Aug 10, 2008

कोटा पिकनिक स्पॉट पर हादसा एक की मौत, १५० फंसे

कोटा, १० अगस्त-कोटा से करीब १० किलोमीटर दूर रावतभाटा रोड पर स्थित गेपरानाथ के महादेव मंदिर की सीढि़यां टूट जाने से पिकनिक मनाने गए करीब एक सौ पचास लोगों के मंदिर में फंसे होने की सूचना है। हादसे में आधिकारिक तौर पर एक व्यक्ति के मरने की पुष्टि की गई है। तथा कुछ लोगों के मलबे में फंसे होने की असंका है ।
घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। मंदिर के लिए करीब दो सौ सीढि़या नीचे उतर कर जाना पड़ता है। इसलिए सीढि़यां टूट जाने और अँधेरा हो जाने से लोगों को बाहर निकालने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
लोगों को हेलीकाप्टर की मदद से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा था किंतु अँधेरा होने के कारण रेस्क्यू कार्य रोक दिया गया है । फंसे हुए लोगों के पास जनरेटर से रोशनी एवं खाने-पीने का सामान पहुचाने का प्रयास किया जा रहा है उल्लेखनीय है कि यह एक पिकनिक स्पॉट है। सावन का महीना साथ में रविवार होने से यहां भारी संख्या में लोग जमा थे।

खतरा है तो सुरक्षा बढ़ाएँ मायावती-लालू

नई दिल्ली, १० अगस्त- राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बसपा की अध्यक्ष मायावती द्वारा उनके जीवन को खतरा बताने संबंधी बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह लोकप्रियता पाने का एक तरीका मात्र है।
मायावती ने शनिवार को लखनऊ में आयोजित एक रैली में कथित तौर पर कहा था कि कांग्रेस या भाजपा उन पर आतंकवादी या फिर नक्सली हमले कर उन्हें मरवा सकते हैं।
लालू प्रसाद ने कहा कि मायावती उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री है और उन्हें वहाँ कौन मार सकता है। उन्हें (मायावती को) लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए।
यदि वास्तव में उन्हें खतरा महसूस होता है तो उन्हें अपनी सुरक्षा और बढ़ा लेनी चाहिए। रेलमंत्री ने कल मायावती द्वारा उनके बारे में की गई टिप्पणी पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

रूसी हमले से डर कर जॉर्जिया ने सेना हटाई

तिबिलिसी, १० अगस्त- रूसी विमानों द्वारा आज तड़के राजधानी तिबिलिसी पर की गयी जबरदस्त बमबारी से घबराए जॉर्जिया ने विद्रोही प्रांत ओसेतिया से अपनी सेना पूरी तरह हटा ली है।
ओसेतिया पर जॉर्जियाई सैनिकों ने शुक्रवार को कार्रवाई की थी। इसके तुरंत बाद रूस अपने समर्थक ओसेतियाई विद्रोहियों के बचाव में पूरे सैन्य बल के साथ इस संघर्ष में कूद गया। रूस के इस कदम से जॉर्जिया समर्थक अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की भवें तन गयी है और उन्होंने तत्काल संघर्ष रोकने की अपील की है।
जॉर्जिया के गृहमंत्रालय के सूचना विभाग के प्रमुख शोता उतियाशविली ने जॉर्जिया के पीछे हटने की पुष्टि करते हुए कहा “हमारी सेना यहां ओसेतिया की राजधानी सिखिनवाली पर कब्जा करने के लिए रूसी सेनाओं के साथ कडा मुकाबला कर रही थीं लेकिन अब इन्हें पूरी तरह हटा लिया गया है।”
जॉर्जिया ने शुक्रवार से जारी युद्ध के दौरान हजारों की तादाद में मासूम लोगों के मारे जाने का हवाला देते हुए कल ही युद्ध विराम की पेशकश की थी हालांकि रूस ने इसे तवज्जो न देते हुए आज भी उसकी राजधानी तिबिलिसी के सैन्य अड्डे पर बम बरसाए।यह हवाई अड्डा एक आयुध कारखाने का है जहां सोविय संघ काल से सुखोई एस यू २५ लडाकू विमानों का उत्पादन होता रहा है।
श्री उतियाशविली ने इसके पूर्व दिए गए बयान में स्थिति की भयावहता पर कहा था कि रूस जॉर्जिया में अपने ६ हजार सैनिकों को घुसा चुका है। उसके ४ हजार और सैनिक समुद्र और थल मार्ग से जॉर्जिया पर तडके कभी भी हमला बोल सकते हैं। उन्होंने स्थिति की गंभीरता बयां करते हुए कहा कि यदि ऐसा हुआ तो जॉर्जिया में भयंकर मानवीय त्रासदी होगी ।
गौरतलब है दक्षिण ओसेतिया को लेकर जॉर्जिया और रुस के बीच पूर्ण युद्ध की स्थिति बन चुकी है। रुसी सेना की भीषण बमबारी के बाद जॉर्जिया के राष्ट्रपति ने तुरंत संघर्ष विराम का आह्वान किया है। जॉर्जिया की ओलंपिक टीम ने भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हिंसा रोकने में मदद करने की गुहार की है।
पेईचिंम जारी एक बयान में एथलीटों ने कहा “जॉर्जिया के समूचे क्षेत्र में पूरी तरह रुसी सैनिकों का कब्जा हो गया है। हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करते हैं कि वह रुस को साफ बता दे कि २१ वीं सदी के इस दौर में किसी संप्रभु राष्ट्र के क्षेत्र में बमबारी और हमले बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे।” इस बीच फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी रुस से जॉर्जिया की ओर से भेजे गये संघर्ष विराम प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार करते हुये युद्ध रोकने की मांग की है ।

