चीनी और ओलंपिक अधिकारियों ने माना है कि ओलंपिक की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार वे वेबसाइटें नहीं खोल पाएँगे जिन पर चीन में पाबंदी है।
अधिकारियों ने बताया कि आध्यात्मिक गुट फ़ालुन गॉंग की बेवसाइट पर पाबंदी लगाई जाएगी। पत्रकारों को ये भी पता चला है कि वो मानवाधिकार मुद्दों पर बनी कुछ वेबसाइटें और कई समाचार वेबसाइटें भी नहीं देख पाएँगे ।
चीन में इंटननेट पर कड़ा नियंत्रण रखा जाता है लेकिन जब चीन ने ओलंपिक की दावादेरी पेश की थी तो कहा गया था कि पत्रकार रिपोर्टिंग करने के लिए स्वतंत्र होंगे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मुद्दे पर पत्रकारों को गुमराह करने के लिए माफ़ी माँगी।
आईओसी के प्रेस कमिशन चेयरमैन केवन गॉस्पर ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में कहा है, "मैं अपनी बात से पीछे नहीं हट रहा हूँ। पत्रकार बिना किसी बंदिश के इंटरनेट सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन मुझे ये भी सलाह दी गई है कि कुछ आईओसी अधिकारियों ने चीन के साथ बातचीत की है कि कुछ संवेदनशील वेबसाइटों पर पाबंदी होगी. ये क़दम निराशाजनक है."
बीजिंग ओलंपिक की रिपोर्टिंग के लिए करीब बीस हज़ार विदेशी पत्रकार आ रहे हैं। ओलंपिक आठ अगस्त से शुरु होगा। मंगलवार को वहाँ पत्रकार एमनेस्टी इंटरनेशनल की बेवसाइट नहीं देख पा रहे थे। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चीन में मानवाधिकार स्थिति की आलोचना करते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की थी ।
पत्रकारों का कहना है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय समाचार वेबसाइटों के पन्ने नहीं खुल रहे थे जिन पर तिब्बत जैसे मुद्दे रहते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि फ़ालुन गॉंग आध्यात्मिक मूवमेंट से जुड़ी वेबसाइट पर पाबंदी है।
उन्होंने ये भी कहा कि दूसरी वेबसाइटें इसलिए नहीं खुल रही होंगी क्योंकि उस वेबसाइट में ही कुछ समस्या रही होगी जिस कारण वो चीन में नहीं खुल रही।
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