Jun 26, 2008

कांदीवली चारकोप में दो बदमाश ढेर

मुंबई-उपनगर कांदीवली पश्चिम लिंक रोड पर रवि पुजारी गैंग के दो नामचीन बदमाशों को मुंबई पुलिस के अपराध निरोधक दस्ते के विजय सालसकर टीम ने मार गिराया जिसमें एक पुलिस अधिकारी भी जख्मी हो गये ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शाम के समय रवि पुजारी गैंग के सुनील बंगेरा उर्फ़ पुथरन और उसका एक साथी अमर शेट्टी के चारकोप में आने की सुचना पुलिस को मिली जिसके आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया बदमाशों को देख कर पुलिस नें आत्मसमर्पण को कहा किंतु बदमाशों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग की जिसमें पुलिस अधिकारी नितिन अलकनुरे के पाव में गोली लगने से जख्मी हो गये जवाबी कार्रवाई में पुलिस नें बदमाशों को मार गिराया । तथा घायल पुलिस अधिकारी अलकनुरे को नानावटी हास्पिटल में ले जाया गया जहाँ उनका इलाज चल रहा है ।
जयशंकर तिवारी

भ्रष्टाचार की सूची में भारत ७४ वें स्थान पर

न्यूयार्क, २६ जून । भारत भ्रष्टाचार में लिप्त १८० देशों की सूची में ७४ वें स्थान पर है जो पिछले साल से दो अंक पीछे है। स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशनल ने यह सूची तैयार की है। पाकिस्तान इस मामले में भारत से काफी आगे है। वह १४० वें पायदान पर है। ईरान, लीबिया और नेपाल क्रमश: १३३ वें, १३४ वें और १३५ वें स्थान पर हैं।
२००७ में चीन और भारत ७२ वें स्थान पर थे। इस साल चीन भारत से एक स्थान पीछे है। अन्य एशियाई देशों में रूस १४५ वें, श्रीलंका ९६ वें तथा मालदीव ९० वें स्थान पर है। क्षेत्र में सबसे कम भ्रष्टाचार भूटान में व्याप्त है जहां अभी लोकतंत्र शैशव अवस्था में है। उसका स्थान ४१ वां है।
डेनमार्क, फिनलैंड, न्यूजीलैन्ड, सिंगापुर और स्वीडन शीर्ष के पांच जगहों पर हैं जबकि सबसे नीचे म्यांमा और सोमालिया को जगह मिली है। अमेरिका अपनी पहले की जगह २० वें स्थान पर है। उससे ठीक उपर जर्मनी, आयरलैन्ड, जापान और फ्रांस हैं। ब्रिटेन १३ वें पायदान है। उससे ठीक पीछे हांगकांग है।

तेल के खेल से दुनिया बेहाल

दुनिया भर में तेल के भाव में आग लगने का मुख्य कारण है "सट्टेबाजी" तेल निर्यातक देशों के संगठन "ओपेक" का कहना है कि बाजार में तेल की आपूर्ति पर्याप्त है किंतु सट्टेबाजी के कारण दम बढ़ रहे है दरसल अब शेयर बाज़ार की तरह कमोडीटी एक्स्चेंज में कच्चे तेल का वायदा कारोबार होता है इन कमोडीटी बाज़ारों में न्यूयार्क का नाईमैक्स और लंदन का कमोडीटी बाज़ार मुख्य रूप से तेल का भाव तय कर रहा है . इससे आम निवेशक या संस्थागत निवेशक किसी अन्य सामान की तरह अगले दो तीन माह के लिए तेल की बोली लगाते है . मान लीजिये किसी निवेशक नें अगस्त २००८ में एक बैरल तेल के लिए १४० डालर की बोली लगादी तो इससे कच्चे तेल के बाज़ार का रूख इसी मूल्य के स्तर के आस-पास बनने लगता है और आपूर्ती चाहे पर्याप्त भी हो तो भी किंमतें बढ़ जाती है .
तेल निर्यातक देशों के संगठन "ओपेक" का आरोप है कि ऐसे निवेशकों द्वारा भी बोली लगाई गई जो अपनी ही लगाई गई (किमतों) बोली पर डिलीवरी नहीं लेते है बल्कि इससे ऊँचे भाव के ताक में रहते है और अपना कान्ट्रेक्ट बेच देते है इस तरह वास्तविक खरीद-विक्री के बिना ही किमतों में भारी उतार-चढाव होता रहता है . आकलन यह भी है कि मुद्रा बाज़ार में डालर का भाव गिरने से निवेशकों नें तेल में पैसा लगाना शुरू किया है इससे तेल की किमतें और बढी है कुल मिलाकर मुनाफाखोरी के कारण तेल में आग लगी है .

डी एन एस का शुभारंभ

आज दिनांक २६ /०६/२००८ को डी एन एस का शुभारंभ किया गया यह एक इंटरनेट समाचार सेवा है जो कि ब्लॉग के मध्यम से लांच किया जा रहा है .