हिंद महासागर में फल फूल रहा है समुद्री आतंकवाद : एडमिरल मेहता

नई दिल्ली, १० अगस्त- (आईएएनएस) नौसेना प्रमुख सुरीश मेहता का कहना है कि हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री आतंकवाद ने अपनी जड़ें जमा ली हैं।
भारतीय नौसेना के दृष्टिकोण के बारे में एक व्याख्यान देते हुए चीफ एडमिरल मेहता ने हालांकि क्षेत्र में अल कायदा की मौजूदगी से इंकार किया लेकिन उन्होंने माना कि देश की समुद्री सीमाओं के आसपास समुद्री आतंकवाद में भारी बढ़ोतरी हुई है।
मेहता ने कहा, ''हिंद महासागर में समुद्री आतंकवाद को बढ़ावा मिला है। इस क्षेत्र में सशस्त्र हमले बढ़े हैं और इनसे निपटने के लिए बहुराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।''
उल्लेखनीय है कि हिंद महासागर अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ता है इसलिए इसके समुद्री मार्गों पर भारी यातायात रहता है। विश्व के कुल पेट्रोलियम आयात का दो तिहाई इसी मार्ग से गुजरता है। यहां स्थित मलक्का खाड़ी से रोजाना 200 जहाज गुजरते हैं।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि समुद्री आतंकवाद से निपटने के लिए बेहतर मानव संसाधन प्रबंधन और खुफिया जानकारी के आदान प्रदान समेत अन्य उपायों की आवश्यकता है।
मेहता ने समुद्री मामलों के प्रबंधन के लिए एक अलग संस्था बनाए जाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे संबंधित मामलों में तुरंत निर्णय लेने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मत्स्यपालन और अन्य कार्य कृषि मंत्रालय के अंतर्गत हैं जबकि जहाजरानी एक अलग मंत्रालय है।

चीन के पश्चिमी प्रांत में विस्फोट, दो की मौत

उरुम्की (चीन), १० अगस्त- ओलंपिक खेलों के पहले आतंकवादी हमले की चेतावनी के बाद भले ही बीजिंग की सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ा दी गई हो, लेकिन आतंकियों ने आखिरकार उत्‍तर पश्चिम प्रांत में सफल हो ही गये।
चीन के उत्तर पश्चिमी प्रांत झिंजियांग उइगर की कुगा काउंटी में रविवार सुबह हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में दो लोगों की मौत हो गई।
इस विस्फोट में घायल हुए लोगों की संख्या की सरकारी पुष्टि नहीं हो सकी है। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विस्फोट में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विस्फोट की घटना तड़के 3।20 से 4 बजे के बीच हुई। विस्फोट के बाद गोलियां चलने की आवाजें भी सुनाई दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इस घटना के बाद चीन सरकार ने सुरक्षा व्‍यवस्‍था और ज्‍यादा कड़ी कर दी है। उधर ओलंपिक खेलों में आये अमरीकी कोच के एक साथी की हत्‍या के बाद अमरीका ने अपने खिलाडि़यों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी की है।

नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस और माकपा कार्यकर्ताऒं के बीच गोलीबारी

नंदीग्राम, १० अगस्त- पश्र्चिम बंगाल के नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस और माकपा कार्यकर्ताऒं के बीच गोलीबारी हुई। नंदीग्राम में गोलीबारी की यह घटना राज्य के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य द्वारा वहां सीआरपीएफ को दोबारा तैनात करने की मांग खारिज करने के बाद हुई है।
पूर्वी मिदनापुर के पुलिस अधीक्षक एस पांडा ने कहा कि हमें नंदीग्राम के उस्मान चौक, जादुबारी चौक और कुछ अन्य इलाकों से रविवार को गोलीबारी होने की खबरें मिली हैं। पांडा ने कहा कि हम उस्मान चौक में एक पुलिस शिविर स्थापित करने और अन्य जगहों पर पुलिस दल भेजने के बारे में सोच रहे हैं।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि उसकी एक कार्यकर्ता हसीना बीबी को गंभीर चोट आई है और उसे नंदीग्राम के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तृणमूल कांग्रेस और माकपा दोनों ने ही एक दूसरे पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया है और स्वयं गोलीबारी में शामिल होने का खंडन किया।

अर्थशास्त्री अम‌र्त्य सेन संसद में अपना विचार रखेंगे

नई दिल्ली, १० अगस्त- नोबेल पुरस्कार विजेता जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो। अम‌र्त्य सेन संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में सोमवार को पूर्व सांसद हिरेन मुखर्जी व्याख्यान समारोह में उद्घाटन भाषण देंगे।
लोकसभा सचिवालय द्वारा रविवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस व्याख्यान का मुख्य विषय सामाजिक न्याय की मांग है। इस समारोह की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति मुहम्मद हामिद अंसारी करेंगे और मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री डा। मनमोहन सिंह होंगे।
इस अवसर पर हिरेन मुखर्जी के एक तैल चित्र का भी अनावरण किया जाएगा। हिरेन मुखर्जी वर्ष 1952 से 1977 तक संसद के सदस्य रहे और संसद की कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे। प्रो. सेन को उनकी सेवाओं के लिए वर्ष 1999 में 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।

हिरासत में हिंसा के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश

नई दिल्ली, १० अगस्त- हिरासत में आरोपी से मारपीट करना आईपी स्टेट थाने के पुलिसकर्मियों को महंगा पड़ गया। तीसहजारी कोर्ट ने सेंट्रल जिले के डीसीपी को निर्देश दिया है कि वे तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर मामले के जांच अधिकारी व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक निष्पक्ष अधिकारी से जांच कराएं। वहीं, इस संबंध में ११ अगस्त को कोर्ट में रिपोर्ट दायर की जाए। साथ ही अदालत ने पुलिस हिरासत में घायल हुए आरोपी को जेल भेज दिया और जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे उसका अस्पताल में चेकअप कराएं। उसकी मेडिकल रिपोर्ट भी ११ अगस्त को ही तलब की गई है।
महानगर दंडाधिकारी पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि आरोपी को दो दिन के रिमांड पर सौंपा गया था। पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद जब उसे मेडिकल के लिए डाक्टर के पास ले जाया गया तो उसने वहां बताया कि पिछली रात हुई पिटाई से उसकी पीठ पर घाव के निशान बने हुए हैं। अदालत ने कहा कि जिस रात यह घाव बनने की बात कही गई है, उस रात आरोपी पुलिस हिरासत में था। अदालत ने खुद आरोपी की पीठ पर बने घाव को देखा। जब अदालत ने इस बारे में पूछा तो उसने सब कुछ ठीक बताया। जब अदालत ने मामले के जांच अधिकारी व उसके साथ आए कांस्टेबल को कोर्ट रूम से बाहर भेजकर अकेले में आरोपी से इस बारे में पूछा तो उसने रोना शुरू कर दिया। उसने बताया कि विकास मीनार के पास स्थित टैक्सी स्टैंड के पास उसे बुरी तरीके से डंडों से पीटा गया था। जिस कारण ये घाव बने हैं।
जब अदालत ने इस बारे में जांच अधिकारी से जानना चाहा तो उसने कहा कि उसे इस बारे में कुछ भी पता नहीं है। वह नहीं बता सकता कि आरोपी की पिटाई किसने की है। अदालत ने कहा कि यह कैसे हो सकता है कि जांच अधिकारी को कुछ पता ही न हो जबकि आरोपी को रिमांड पर जांच अधिकारी को ही सौंपा गया था। अदालत ने कहा कि आरोप पुलिस हिरासत में किए गए बुरे बर्ताव की तरफ इशारा कर रहे हैं। जो आरोप लगाए गए हैं और जिसे अदालत ने खुद देखा है, वह किसी अधिकारी की ड्यूटी का हिस्सा नहीं है। इससे साफ जाहिर है कि यह एक आपराधिक मामला बनता है। जिसमें जांच की जरूरत है।

