Jul 8, 2008

महँगाई बढ़ने का सिलसिला जारी

भारत में महँगाई की दर लगातार बढ़ती हुई ११.६३ फ़ीसदी पर पहुँच गई है. खाद्य उत्पादों के अलावा धातुओं की क़ीमतों में तेज़ी आई है.
१४ जून को समाप्त हुए सप्ताह में यह ११.४२ फ़ीसदी थी और इसके अगले हफ़्ते यानी २१ जून को यह 0.२१ फ़ीसदी बढ़ कर ११.६३ फ़ीसदी हो गई । पिछले तीन सप्ताह से महंगाई की दर लगातार ११ फ़ीसदी से ऊपर बनी हुई है। गत वर्ष इसी अवधि में महंगाई की दर ४.३२ प्रतिशत थी ।
पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सिलेंडर के दामों में भारी बढ़ोतरी के कारण महंगाई की दर सात जून को समाप्त हुए सप्ताह में १३ वर्ष के अंतराल के बाद पहली बार ११ प्रतिशत से ऊपर निकली थी और उसके बाद से यह लगातार बढ़ रही है ।
महंगाई को काबू में करने के लिए रिजर्व बैंक ने पिछले माह रेपो दर और नगद सुरक्षित अनुपात (सीआरआर) में वृद्धि की थी । वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने गत सप्ताह महंगाई दर के दहाई अंक में बने रहने की संभावना जताई थी और उनका मानना है कि इसे नीचे आने में तीन माह का समय लगेगा ।
महंगाई को काबू में करने के लिए इस्पात उत्पादकों की कल सरकार के साथ बैठक में कुछ उत्पादों के दामों में दस प्रतिशत तक कमी किए जाने पर सहमति है । इसके अलावा सरकार ने घरेलू स्तर पर मक्का की आपूर्ति बढ़ाने के लिए १५ अक्तूबर तक इसके आयात पर रोक लगा दी है ।

सरकार एकदम सुरक्षित : मनमोहन सिंह

नई दिल्ली- परमाणु करार को लेकर वामदलों के समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि संप्रग सरकार को कोई खतरा नहीं है और वह पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे संसद में बहुमत साबित करने से पीछे नहीं हटेगें।
ज्ञातव्य हो कि मनमोहन सिंह जी-८ सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस समय जापान गए हुए हैं और वे वहां पर अपनी सरकार को लेकर एकदम निश्चिंत हैं।
उधर दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भी पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार संसद में अपना बहुमत साबित कर देगी। उनसे नए समर्थकों के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा संप्रग सरकार एकजुट है और हमारी सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है। मनमोहन सिंह के आईएईए में जाने से संबंधित बयान के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा जिसे हम पिछले साढ़े चार साल से न कहते आ रहे हों। प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा था कि भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए में जाएगा जिस पर वामदलों ने समर्थन वापसी का फैसला किया।
इस घटनाक्रम से निश्चिंत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जी ८ सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और असैन्य परमाणु करार के सिलसिले में समर्थन जुटाने के लिए परमाणु सप्लायर देशों के नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रम तय हो चुका है।

