Jul 31, 2008

भारत पर बाध्यकारी है हाइड कानून-निकोलस बर्न्स

वाशिंगटन, १ अगस्त- भारत-अमेरिका परमाणु करार की रूपरेखा तय करने में अहम भूमिका निभाने वाले निकोलस बर्न्स ने कहा है कि १२३ समझौता विवादास्पद हाइड कानून से संबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगर भारत परमाणु परीक्षण करता है तो अमेरिका करार को खत्म कर सकता है।
पूर्व अमेरिकी उपमंत्री बर्न्स का यह बयान ऐसे समय आया है, जब वियना में आईएईए संचालक मंडल भारत केंद्रित सुरक्षा मानक समझौते पर विचार करने वाला है।
निकोलस बर्न्स अपने पद से गत मार्च में हट गए थे और बाद में उन्हें परमाणु करार पर अमेरिकी विदेशमंत्री कोंडोलीजा राइस के विशेष दूत के तौर पर नियुक्त किया गया था।
बर्न्स ने इस बात पर जोर दिया कि खुद के हितों की रक्षा के लिए उपयुक्त उपायों के मद्देनजर अमेरिका ने अपने पास करार को रद्द करने के अधिकार रखे हैं।
ब्रूकिंग्स संस्थान में परमाणु समझौते पर चर्चा के दौरान बर्न्स ने यह भी कहा कि इस बात की संभावना कम ही है कि भारत भविष्य में परमाणु परीक्षण करेगा।
बर्न्स ने कहा कि १२३ समझौता हाइड कानून का स्थान नहीं लेगा, बल्कि यह उसका पूरक और आवश्यक हिस्सा है।
परमाणु करार मामले में बातचीत में अहम भूमिका निभाने वाले बर्न्स के इस बयान के तुरंत बाद माकपा ने कहा कि पूर्व अमेरिकी मंत्री की इस टिप्पणी ने पार्टी के रुख पर मुहर लगा दी है। माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कहा बर्न्स की टिप्पणी यह स्पष्ट करती है कि भारत अमेरिका के हाइड कानून से नहीं बच सकता।

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