समलैंगिक संबंध: धारा ३७७ पर असमंजस में कानूनविद्

नई दिल्ली, १० अगस्त-समलैंगिक संबंधों को लेकर धारा ३७७ जमानती है अथवा गैर जमानती इसे लेकर कानूनविद् असमंजस में हैं। हालांकि, अधिकतर इसे गैर जमानती मानते हैं। इसका खास कारण यह है कि कानून की नई किताबें तो दूर पुरानी से पुरानी किताबों में भी इस धारा को गैर जमानती दिखाया गया है। जबकि भारत सरकार के कानून मंत्रालय से प्रकाशित किताबों में इस धारा को जमानती दिखाया गया है। लेकिन ये किताबें शायद ही कहीं उपलब्ध हैं। ऐसे में समलैंगिक संबंधों के मामले में आरोपियों को जमानत नहीं मिल पाती है। फिलहाल कानूनविद् इस धारा को गैर जमानती मान कर चल रहे हैं। इस धारा के तहत न्यूनतम दस साल व अधिकतम उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
ज्ञात है कि सन् १९९९ में दिल्ली हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने इस संबंध में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस धारा को जमानती करार दिया था। दरअसल, भैंस के साथ होमगार्ड के सिपाही धर्मवीर द्वारा यौन संबंध स्थापित करने पर उसके खिलाफ धारा ३७७ के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस संबंध में निचली अदालत में महानगर दंडाधिकारी व सेशन जज के जमानत देने से इंकार करने पर उसने आखिरकार दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दायर की थी। जिस पर तत्कालीन जस्टिस उषा मेहरा व जस्टिस एस.एन. कपूर की पीठ ने अधिवक्ता आनंद की दलील सुनने के बाद आरोपी धर्मवीर को जमानत दे दी थी। इतना ही नहीं पीठ ने रजिस्ट्रार जनरल को यह भी निर्देश दिया था कि वह सर्कुलर जारी कर सभी महानगर दंडाधिकारियों व सेशन जजों को यह बता दें कि धारा ३७७ जमानती अपराध है। इसलिए इस धारा के तहत आरोपियों को जमानत दे दी जाए।
अदालत के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने सर्कुलर जारी कर न्यायाधीशों को इस बात की जानकारी दे दी थी। साथ ही कोर्ट ने इस धारा के तहत तिहाड़ जेल में बंद विचाराधीन आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश भी जारी किया था, जिससे एक ही दिन में सैकड़ों आरोपी छोड़ दिए गए थे। दलील में कहा गया था कि भारत सरकार की किताबों में सीआरपीसी की धारा ३७७ के सेड्यूल दो में इस धारा को जमानती दिखाया गया है, जो कदापि गलत नहीं हो सकता है। जिस पर पीठ ने यह आदेश जारी किया था। लेकिन समय बीतने के साथ-साथ कानून से जुड़े लोग भी इस बात को भुला बैठे।
जिससे इस धारा के तहत अब आरोपियों को जमानत नहीं मिल पाती है। कानून के जानकार इस पर आश्चर्य जता रहे हैं कि आखिर प्राइवेट पब्लिकेशन के कानून की किताबों में इस धारा को गैर जमानती कैसे दिखाया गया है। उनका यह भी कहना है कि हो सकता है कि इस धारा में संशोधन किया गया हो और इसकी जानकारी प्रकाशक को नहीं हो। लेकिन तब भी सरकार ने अब तक इस मामले में अधिसूचना जारी क्यों नहीं किया। अगर किसी धारा में संशोधन किया जाता है तो नई किताबों में उस धारा के साथ संशोधन शब्द का जिक्र किया जाता है। लेकिन किताबों में इस धारा के साथ इस बात का भी जिक्र नहीं है। जिसके चलते कानून के जानकार भी वर्तमान में इस धारा को गैर जमानती मानकर चल रहे हैं।
हालांकि, वयस्कों के बीच समलैंगिक संबंधों को गैर आपराधिक कृत्य घोषित करने की मांग अब विदेशों में ही नहीं देश में भी उठने लगी है। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई है, जिसपर सुनवाई चल रही है। याचिका में भारतीय दंड संहिता की धारा ३७७ में संशोधन किए जाने की मांग की गई है जिसमें समलैंगिक गतिविधियों पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। यह याचिका गैर सरकारी संगठन नाज फाउंडेशन ने दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि धारा ३७७ को असंवैधानिक घोषित किया जाए। याचिका में कहा गया है कि धारा ३७७ से किसी नागरिक के मूलभूत अधिकार का उल्लंघन होता है। इससे अवैध यौन संबंधों को बढ़ावा मिलता है। यह भी कहा गया है कि समलैंगिक संबंधों की नैतिक आधार पर आलोचना बेशक की जा सकती है।
लेकिन वयस्कों की सहमति वाले समलैंगिक संबंधों को अपराध मानना अवैध है। केंद्र ने इस पर अपने जवाब में विरोधाभासी रुख अपनाया है। गृह मंत्रालय जहां अपराध प्रावधन को बरकरार रखने के पक्ष में है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय वयस्कों की सहमति वाले समलैंगिक संबंधों के मामले में धारा ३७७ के कार्यान्वयन के खिलाफ है। गृह मंत्रालय का कहना है कि भारतीय समाज समलैंगिक संबंधों को कड़ाई से खारिज करता है। जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि समलैंगिक संबंधों को गैर आपराधिक कृत्य घोषित किए जाने पर लोगों में जागरुकता आएगी।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. अंबुमणि रामदास ने भी बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान समलैंगिकों के अधिकारों की पुरजोर वकालत की। उन्होने इस धारा को समाप्त किए जाने पर बल दिया, जिसके मुताबिक दो पुरुषों या दो महिलाओं के बीच शारीरिक संबंध स्थापित करना अपराध है। उन्होंने कहा कि यह धारा भेदभावपूर्ण है इसे हटाए जाने की जरूरत है। समलैंगिकों के हक के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों समलैंगिकों ने जंतर मंतर पर इस धारा को समाप्त करने के लिए प्रदर्शन भी किया था। दो मंत्रालयों के विरोधाभासी बयानों पर कोर्ट ने अटार्नी जनरल की सहायता मांगी है। मुंबई हाईकोर्ट ने भी हाल ही में सेना के एक कैप्टन को इस मामले में राहत देते हुए कहा है कि सरकार इस धारा पर पुनर्विचार करे

