Jul 9, 2008

दिसंबर तक महँगाई दर 14 फीसदी के पार होगी

साल के अंत तक महँगाई घटने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को 'एसोचैम' के इस अध्ययन से निराशा हाथ लग सकती है। इसके मुताबिक दिसंबर तक महँगाई का आँकड़ा १४ से १४.५ प्रतिशत तक पहुँच सकता है।
उद्योग एवं व्यापार जगत के संगठन एसोचैम के इको पल्स नामक ताजा अध्ययन में कहा गया है कि कच्चे तेल के दाम रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसे देखते हुए घरेलू बाजार में अक्टूबर २००८ में एक बार फिर पेट्रोलियम पदार्थों के खुदरा दाम बढ़ सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो फिर महँगाई की दर १४ से १४.५ प्रतिशत के पार होगी।
मुद्रास्फीति और ब्याज दरों पर किए गए इस अध्ययन में कहा गया है कि ईंधन की बढ़ी कीमतों का असर दूसरी उपभोक्ता वस्तुओं पर दिसंबर अंत तक पड़ने लगेगा। पिछले साल दिसंबर में महँगाई की दर काफी नीचे स्तर पर थी इस लिहाज से इस साल दिसंबर में ईंधन कीमतों का असर पड़ने से यह १४ प्रतिशत के पार निकल सकती है।
एसोचैम अध्यक्ष सज्जन जिंदल के मुताबिक महँगाई बढ़ने पर रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति में और सख्ती करेगा, इससे एक बार फिर ब्याज दरें बढ़ेंगी परिणामस्वरूपउसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। यदि ब्याज दरें आधा से १ प्रतिशत तक बढ़ती हैं तो बैंकों से अखाद्य ऋण माँग घटकर १९ से २० प्रतिशत रह जाएगी जबकि आवास ऋण की स्थिति तो और भी खराब रहेगी। आवास ऋण वृद्धि मात्र ५ से ७ प्रतिशत रह जाने की आशंका है।

कीमती धातुएँ उछलीं, सोना १७५ रुपए चढ़ा

लंदन के ऊँचे समाचार से स्थानीय सर्राफा बाजार में सोना आज १७५ रुपए की छलांग लगाकर एक दिन बाद फिर १३ हजार रुपए प्रति १० ग्राम के ऊपर निकल गया। चाँदी में १०० रुपए प्रति किलो की तेजी आई।
लंदन से प्राप्त समाचार में हाजिर कामकाज में सोने की कीमतों में न्यूयॉर्क के कल के भाव ९२५.१५- ९२६.३५ डॉलर प्रति ट्राय औंस की तुलना में ४ डॉलर बढ़कर ९२९.२०-९३०.२० डॉलर प्रति ट्राय औंस बोली गईं।
डॉलर के नरम पड़ने, कच्चे तेल में स्थिरता और शेयर बाजारों में गिरावट से सोने को मजबूती मिली। हालाँकि सोमवार के कामकाज में सोना ९१४.५० डॉलर प्रति ट्राय औंस तक गिरने के बाद संभलने में सफल रहा था।
बाजार विशलेषकों का कहना है कि शेयर बाजारों की कमजोर स्थिति से कमोडिटी बाजार मजबूती पकडे़ हुए हैं। शेयर बाजारों से निकल रही पूंजी का निवेश कमोडिटी बाजार में हो रहा है। ईटीएफ कोषों में निवेशकों की खासी रुचि से सोने के मजबूत बने रहने के आसार नजर आ रहे हैं।
हालाँकि सोने की ऊँची कीमतों को देखते जेवरात बाजार दबाव में बना हुआ है। एचएसबीसी के जेम्स स्टील का कहना है कि देश में सोने के सबसे बडे़ खरीदार भारत की जून में स्वर्ण जेवरात की माँग ६७.४ प्रतिशत गिरकर पिछले साल के ७४ टन की तुलना में २४ टन रह गई।
लंदन में हाजिर कारोबार में चाँदी के भाव १७.७७-१७.८१ डॉलर पर २ सेंट प्रति ट्राय औंस नरम थे।
स्थानीय बाजार में माँग निरंतर कमजोर है। विदेशों की ऊँची कीमत और रुपए की कमजोरी से सोने के भाव मजबूत हैं। सोना कल 1 जुलाई के बाद १३ हजार रुपए से नीचे उतरा था।
आज इसके भाव १७५ रुपए की छलांग के साथ फिर १३ हजार रुपए से ऊँचे १३ हजार १३० रुपए प्रति १० ग्राम पर पहुँच गए। चाँदी टंच ९९९ हाजिर में २४९५० रुपए पर १०० रुपए किलो की तेजी आई ।
भाव रुपए में इस प्रकार रहे- सोना (प्रति १० ग्राम) स्टैंडर्ड १३१३०, बिटुर १३०७०, गिन्नी (प्रति ८ ग्राम) १०२५० चाँदी (प्रति किलो) टंच ९९९ हाजिर २४९५० वायदा २५३३० चाँदी सिक्का प्रति सैंकडा लिवाली २७४०० बिकवाली २७५०० ।

