Oct 2, 2008

वायु सेना ने किया अब और पृथ्वी मिसाइलें लेने से साफ इंकार

नयी दिल्ली, २ अक्टूबर- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन को करारा झटका देते हुए भारतीय वायु सेना ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम पृथ्वी २ मिसाइलों के बाकी स्क्वेड्रन लेने से साफ इंकार कर दिया है । वायु सेना ने इस मिसाइल की निशाने पर वार करने की सटीकता दर पर सवाल उठाने के अलावा इसे सेना के पाले में धकेलने के लिए सरकार से कहा है कि यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करती है लिहाजा यह जमीनी सुरक्षा के लिए ही ठीक है । वायु सेना का कहना है कि यह मिसाइल एकीकृत सेना मुख्यालय के लिए ठीक रहेगी ।
वायुसेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय को इस फैसले से अवगत करा दिया गया १ वायु सेना में पृथ्वी २ मिसाइलों के दो स्क्वेड्रन शामिल किए जा चुके है । इन मिसाइलों को राष्ट्रीय राजधानी के आकाश की रक्षा के लिए पिछले साल ही हिंडन में तैनात किया गया था ।
डीआरडीओ के लिए यह इस साल दूसरा बडा झटका लगा है । इससे पहले सेना ने उसके मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन की बाकी खेप लेने से इंकार किया था । करीब साढे तीन दशक से चल रही इस परियोजना पर हजारों करोड रुपये खर्च के बाद सेना की मैकेनाइज्ड फोर्स ने कुछ महीने पहले ही कहा कि उसने १२४ अर्जुन टैंको का जो आर्डर कर दिया अब उसे आगे नही बढाया जाएगा । मामले के तूल पकडने पर राजनीतिक नेतृत्व को बीच में आना पडा था और भारी दबाव के बीच सेना ने संकेत दिया कि वह आगे भी इन टैंकों के आर्डर देगी ।
सूत्रों के अनुसार पृथ्वी २ बाकी स्क्वेड्रन वायु सेना द्वारा स्वीकार करने के लिए रक्षा मंत्रालय भी दबाव डालने को तैयार नही है । समझा जाता है कि खुद रक्षा मंत्रालय भी दबाव डालने को तैयार नहीं है । समझा जाता है कि खुद रखा मंत्रालय ने ही डीआरडीओ को वायु सेना की भावना से अवगत कराते हुए कहा है कि हैदराबाद में पृथ्वी २ का तीसरा स्क्वेड्रन गठित करने का काम रोक दिया जाए । हिंडन में एक स्क्वेड्रने पूरा गठित हो चुका है जबकि स्क्वेड्रन अभी इसी एयरबेस पर आधा अधूरा है ।
वायु सेना के सूत्रों ने कहा कि अब पृथ्वी २ के स्थान पर आकाश मिसाइलों को शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है । इस मिसाइल प्रणाली के अनेक सिस्टम लगाए जा चुके है और नेटवर्किंग का काम चल रहा है । इसके अलावा इजरालय से स्पाइडर मिसाइले हासिल करने की प्रक्रिया तेज की गयी है जो एयर डिफेंस के लिए बेजोड बतायी जा रही है । सच तो यह है कि प्रक्रिया को आगे बढाने के लिए पिछले सप्ताह ही वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल एन के ब्राउनी ने इजरायल की यात्रा की जो खरीदारी मामले देख रहे हैं ।
एकीकृत मिसाइल कार्यक्रम की पृथ्वी २ मिसाइल के लिए वायु सेना के दरवाजे बंद होना देश के मिसाइल कार्यक्रम की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का माना जा रहा है । सेना ने भी काफी नानुकर के बाद पृथ्वी को अपने शस्त्रागार में शामिल किया था । ढाई किलोमीटर तक मार करने वाली तरल ईंधन वाली इस मिसाइल को डीआरडीओ ने अपने मुकुट मणि के रुप में पेश किया था । समझा जाता है कि करीब ७० मिसाइलें आपरेशन में है और हर साल १० से लेकर ३० पृथ्वी मिसाइलों के उत्पादन की योजना । वायु सेना के इंकार के बाद अब यह योजना भी धरी रह जाएगी ।

आज सारा देश दे रहा है बापू को श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, २ ऑक्टोबर- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 139वीं जयंती पर बृहस्पतिवार को सैकड़ों लोगों ने राजघाट में उनकी समाधि पर जाकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, गृह मंत्री शिवराज पाटिल, रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी और विपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भी बापू की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए । हिंदू, सिख ,जैन, बौद्ध, बहाई, ईसाई, इस्लाम, यहूदी और पारसी समुदायों के प्रतिनिधियों ने भी राजघाट में प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया। गांधी जयंती के अवसर पर बापू की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों की भारी भीड़ रही।
स्कूली बच्चे भी यहां पहुंचे थे। बापू की सीख युवाओं तक पहुंचाने के लिए गांधी स्मृति और गांधी संग्राहलय जैसे प्रतिष्ठान कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे है। सांप्रदायिक हिंसा और ईसाई समुदाय के लोगों पर ¨हिंसा के विरोध में जंतर-मंतर से लेकर राजघाट तक शांति मार्च का भी आयोजन किया गया।