बच्ची को सड़क पर फेंका, वाहन से कुचल कर मौत

ज्ञानपुर/गोपीगंज (भदोही), १० अगस्त- स्थानीय थाना क्षेत्र के नथईपुर में शनिवार को सुबह दिल को दहला देने वाली घटना हुई। बाइक सवार दो अज्ञात लोग एक बड़े झोले में बंद एक मासूम बच्ची को सड़क के मध्य फिल्मी स्टाइल में रखते हुये आगे निकल गये। इसी दौरान पीछे से आयी एक कार मासूम के सिर को रौंदते हुई निकल गयी जिससे उसकी मौत हो गयी। मासूम की चीत्कार सुन मौके पर लोग पहुंचे जरूर, लेकिन तब तक बाइक सवार व वाहन दोनों उनकी नजरों से ओझल हो चुके थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शनिवार को सुबह गेराई-दानूपुर मार्ग स्थित नथईपुर गांव के पास से गुजरे दो अज्ञात बाइक सवार फिल्मी स्टाइल में सड़क के मध्य एक बड़े झोले को रखते हुये आगे निकल गये। इस दौरान वहां मौजूद लोगों की नजर पड़ी जरूर लेकिन सभी ने उसे नजरंदाज कर दिया।
इसी दौरान उस मार्ग से गुजरी एक कार का पहिया बच्ची के सिर से होकर गुजर गया। मासूम की धीमी चीत्कार जब लोगों की कानों तक पहुंची तो मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गयी। सिर के उड़े चीथड़े देख लोगों के दिल दहल गये। खबर लिखे जाने तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची थी। लोगों ने मासूम बच्ची के शव को सड़क के किनारे कर दिया था।