कम्प्यूटर की बिक्री ७३ लाख के पार

देश में वर्ष २००७-०८ में कम्प्यूटर की ब्रिकी पिछले वर्ष के मुकाबले १६ प्रतिशत बढ़कर ७३ लाख ४० हजार हो गई और इसी अवधि में इंटरनेट के उपभोक्ताओं की संख्या पाँच करोड़ २० लाख तक पहुँच गई।
मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन फॉर इन्फारर्मेंशन टेक्नोलॉजी के कार्यकारी निदेशक बिनी मेहता ने यहाँ वित्तीय वर्ष २००७-०८ के दौरान आईटी उद्योग के हार्डवेयर बाजार की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि अप्रैल २००७ से मार्च २००८ तक कम्प्यूटर और नोटबुक की बिक्री ७३ लाख ४० हजार रही।
उन्होंने बताया कि बीते वर्ष के दौरान लोगों में नोटबुक के प्रति रुझान बढ़ा है और आगामी वर्षों में भी इसके बने रहने की संभावना है। नोटबुक की बिक्री में ११४ प्रतिशत तक की वृद्धि रही जबकि कम्प्यूटर की बिक्री मात्र एक प्रतिशत बढ़ी। मेहता ने बताया कि वर्ष २००६-०७ के दौरान कुल ५४ लाख ९० हजार ५९१ कम्प्यूटर बेचे गए थे जबकि वर्ष २००७-०८ में यह संख्या ५५ लाख २२ हजार १६७ पर रुक गई।

