Jul 5, 2008

शहरी चकाचौंध बिखेरता उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद एक गांव

भदोही, ५ जुलाई- जज्बा हो तो क्या कुछ नहीं हो सकता। पंचायती राज व्यवस्था का सुफल कुछ ग्राम सभाओं में दिखने लगा है। कुछ ग्रामों के उत्साही व महत्वाकांक्षी प्रधानों ने विकास कार्यो को बढ़-चढ़ कर तरजीह दी है। ऐसा ही एक गांव है उत्तर प्रदेश के भदोही विकास खण्ड में कंधिया। वहां की महिला ग्राम प्रधान मंजू मिश्रा की मेहनत रंग लायी है। साफ-सफाई, शिक्षा, सड़कें, जल संचयन हेतु नरेगा योजना का सही उपयोग व अन्य विकास कार्यो से प्रभावित होकर जिला प्रशासन ने ग्रामसभा को भारत सरकार की निर्मल ग्राम योजना में सम्मिलित किया है। यहां नरेगा के तहत ८० ग्राम्य मजदूरों को कार्य दिया गया।
भदोही वाराणसी सम्पर्क मार्ग से लगे चार हजार की आबादी वाले कंधिया ग्रामसभा में ब्राह्मण, मौर्या, यादव, गुप्ता, बरई एवं दलित जातियों के कुल ४३२ परिवार रहते है। यहां मतदाताओं की संख्या १९ सौ के आस-पास है। ग्राम प्रधान के विकास कार्यो से प्रभावित इस ग्रामसभा के अधिकांश परिवार आज उनके साथ खड़े हैं। ग्रामीण पूजा राम मिश्र, राजाराम, इंदल चौरसिया व हरिराम यादव आदि ने बताया कि ग्राम प्रधान की मेहनत एवं ग्रामीणों के सहयोग का ही परिणाम रहा कि गांव में जल संचयन, साफ-सफाई एवं विकास कार्यो को आधार बनाकर जिला प्रशासन ने ग्रामसभा को भारत सरकार की निर्मल ग्राम योजना में शामिल किया है। ग्रामसभा में दो प्राथमिक एवं एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय है। इनमें लगभग ४५० छात्र पड़ते हैं। विद्यालय के सभी बच्चों को छात्रवृत्ति वितरित की जा चुकी है। सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत विद्यालयों में शौचालय भी बनवा दिये गये हैं।
इस अभियान के तहत ग्राम प्रधान ने अपने लगभग तीन वर्षो के कार्यकाल में कुल २५४ शौचालयों का निर्माण कराया। ग्रामसभा में १५ सौ मीटर सड़क पर खड़ंजा लगाया गया है। इससे वर्षा ऋतु में साफ-सफाई के मायने में यह गांव शहरों को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है। स्वच्छता अभियान के तहत ८०० मीटर भूमिगत नालियां शहरी पैटर्न पर बनवायी गयी हैं। इससे जल-जमाव अथवा कीचड़ जैसी समस्या गांव में दिखाई नहीं पड़ती। ग्रामसभा में १५ इन्दिरा आवास गरीबों एवं पात्रों के लिये बने है। इससे आवास की समस्या काफी हद तक सिमट गयी है। ग्राम के ४३२ परिवारों का बीपीएल सर्वेक्षण कार्य पूरा किया जा चुका है किंतु बीपीएल परिवारों की घोषणा प्रशासन स्तर से संभव नहीं हो पायी है। पूरे गांव की गलियों में विद्युतीकरण हो चुका है। विद्युत के खम्भों पर जल रहे सीएफएल शहरी चकाचौंध को झुठला रहे हैं।
ग्रामसभा में जिला प्रशासन स्तर से आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया जा रहा है। केंद्र पर गंदगी न हो इसलिये ग्राम प्रधान ने शौचालय का निर्माण केंद्र पर करा दिया है। ग्रामसभा की बैठक के लिये पंचायत भवन निर्माणाधीन है। राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना के तहत १४० जॉब कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। नरेगा के तहत तालाब निर्माण के लिये ग्रामसभा को ३५ हजार रुपये प्राप्त हुये। इसमें २५ हजार रुपया तालाब निर्माण में खर्च किया गया। हालांकि वर्षा से तालाब निर्माण कार्य अधूरा रह गया किंतु इस योजना के तहत ८० ग्राम्य मजदूरों को काम दिया गया। कंधिया ग्रामसभा की प्रधान मंजू मिश्रा ने बताया कि पिछले तीन वर्षो में ग्रामसभा को विभिन्न मदों में साढ़े चार लाख रुपये मिले। इससे अपेक्षित विकास का कार्य संभव नहीं हो पा रहा था। प्रशासन में भाग दौड़ व प्रयास कर सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान, प्राथमिक विद्यालय आदि मदों में आठ लाख रुपये का अतिरिक्त बजट हासिल किया गया।

No comments: