मुंबई, ३१ जुलाई- गोविंदा ने राजनीति छोड़ने का फैसला कर लिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को इनफॉर्म कर दिया है। कांग्रेस के नेताओं की शिकायत थी कि गोविंदा संसद में आते ही नहीं।
इसलिए विश्वास मत के दौरान आए तो सबको हैरानी हुई। गोविंदा कहते हैं: 'मैं उस दिन संसद कैसे पहुंच गया, इस पर हैरानी मुझे भी हुई।'
गोविंदा के अनुसार : 'राजनीति में मैं जो कुछ, जैसे करना चाहता था, उसकी पूरी आजादी मुझे मिली। और इस आजादी पर पार्टी के कई लोगों को एतराज था। पार्टी हाई कमान इस बात से खुश था कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के हालात और वहां के लोगों को जानता-समझता हूं।' मैंने सोनिया जी को राजनीति छोड़ने के कारण बता दिए हैं। वह बोलीं: टिके रहो, अपनी शर्तो पर काम कर सकते हो।'jab
जब पत्रकारों नें पूंछा कि आप राजनीति छोड़ क्यों रहे हैं? गोविंदा ने कहा: 'हर रोज एक नया तजुर्बा और नया अहसास होता है। एक वक्त ऐसा भी आया कि राजनीति के बारे में मेरी तमाम गलतफहमियां दूर हो गईं। मैंने सोचा कि कोई गलत कदम उठाने से बेहतर यही रहेगा कि छोड़ ही दो। और फिर, कई लोग मेरी टांग खींचने में लगे हुए थे।'
गोविंदा ने सोनिया गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं से साफ-साफ कह दिया है कि अपनी पार्टी के लोग ही मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। वजह यह है कि मैं जनता का दुलारा हूं और वैसा नेता नहीं हूं जैसा आमतौर पर होते हैं।
गोविंदा को सलाह दी गई कि वह राजनीति में बने रहें और नए तौर-तरीके अपनाएं। लेकिन स्टार का कहना है कि मुझे चिंता इस बात की है कि वे लोग मुझे जीने नहीं देंगे और मेरे परिवार के लिए भी खतरा बन जाएंगे।
' सोनिया जी ने कहा कि चिंता मत करो। मैं सोचा करता था कि मैं पॉलिटिक्स में मिसफिट हूं। अब लगता है कि जितनी पॉलिटिक्स फिल्म इंडस्ट्री सिखाती है, उतनी कहीं और से नहीं सीखी जा सकती।
उन्होंने कहा : 'जब तक हाई कमान का हाथ मेरे कंधे पर है, तब तक मेरे आदर्शो को आज की राजनीति से अलग नहीं किया जा सकता। लेकिन फिर सोचता हूं कि आपके आदर्शों और सही राजनीतिक रुख-रुझान में फर्क होता है।'
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