रुके आर्थिक सुधार होंगे तेज

मंगलवार को वाम दलों द्वारा केंद्र की यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने पर कॉर्पोरेट जगत ने बड़ी राहत महसूस की है। कॉर्पोरेट जगत को उम्मीद है कि अब रुके हुए आर्थिक सुधारों में तेज गति आएगी। इसके अलावा विदेशी निवेश भी बढ़ेगा।
विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को और खोलने जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक फैसले लेने में प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह की सरकार के हाथ वाम दलों के महत्वपूर्ण समर्थन से बँधे हुए थे। कॉर्पोरेट जगत का मानना है कि सरकार समाजवादी पार्टी के समर्थन से अपना कार्यकाल पूरा करेगी। ऐसा माना जाता है कि उत्तरप्रदेश में जब सपा की सरकार थी तब उसने भी वहाँ निजी क्षेत्र को समर्थन दिया था।
आर्थिक सुधार फिर शुरू होगा : एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि अब परमाणु करार तार्किक उपसंहार की ओर बढ़ गया है। आर्थिक सुधार भी पुनः शुरू हो जाएगा। कॉर्पोरेट जगत की ओर से पहले प्रतिक्रिया देते हुए रावत ने कहा कि परमाणु करार के मुद्दे पर लंबे समय से यूपीए सरकार और वाम दलों के बीच लुका-छिपी का खेल चल रहा था।
स्टॉक मार्केट में भी स्वागत : सरकार से समर्थन वापस लेने के वाम दलों के फैसले का स्टॉक मार्केट ने भी तत्काल स्वागत किया। माकपा के महासचिव प्रकाश करात द्वारा समर्थन वापसी की घोषणा के तुरंत बाद बीएसई व एनएसई में शेयरों के दाम तुरंत बढ़ गए थे। बीएसई सेंसेक्स जो सुबह के कारोबारी सत्र में ४७६.०३ प्रतिशत टूट गया था, वह इस घोषणा के बाद गिरावट को कम कर २०८.८ अंक रह गया।
वाम नेता अड़चन पैदा कर रहे थे : भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य परिसंघ (फिक्की) के पूर्व प्रमुख और कॉर्पोरेट विश्लेषक डीएच पई पनानंदिकर ने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जैसे कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों को लागू करने में वाम नेता अड़चनें पैदा कर रहे थे। दिल्ली स्थित आर्थिक नीति विचारक संस्था आरपीजी फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कहा कि परमाणु करार भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा।
आर्थिक मुद्दों को महत्व नहीं देते थे : राष्ट्रीय अनुप्रयोग आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) के वरिष्ठ अर्थशास्त्री दलीप कुमार ने कहा कि वाम नेता अपने नजरिए में आर्थिक महत्व के मुद्दों को महत्व नहीं देते थे। गठबंधन के जिम्मेदार सहयोगी के बजाय कार्यकर्ता ज्यादा नजर आते थे॥ बहरहाल सुधारों की गति इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार के नए सहयोगी दल समाजवादी पार्टी किस तरह का समर्थन देती है।
वाम दलों के निर्णय से आश्चर्य नहीं : एसोचैम के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने एक बयान में कहा कि उन्हें वाम दलों के समर्थन वापसी के फैसले पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ है। इसका पहले से अनुमान लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहाँ तक एसोचैम का संबंध है वह परमाणु समझौते के पक्ष में है।

कैटरीना दुनिया की सबसे सेक्सी महिला

समय-समय पर समाचार पत्रों, वेबसाइट्स और पत्रिकाओं द्वारा लोगों से पूछा जाता है कि विश्व की सबसे सुंदर या सबसे सेक्सी महिला कौन है?
हाल ही में एफएचएम इंडिया नामक भारतीय पत्रिका ने एक सर्वेक्षण के जरिये विश्व की १०० सबसे सेक्सी महिलाओं का चुनाव किया। फिल्म अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने दुनिया की सभी सुंदरियों को पछाड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया।
हॉलीवुड की एंजलीना जोली, मैडोना, बॉलीवुड की करीना, दीपिका, बिपाशा, सुपरमॉडल एड्रियाना जैसी सुंदरियाँ कैटरीना के मुकाबले पीछे रहीं।
इस सूची में मेगान फॉक्स द्वितीय स्थान पर रहीं, जबकि करीना, दीपिका और बिपाशा ने क्रमश: तीसरा, चौथा और पाँचवाँ स्थान प्राप्त किया।
लोगों के इस निर्णय से कैटरीना बेहद प्रसन्न हैं। उनके अनुसार ‘लोगों ने समय निकालकर मुझे वोट दिया और मुझे विशेष होने का मौका दिया। मैं विजयी होकर बेहद खुश हूँ।‘
कुछ दिनों पहले भी कैटरीना को वॉलपेपर क्वीन चुना गया था, क्योंकि एक सर्वेक्षण के मुताबिक उनके वॉलपेपर सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाते हैं।

