खेला’ को रितुपर्णो घोष ने निर्देशित किया है और मनीषा के साथ राइमा सेन, रूपा गाँगुली और प्रसन्नजीत चटर्जी ने प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं। कला फिल्म पसंद करने वाले दर्शक यह फिल्म देखना जरूर पसंद करेंगे।
निर्देशक आदित्य दत्ता ने सयाली भगत, आर्यमन, लकी अली और रणवीर शौरी को लेकर हास्य फिल्म ‘गुडलक’ बनाई है। ‘गुडलक’ को फिलहाल गुडलक ही कहा जा सकता है। हॉलीवुड की मेगा फिल्म ‘हेनकॉक’, ‘मुखबिर’ और ‘सरफरोश- द बर्निंग यूथ’ जैसी फिल्में भी इस दिन दिखाई देंगी।
‘गुडलक’ के बाद १८ जुलाई को ‘किस्मत कनेक्शन’ अपनी किस्मत आजमाएगी। अज़ीज मिर्जा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में शाहिद कपूर और विद्या बालन प्रमुख कलाकार हैं। शाहिद और विद्या की नजदीकियों की वजह से यह फिल्म चर्चा में है।
इस फिल्म का सीधा मुकाबला रामगोपाल वर्मा की ‘कॉन्ट्रेक्ट’ से होगा। ‘सत्या’ और ‘कंपनी’ की तर्ज पर नए कलाकारों को लेकर रामू ने यह फिल्म बनाई है, जिसमें अंडरवर्ल्ड और आतंकवाद के गठजोड़ पर प्रकाश डाला गया है।

होम लोन की ब्याज दरें पौन फीसद बढ़ीं

निजी क्षेत्र के एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक ने सोमवार को घर, निजी और अन्य ऋणों की ब्याज दर ०.७५ फीसदी बढ़ा दी। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के एसबीआई बैंक ने घर कर्ज की दर ०.५ प्रतिशत बढ़ाई है।
एचडीएफसी ने मंगलवार से घर कर्ज की फिक्स ब्याज दर को १०.२५ फीसद से बढ़ाकर ११ प्रतिशत कर दिया है। हालाँकि जो लोग पहले घर कर्ज ले चुके हैं, उनकी ब्याज दर में ०.५ प्रतिशत का इजाफा किया गया है यानी उन्हें १०.७५ प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा। घर कर्ज की फ्लोटिंग दरें अब १४ फीसद हो गई हैं।
एचडीएफसी ने अधिकतर जमाओं पर ०.५ प्रतिशत और आईसीआईसीआई बैंक ने १५ लाख से कम की फिक्स डिपाजिट पर ०.५ प्रतिशत से 1 प्रतिशत ब्याज बढ़ा दिया है। गाजियाबाद में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन ओपी भट्ट ने बताया कि घर कर्ज और ऑटो कर्ज की ब्याज दर ०.५ प्रतिशत बढ़ा दी गई है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के गत मंगलवार सभी बैंकों के लिए रेपो दर आठ प्रतिशत से बढ़ाकर तत्काल ८.५० प्रतिशत करने के साथ ही उनका नकद आरक्षित अनुपात भी ८.२५ प्रतिशत से दो चरण में १९ जुलाई तक बढ़ाकर ८.७५ करने की घोषणा किए जाने के बाद से बैकों के बेंचमार्क प्रधान ब्याज दर (बीपीएलआर) बढ़ाने का सिलसिला जारी है।
आईसीआईसीआई बैंक की दर १३.५० : आईसीआईसीआई बैंक ने फ्लोटिंग दर ०.७५ प्रतिशत बढ़ाकर १३.५० प्रतिशत कर दी है। पहले जो लोग फ्लोटिंग दरों पर कर्ज ले चुके हैं, उन्हें मंगलवार से नई दरों पर ब्याज देना होगा। वहीं जिन लोगों को फिक्स दर पर घर कर्ज मिल चुका है, उन्हें नई दरों के अनुसार ब्याज नहीं देना होगा। आईसीआईसीआई ने कॉर्पोरेट के लिए बेंचमार्क प्रधान उधार दरें भी ०.७५ प्रतिशत बढ़ाकर १६.5० प्रतिशत कर दी हैं।

