इस्लामाबाद, २७ जुलाई- पाकिस्तान सरकार ने उसकी खुफिया एजेंसियों इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) और इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) को गृह मंत्रालय के अधीन करने के फैसले को आनन-फानन में वापस लेते हुए इसका खंडन किया है। सरकार ने कहा है कि खुफिया तंत्र प्रधानमंत्री के अधीन ही रहेगा।
स्थानीय अखबार ‘द न्यूज’ में आज प्रकाशित रिपोर्ट में प्रेस सूचना विभाग (पीआईडी) की ओर से देर रात जारी विज्ञप्ति के हवाले से यह जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति के अनुसार, “इस बारे में कल रात सरकार की ओर से जारी नोटिस के कारण भ्रम उत्पन्न हुआ है और आईएसआई प्रधानमंत्री के अधीन ही रहेगी”।
गौरतलब है कि कल प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की ओर से पीआईडी द्वारा जारी नोटिस में आईएसआई और आईबी को गृह मंत्रालय के अधीन करने की घोषणा की गई थी। लेकिन इसके कुछ घंटों बाद ही देर रात पीआईडी ने नई विज्ञप्ति जारी कर इसका खंडन कर दिया। हालांकि खंडन के बारे में विस्तृत जानकारी अगले नोटिस में दिए जाने की बात कही गई है।
गिलानी ने यह फैसला १९७३ के संविधान के नियम तीन के तहत दोनों एजेंसियों के प्रशासनिक, वित्तीय और कामकाज पर नियंत्रण का अधिकार गृह मंत्रालय को सौंपने की घोषणा की थी।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सहअध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने भी इसका समर्थन करते हुए इसे जनता का शासन सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम बताया था। जरदारी का कहना है कि इससे सेना को भी विवादों और ‘कुछ बदनाम लोगों’ के साये से बचाने में मदद मिलेगी।
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