मैं किसी का बुरा नहीं सोचता : आमिर

आमिर खान इस समय बेहद खुश हैं। ‘जाने तू या... जाने ना’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी शुरुआत की है और फिल्म को पसंद भी किया जा रहा है। फिल्म न केवल भारत में बल्कि भारत के बाहर भी अच्छा व्यवसाय कर रही है।
आमिर कहते हैं ‘मैंने ऐसी प्रतिक्रिया सोची भी नहीं थी। फिल्म प्रदर्शित होने के पहले मैं नर्वस था। मैं लोगों की प्रतिक्रियाओं को लेकर डरा हुआ था, लेकिन हमारी मेहनत सफल रही। इसका पूरा श्रेय मैं अब्बास टायरवाला को देना चाहूँगा। अब्बास और उनकी टीम ने उम्दा फिल्म बनाई है।
आमिर इस समय अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए कई शहरों में जा रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि फिल्म सफल क्यों हुई? तो आमिर कहते हैं ‘मेरा हमेशा से मानना रहा कि किसी फिल्म की स्क्रिप्ट ही स्टार होती है। ‘जाने तू... या जाने ना’ पूरी ईमानदारी से बनाई गई है और इसलिए सफल है। सफलता का सारा श्रेय अब्बास और उनकी टीम को जाता है। प्रत्येक कलाकार ने अपना सर्वोत्तम इस फिल्म को दिया है।‘
आमिर की फिल्म के साथ प्रदर्शित हुई हैरी बावेजा की फिल्म ‘लव स्टोरी २०५०’ को अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिल पाई है। रिपोर्ट के मुताबिक हरमन और हैरी कह रहे हैं कि उनकी फिल्म षड्‍यंत्र का शिकार हुई है। जाहिर है कि उनका इशारा आमिर की ओर है।
आमिर इस बारे में कहते हैं ‘मैंने हरमन और हैरी को टीवी पर देखा है। मैंने उनके विचार पढ़े हैं। मैं पिछले बीस वर्ष से अभिनय के क्षेत्र में हूँ। मैं उस परिवार का सदस्य हूँ जो पिछले पाँच दशक से फिल्म निर्माण के क्षेत्र में सक्रिय है। मैं जानता हूँ कि फिल्म बनाने में कितना कठिन परिश्रम करना पड़ता है। मैं किसी दूसरे के बारे में बुरा क्यों सोचूँगा? मैं तो हरमन और हैरी को शुभकामनाएँ देता हूँ। हर आदमी मेहनत करता है और उतार-चढ़ाव हमारे व्यवसाय का हिस्सा है। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि इस मामले से मुझे क्यों जोड़ा जा रहा है?’
आमिर अभिनीत फिल्म ‘गजिनी’ भी इस समय चर्चा में है। २ अक्टोबर को इस फिल्म के प्रदर्शन की घोषणा की गई है, लेकिन कहा जा रहा है कि इसे अब आगे बढ़ा दिया गया है।
१२ दिसम्बर को यह फिल्म आदित्य चोपड़ा की ‘रब ने बना दी जोड़ी’ के साथ प्रदर्शित होगी। इस बारे में आमिर कहते हैं ‘मुझे ‘गजिनी’ के प्रदर्शन की तिथि के बारे में ज्यादा मालूम नहीं है। इतना जरूर कह सकता हूँ कि यह फिल्म अब २ अक्टोबर को नहीं आ रही है। संभवत: नंवबर के अंत तक यह फिल्म प्रदर्शित होगी।