रियलटी शो के लिए नियम बनाएगी सरकार

कोलकाता/मैगलूरू-टीवी चैनल पर दिखाए जाने वाले रियलटी शो में बच्चों के भाग लिए जाने की निगरानी करने का मन अब सरकार नें बना लिया है । हाल ही में एक रियलटी शो में सार्वजनिक रूप से शो के जजों का अपमान के सदमें को बर्दास्त न कर पाने के कारण कोमा में पहुँची स्कूली छात्रा शिंजनी की घटना को केन्द्र सरकार गंभीरता से लिया है । रियलटी शो के लिए अब केन्द्र सरकार नियम निर्धारित करने जा रही है और उसके निर्णायकों के लिए भी आचारसंहिता निर्धारित की जायेगी ।
इस विषय पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेणुका चौधरी नें कहा कि रियलटी शो बिना किसी नियम के संचालित हो रहे है हम चाहते है कि उनके कुछ नियम होने चाहिए ताकि बच्चे बेहतर स्थिति में उसमें कार्य कर सकें श्रीमती चौधरी नें मंगलवार को शिंजनी के परिजनों से चर्चा की, जिसके साथ गत दिनों में एक रियलटी शो के दौरान बुरा बर्ताव किया गया था । उसका उसपर इतना बुरा असर पडा कि वह लकवे की शिकार हो गयी ।
कई रियलटी शो में निर्णायकों द्वारा बच्चों को अपशब्द कहे जाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीयमंत्री नें कहा कि उनके लिए नियम व आचार संहिता बनाई जायेगी, ताकि वे बच्चों के साथ बुरा बर्ताव न कर सकें । श्रीमती चौधरी नें कहा कि सरकार चाहती है कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा हो ।
रियलटी शो से शिंजनी को बाहर का रास्ता दिखाने वालों में से एक रिंगू से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शो में उनका किसी से कोई विवाद नहीं था जब उनसे पूछा गया कि वे किस अधिकार से बच्चों का अपमान करते है तो रिंगू नें कहा कि रियलटी शो में हमारा काम बच्चों को सही सलाह देना है और उनकी प्रतिभा का मूल्यांकन करना ही होता है ।

सेंसेक्स में सुधार से स्टाक मार्केट में राहत

मुंबई-ब्लूचिप शेयरों में लिवाली के चलते बंबई शेयर बाजार में तीन दिन की गिरावट बुधवार को थम गई। तीस शेयर आधारित सेंसेक्स ७०२.९४ का सुधार दर्शाता हुआ १३६६४.६२ अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में बुधवार को आई तेजी दस सप्ताह यानी 25 मार्च के बाद की सबसे बड़ा उछाल है। कारोबार के दौरान यह १३७१२.३१ और १२८२२.७५ अंक के दायरे में रहा।
नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी १९६.६० अंक की बढ़त लेते हुए ४०९३.३५ पर बंद हुआ।