लेफ्ट समर्थन वापस लिए जाने की घोषणा की।

नई दिल्लीः परमाणु करार के मुद्दे पर लेफ्ट और यूपीए के बीच लंबे समय से चल रहे राजनीतिक डामा पर से मंगलवार को पर्दा उठ ही गया। लेफ्ट ने अपनी समन्वय समिति की बैठक के बाद यूपीए सरकार से समर्थन वापस लिए जाने की घोषणा की। लेफ्ट के नेताओं ने अपने फ़ैसले की जानकारी देने के लिए बुधवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मिलने का वक़्त मांगा है। लेफ्ट के नेता कल १२ बजे राष्ट्रपति से मिलकर समर्थन वापसी कि चिट्ठी सौंपेंगे।
लेफ्ट के समर्थन वापसी के फैसले पर विचार-विमर्श के लिए कांग्रेसे ने सोनिया गांधी के घर पर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। एनडीए ने बुधवार को अपने सभी घटक दलों की आपात बैठक बुलाई है। एनडीए के सभी मुख्यमंत्रियों को भी दिल्ली में होने वाली इस मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए कहा गया है।
सीपीएम हेडक्वॉर्टर में लेफ्ट की समन्वय समिति की बैठक में सरकार से समर्थन वापस लेने का फ़ैसला किया गया। बैठक में सीपीएम के महासचिव प्रकाश करात, सीपीआई महासचिव ए. बी. बर्धन व डी. राजा, आरएसपी के नेता टी. जे. चंद्रचूड़न व अवनि राय, फॉरवर्ड ब्लॉक के देवव्रत विश्वास व जी. देवराजन ने हिस्सा लिया।
प्रकाश कारत के अनुसार लेफ्ट ने विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी को पत्र भेज दिया है। लेफ्ट ने मुखर्जी को लिखा है कि १० जुलाई को यूपीए-लेफ्ट कमिटी की प्रस्तावित बैठक की कोई सार्थकता नहीं है। करात ने कहा कि परामणु डील के लिए आईएईए में जाने की घोषणा के बाद १० जुलाई को बुलाई यूपीए- लेफ्ट की बैठक का कोई मतलब नहीं रह गया था।
सीपीएम महासचिव ने कहा कि हमने चेताया था कि अगर सरकार आईएईए में जाने का फ़ैसला करती है तो लेफ्ट उससे अपना समर्थन वापस ले लेगा। करात ने कहा कि सरकार ने सुरक्षा समझौते का मसौदा सौंपने से इंकार कर दिया, जिसके बगैर यूपीए-लेफ्ट कमिटी अपने नतीज़ों को अंतिम रूप दे पाने में सक्षम नहीं होती। करात ने सवाल किया कि मनमोहन सिंह की सरकार आईएईए समझौते के मसौदे को देश की जनता से छिपा क्यों रही है।
इधर, सरकार से समर्थन वापस लेने के लेफ्ट के फैसले पर आश्चर्य नहीं प्रकट करते हुए रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा कि इससे सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बरसात रूकने से लोगों ने राहत की साँस ली

भदोही, (ऊ०प्र०)- गत तीन सप्ताह से लगातार हो रही बारिश से जहां लोग आजिज आ गये थे वहीं विद्यालय भी सूने पड़ गये थे। रविवार से धूप निकलने के बाद जहां किसानों सहित आमजन ने राहत की सांस ली वहीं सोमवार को विद्यालयों में भी रौनक देखी गयी। बाजारों व सड़कों पर भीड़-भाड़ देखी गयी।
तीन सप्ताह लगातार चली बारिश से गर्मी की उमस लगभग समाप्त हो गयी। पृथ्वी की तासिर ठंडी होने से उल्टी, दस्त, डायरिया एवं कालरा जैसी बीमारियों से लोगों को काफी राहत मिली। हालांकि अनवरत चल रही बारिश का विपरीत प्रभाव जायद की फसल पर पड़ा है। उड़द, मूंग, तिल्ली आदि फसलें नहीं बोयी जा सकी वहीं मक्का की बुआई भी वर्षा के कारण नहीं हो सकी। हालांकि पिछले तीन सप्ताह से चली वर्षा सिर्फ धान की खेती के लिये ही उपयोगी साबित हुई।
वर्षा के कारण गांवों एवं बाजार में उत्पन्न कीचड़ व जल-जमाव से लोग ऊब चुके थे। बहुत जरूरी न होने की स्थिति में बाहर निकलने से लोग कतराते रहे। मौसम की बेजोड़ बारिश से सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे है। पिछले कई दिनों से चल रही वर्षा के कारण दर्जनों लोगों के आशियानें भी उजड़ गये। वहीं शिक्षा सत्र के शुरू होने के एक सप्ताह बाद धूप निकलने पर विद्यालयों में सोमवार को रौनक दिखी। धूप निकलने से सड़कों के कीचड़ भी सूखे नजर आये। मौसम का मिजाज देखकर लोग अपने आवश्यक कामकाज निबटाये।

