Oct 4, 2008

एक साल तक मांसाहारी भोजन नहीं किया सीपीआई नेता ने

हैदराबाद ४ अक्टूबर- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई की आंध्र प्रदेश इकाई के सचिव के नारायण ने एक साल पहले गांधी जंयती पर मांसाहारी भोजन करते हुए तस्वीर खींच लिए जाने के बाद प्रतिज्ञा की थी कि वह दंडस्वरूप एक वर्ष तक मांसाहारी भोजन नहीं करेंगे । गांधी जयंती पर अपनी इस प्रतिज्ञा के एक साल पूरा होने पर उन्होंने आज अपनी यह सौगंध पूरी की ।
श्री नारायण ने अपनी यह प्रतिज्ञा पूरी होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यहां संवाददाताओं को बताया कि वह एक साल पहले पार्टी के सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली गए थे । वहां केवल मांसाहारी भोजन मिलता था । उस स्थिति में उन्होंने मांसाहारी भोजन कर लिया था ।
महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह से प्रेरणा लेते हुए प्रकाशम जिले के चिन्नागंजम गांव में उनकी अगुवाई में एक पदयात्रा के बाद एक प्रसिद्ध तेलुगु दैनिक ने गांधी जयंती पर चिकन खाते हुए उनकी एक तस्वीर प्रकाशित कर दी थी ।
इस घटना के बाद श्री नारायण ने गांधी जी के पदचिह्नों पर चलते हुए दंडस्वरूप एक वर्ष तक मांसाहार नहीं करने की प्रतिज्ञा की थी ।

वर्ष १९९३ हुए सूरत धमाकों में पूर्व मंत्री मोहम्मद सूरती को सजा

सूरत, ४ अगस्त- गुजरात के सूरत में वर्ष १९९३ में हुए बम धमाकों के मामले में टाडा अदालत ने शनिवार को राज्य के पूर्व मछली पालन मंत्री मोहम्मद सूरती और चार अन्य को २० वर्ष की सजा और सात अन्य को दस वर्ष की सजा सुनाई, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया।
टाडा अदालत के न्यायाधीश आरपी धोलाडिया ने मोहम्मद सूरती और ११ अन्य को बम विस्फोट मामले में दोषी ठहराया, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया। मुंबई में हुए सिलेसिलेवार बम विस्फोटों के तुरंत बाद २८ जनवरी १९९३ को सूरत में दो बम विस्फोट हुए थे, जिसमें एक लड़की की मृत्यु हो गई थी और ३८ अन्य घायल हो गए थे।
टाडा अदालत ने सूरती, हुसैन घादियाली, इकबाल वाडीवाला, मुस्ताक पटेल और युसुफ दादू को २० वर्ष की सजा सुनाई है। अदालत ने सूरती और दो अन्य अभियुक्त हुसेन घादियाली तथा कांग्रेस के पूर्व पार्षद इकबाल वाडीवाला पर दो-दो लाख रुपये, मुस्ताक पटेल पर एक लाख रुपये और यूसुफ दादू पर ५० हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
पहला बम सूरत के वार्छा इलाके में फटा था जिसमें एक लड़की अल्पा पटेल की मृत्यु हो गई थी और एक बम रेलवे स्टेशन पर फटा था जिसमें ३८ लोग घायल हुए थे। पुलिस ने इस मामले में पूर्व मंत्री समेत १३ लोगों को गिरफ्तार किया था। मामले की सुनवाई कर रही टाडा अदालत ने लगभग १५ वर्ष के बाद आज सजा सुनाई है। इस मामले में १६६ गवाहों एवं पुलिस अधिकारियों ने अपने बयान दर्ज कराए।

सांप्रदायिक हिंसा फैली: चार और मरे

गुवाहाटी, ४ अक्टूबर- उत्तरी असम में दो समुदायों के बीच कल रात से जारी सांप्रदायिक हिंसा में चार और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढकर सात हो गई है । राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ५२ को बंद करने के साथ ही चार और इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है ।
पुलिस प्रवक्ता भास्कर जे।महंता ने बताया कि कुप्टीबारी। सोनाबारी और झारगांव से हिंसा की ताजी घटनाएं हुई है । हालांकि स्थिति नियंत्रण में है । उन्होंने बताया कि उदलगिरि जिले के राउता क्षेत्र से चार और शव बरामद किये गये । अतिरिक्त सुरक्षा बल भी मौके पर पहुंच चुका है लेकिन हिंसा जारी है ।
कुछ वाहनों पर हमला होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ५२ को कल रात बंद कर दिया गया । प्रशासन ने मंगलाडोई तथा राउता के बीच वाहनों की आवाजाही बंद होने से सडक पर दोनों और वाहन फंस गए हैं । पुलिस राजमार्ग को खोले जाने के लिए इंतजाम कर रही है ।
श्री महंता ने बताया कि देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये है । कल रात पुलिस गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई । उन्होंने बताया कि उदलगिरि जिले के मोहनपुर में कल सुबह एक समुदाय के लोगों ने तीरो और धारदार हथियारों से ग्राम रक्षा दल के एक समूह पर हमला करने के बाद झडप शुर हुई थी । इसमें बोडो जनजातीय समुदाय के लोग घायल हो गए थे ।
हमलावर अपने साथ एक व्यक्ति को भी ले गये थे जिसे बाद में पुलिस ने मोहनपुर स्कूल से छुडा लिया । इस दौरान हुई झडप में पांच ग्रामीण भी घायल हो गए ।

मॉडल मूनदास अश्लील एसएमएस से है परेसान

मुंबई, ४ अगस्त- कुछ समय पहले जुनूनी आशिक द्वारा माता-पिता की हत्या किए जाने की वजह से चर्चा में आईं मॉडल मूनदास एक बार फिर खबरों की सुर्खियों में हैं। दरअसल, मूनदास अपने मोबाइल पर आनेवाले अश्लील एसएमएस से परेशान हैं। उनका कहना है कि इसके पीछे एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार का हाथ है।
शुक्रवार को मूनदास मुंबई क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंची और बताया कि उनके मोबाइल पर अश्लील एसमएमस आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक अंग्रेजी अखबार का पत्रकार है जिसने एक वेबसाइट पर मूनदास का नम्बर डाल रखा है जिसके बाद से ही उनके पास अनजान नम्बरों से अश्लील फोन कॉल्स और संदेश आने लगे हैं। इससे उनकी इमिज को धक्का पहुंचा है और उनका करियर तबाह हो रहा है।
मूनदास ने एनबीटी को बताया कि गुरुवार को उन्होंने ओशिवरा पुलिस स्टेशन को सूचना देकर कथित पत्रकार को गिरफ्तार करवाया था, लेकिन उसी दिन उसे छोड़ दिया गया। मूनदास शुक्रवार को क्राइम ब्रांच चीफ राकेश मारिया से मिलीं।
मारिया ने मूनदास के सामने ही ओशिवरा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कथित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करने की बात कही।