माओवादी हमले पर आन्ध्र और उडीसा की सरकारें भिडी

उडीसा के मलकानगिरी जिले में सुरक्षाकर्मियों पर हुए माओवादियों के हमले के बाद आन्ध्र एवं उडीसा की सरकारें एक-दुसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में लग गयी है । दोनों राज्यों के मंत्री नेता और वरिष्ठ अधिकारी एक-दुसरे पर दोषारोपण कर रहे है और उधर दोनों राज्यों की पुलिस माओवादी हमले में बचे सुरक्षाकर्मियों की तलाश में लगी हुई है ।
रविवार को माओवादियों नें उडीसा के चित्रकुंडा थाना क्षेत्र के एक जलाशय में आंध्र प्रदेश के उग्रवाद रोधी दस्ते के नाव पर हमला किया और उनकी नाव डुबो दी ।
सोमवार को आंध्र प्रदेश के गृहमंत्री के० जेना रेड्डी नें उडीसा पुलिस पर इस हमले की जिम्मेदारी डाली उन्होंने कहा कि "उडीसा में सड़क, खुफिया जानकारी और पुलिस तंत्र कमजोर है वो हमारी तरह तेज-तर्रार नही है । वो माओवादियों के खिलाफ उतनी तत्परता से कार्रवाई नहीं करती जैसे हम करते है "
उधर मंगलवार को उडीसा के गृह सचिव तरुण कांति मिश्रा नें आन्ध्र के गृहमंत्री के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि "ग्रेहाउड फोर्स के जवानों नें रणनीतिक गलती की है उन्हें जल के रास्ते के बजाय जमीन के रास्ते से जाना चाहिए था उन्होंने अपने ही दिशानिर्देशों की अवहेलना की उन्होंने बताया कि कभी भी तलाशी अभियान में जल का रास्ता नहीं अपनाया जाता है" मिश्रा ने यहां तक कहा कि इन जवानों ने दिन के उजाले में यात्रा की जो ग़लत तरीका है ।
माओवादियों के इस हमले में बचे हुए जवान किसी तरह तैर कर जलाशय से बाहर निकले। उनका कहना था कि ग्रेहाउंड यूनिट के सभी जवान तीन दिन से चल रहे तलाशी अभियान के बाद बुरी तरह थक चुके थे और बेस कैंप लौटने की जल्दी में उन्होंने सुरक्षा निर्देशों का पालन नहीं किया ।
इस हमले में बचे एक कांस्टेबल एक सुब्रमण्येश्वर राव का कहना था, "हमें २५ किलोमीटर का लंबा रास्ता पैदल तय करके बेस कैंप जाना चाहिए था जिसमें २४ घंटे लगते लेकिन हम इतना थक चुके थे कि हमने जलाशय का रास्ता अपनाया जो हमें भारी पड़ा" इतना ही नहीं जवानों ने यात्रा से पहले रास्तों की पर्याप्त जांच भी नहीं करवाई थी । इस बीच जलाशय से एक और शव निकाला गया है जिस पर गोली के निशान हैं ।
जिस मोटर लांच ( नौका) में ये सुरक्षाकर्मी सवार थे उसका ड्राइवर मनोरंजन डे हमले में बच गया था। उन्होंने बताया कि वो किसी तरह पानी में कूदे और जान बचाकर भागे लेकिन किनारे पर उन्हें माओवादियों ने पकड़ लिया । डे के अनुसार जब उन्होंने माओवादियों को बताया कि वो पुलिसवाले नहीं बल्कि ड्राइवर हैं तो उनकी जान बख्श दी गई ।

भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में सड़ गए दस लाख टन अनाज

नयी दिल्ली २ जुलाई-पिछले एक दशक के दौरान भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में सैकड़ों करोड़ रूपये मूल्य के १० लाख टन से ज्यादा अनाज सड़ गए जो एक करोड़ से ज्यादा लोगों की एक साल तक पेट की आग बुझाने के लिए काफी था।
यह स्थिति तब है जब संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि भारत के ६३ प्रतिशत बच्चे भूखे पेट सोने के लिए मजबूर हैं।
यह स्थिति तब है जब निगम ने अनाजों को भंडारण के समय नुकसान से बचाने के लिए २४५ करोड़ रूपये खर्च किए। यह विडंबना है कि अनाज के सड़ जाने के बाद उन्हें निबटाने के लिए भी निगम को २ .५९ करोड़ रूपये खर्च करने पड़े।
अनाजों के भंडारण से संबंधित ये सनसनीखेज तथ्य सूचना के अधिकार आरटीआई .के तहत दिल्ली के एक निवासी देवाशीष भट्टाचार्य के आवेदन पर सामने आए।
भट्टाचार्य के सवाल पर निगम ने उन्हें सूचित किया कि देश भर में अनाजों की खरीदारी और वितरण की जिम्मेदारी निभा रही सरकारी एजेंसी के भंडारों में पिछले एक दशक के दौरान १० लाख टन अनाज सड़ गए।

देश की पहली हेलीकाप्टर टैक्सी सेवा शुरू

बेंगलूर, १ जुलाई। देश की पहली हेलीकाप्टर टैक्सी सेवा की शुरूआत मंगलवार को बेंगलूर में की गई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने इस सेवा का उद्घाटन किया।
डेक्कन एविएशन की डेक्कन स्काइलिमो टैक्सी सेवा को शहर से ३५ किलोमीटर दूरी पर बने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक शुरू किया गया है। इस सेवा की शुरूआत डेक्कन ऐविएशन ने विशेष रूप से आईटी पेशेवरों व बिजनेस लीडरों के नए हवाई अड्डे तक लगने वाले यात्रा समय को बचाने के लिए किया गया है। इसके लिए हर यात्री को ४५०० रूपये से लेकर ५७०० रूपये तक का भुगतान करना पड़ेगा।
डेक्कन ऐविएशन के प्रबंध निदेशक कैप्टन जीआर गोपीनाथ ने बताया कि शहर के तीन स्थानों से ये सेवा उपलब्ध होगी व बिजनेस यात्रियों के कम समय में हवाई अड्डा तक पहुंचने के लिए यह एक सुविधाजनक विकल्प होगा।