हज हाउस की तर्ज पर बने अमरनाथ हाउस : बाल ठाकरे

मुंबई। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने मुसलमानों के लिए हज हाउस की तर्ज पर मुंबई में हिंदुओं के लिए अमरनाथ हाउस या वैष्णोदेवी हाउस बनाने की मांग की है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में ठाकरे ने लिखा है, यह मांग सभी हिंदुओं के लिए कर रहे हैं। सामना की संपादकीय में ठाकरे ने लिखा है, मुसलमानों के लिए कई निगम बनाए गए हैं। अब अमरनाथ और वैष्णोदेवी जाने वाले तीर्थयात्रियों के कल्याण के लिए निगम बनाओ। महाराष्ट्र में विलासराव देशमुख के नेतृत्व वाली सरकार की धर्मनिरपेक्षता के सवाल पर ठाकरे ने लिखा है कि देशमुख की धर्मनिरपेक्षता तब सच्ची मानी जाएगी जब मुसलमानों को छूट के साथ हिंदुओं को भी लाभ मिले।
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के बारे में ठाकरे ने लिखा है ..यदि वह इतनी अधिक धर्मनिरपेक्ष हैं तो उन्हें कश्मीर जाकर हिंदू पंडितों के साथ अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।

बुधेलिया फाउंडेशन द्वारा नोटबुक वितरण

मुंबई, जुलाई- कांदिवली (प ) जरूरतमंद विद्यार्थियों को कई तरह से वाली बुधेलिया फाउंडेशन नामक सामाजिक संस्था द्वारा शांती अपार्टमेन्ट एस० व्ही० रोड स्थित संस्था के कार्यालय से गरीब एवं जरूरतमंद विद्यार्थियों को प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी पॉँच हजार ( ५००० ) नोटबुक संस्था के अध्यक्ष कालूभाई बुधेलिया नें वितरित किया ।
इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी विक्रम बुधेलिया, जिगनेश भावसार, राजेश पारेख, हितेश एन० जेठवा, मुन्ना भाई के आलावा सुनील पाण्डेय, आनंद दुबे, समेत कई गणमान्य उपस्थित थे ।

संसद में विश्वासमत हासिल करे सरकार : भाजपा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि वामदलों द्वारा कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से अपने समर्थन वापसी की घोषणा के बाद अब यह सरकार अल्पमत में आ गई है और ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को संसद में विश्वासमत हासिल करना चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने वामदलों द्वारा संप्रग सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा के बाद यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेसनीत संप्रग और वामदलों का गठबंधन अस्वाभाविक और अपवित्र था जिसका एकमात्र उद्देश्य भाजपा का विरोध करना था। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन का यही हश्र होना था लेकिन इसमें विलंब हुआ है। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम के बाद उत्पन्न ताजा राजनीतिक स्थिति पर विचारविमर्श करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक आज शाम पांच बजे पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर होगी। सिंह ने बताया कि कल बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति पर विचारविमर्श किया जाएगा।
सिंह ने कहा कि वामदलों को परमाणु समझौते पर प्रधानमंत्री के रुख की जानकारी थी पर वे जानबूझकर समर्थन वापसी के निर्णय लेने को टाल रहे थे। उन्होंने संप्रग सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जहां उसकी जनविरोधी नीतियों के कारण आम आदमी की परेशानी बढ़ी है, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। कांग्रेस और वामदलों की विश्वसनीयता को गहरा धक्का लगा है।
सिंह ने कहा कि वामदलों द्वारा संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा नीत राजग सरकार बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होंने अकाली दल और शिवसेना द्वारा परमाणु समझौते का समर्थन करने संबंधी खबरों को अटकलें बताते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है।