परमाणु करार से दोनों देशों को फायदा

प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार की सराहना करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों को फायदा होगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार औद्योगिक देशों के संगठन जी-आठ के शिखर सम्मेलन के दौरान बुश और डॉ। सिंह ने बुधवार की सुबह यहाँ अलग से विंडसर होटल में बैठक की। आधे घंटे चली इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते बेहतर दौर में हैं।
बुश ने भारतीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ करते हुए उन्हें एक महान नेता बताया। समझा जाता है कि डॉ. सिंह ने परमाणु करार को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) से सहमति दिलाने के लिए भारत द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति को जानकारी दी।
उन्होंने इसके लिए बुश से भी मदद का अनुरोध किया ताकि भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार को इन दोनों अंतरराष्ट्रीय निकायों से समय रहते मंजूरी मिल सके और इसे वर्ष के अंत तक अमरीकी कांग्रेस की सहमति के लिए पेश किया जा सके।
प्रधानमंत्री बुश के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए तड़के सड़क मार्ग से सपोरो से टोयाको के लिए रवाना हुए। उनके साथ विदेश सचिव शिवशंकर मेनन और परमाणु करार पर प्रधामंत्री के विशेष दूत श्याम सरन भी थे।
सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री जी-आठ और ओ-पाँच देशों के साथ बहुपक्षीय वार्ता में भाग लेंगे।
उसके बाद उनका रूस, जापान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लेने का कार्यक्रम है। अंत में डॉ. सिंह ब्रिक देशों (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) के नेताओं के साथ संक्षिप्त बातचीत में भाग लेंगे।

काबुल में भारतीय निशाने पर : कर्मचारियों को ले जा रही बस में बम मिला

भारतीय दूतावास में हुए आत्मघाती बम विस्फोट में ४१ लोगों के मारे जाने के एक दिन बाद हेरात में १२ भारतीय कर्मचारियों को लेकर जा रही एक बस में बम का पता लगाया गया।
पश्चिमोत्तर प्रांत निमरोज में प्रांतीय गवर्नर गुलाम दस्तगीर आजाद ने बताया कि इंजीनियीरों सहित मजदूरों को कार्यस्थल लेकर जा रही बस में एक संदिग्ध पैकेट पाया गया। बाद में पुलिस को सूचना देने पर उसका पता लगा लिया। यह बम एक रिमोट कंट्रोल बम था। बस के चालक को पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है।
आजाद ने बताया कि हो सकता है कि किसी ने बताए बिना बस में बम रख दिया हो। ये सब बातें जाँच के बाद ही साबित हो पाएगी।
उन्होंने सीमा सड़क संगठन पर हो रहे हमले के लिए तालिबानी आतंकवादियों को दोषी ठहराया। बीआरओ खासरोड़ क्षेत्र में एक मुख्य सड़क के निर्माण में लगा है।
बीते कुछ सालों में बीआरओ के मजदूरों पर तालिबानी आतंकवादियों के हमले काफी बढ़ गए हैं और परियोजना पर काम कर रहे लगभग १० लोग मारे जा चुके हैं।
जून महीने में संगठन का एक इंजीनियर आत्मघाती हमले में मारा गया था। अप्रैल माह में हुए इसी तरह के हमले में दो कर्मचारी मारे जा चुके हैं।

रूस ने अमेरिका को धमकाया

मास्को, ९ जुलाई-रूस ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका ने उसकी सीमा के नजदीक प्रक्षेपास्त्र रोधी प्रणाली तैनात की तो वह इसके खिलाफ सैन्य साधनों का इस्तेमाल करेगा।
रूसी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अगर चेक गणराज्य में अमेरिका के प्रक्षेपास्त्र रोधी कवच की स्थापना के बारे में हुए समझौते को वहां की संसद मंजूरी देती है, तो मास्को को मजबूरन सैन्य तरीकों का इस्तेमाल करना पडेगा ।
मंत्रालय की बेवसाइट पर जारी एक बयान में कहा गया कि अगर अमेरिका हमारी सीमा के नजदीक मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात करता है तो इसका कूटनीतिक नहीं, बल्कि सैन्य जवाब दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका की विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस और चेक गणराज्य के विदेश मंत्री ने मंगलवार को राजधानी प्राग में एक करार पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिकी सेना को प्राग के दक्षिण-पश्चिम में एक राडार स्टेशन बनाने की अनुमति मिल गई है।