Jul 31, 2008

यू.पी. के मुख्यमंत्री मायावती के दफ्तर तक पहुंचा संदिग्ध आतंकी

लखनऊ, ३१ जुलाई- गुजरात के अहमदाबाद में पिछले शनिवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दूसरे दिन राजधानी लखनऊ में गिरफ्तार संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी शकील के मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच जाने पर सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है।
प्रारम्भिक जांच से इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान का रहने वाला शकील जो कुछ जगहों पर रमेश के नाम से भी जाना जाता था, वह मुख्यमंत्री के कार्यालय तक पहुंच गया था। यदि उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई होती तो कोई भी असंभावित घटना हो सकती थी।
एक स्थानीय शोरूम में काम करने वाला शकील मुख्यमंत्री कार्यालय में आता-जाता था, जहां मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिवों का भी दफ्तर है। मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री सचिवालय में मरम्मत और सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। ग्लास फिटिंग का काम करने वाला शकील इस काम के लिए वहां जाता रहता था। शकील की गिरफ्तारी देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी अहम है क्योंकि उत्तर प्रदेश की पुलिस ने ही अहमदाबाद बम विस्फोट के बारे में नवी मुम्बई से आए ई-मेल का पता लगाया था। सचिवालय में एक वरिष्ठ अधिकारी की शकील से मुलाकात से तो इन्कार किया जा रहा है लेकिन वरिष्ठ अघिकारी यह स्वीकार करते हैं उसके पास पिछले मार्च में बना अस्थायी प्रवेश पास था।
जांच एजेंसियां यह मान रही है कि शकील किसी आतंकवादी संगठन के लिए काम करता है तथा आतंकवादियों के सम्पर्क में था। इस महीने में उसने पाकिस्तान में ५२ घंटे तक बातचीत की। उसके पास से बरामद महंगे और उच्च तकनीक के मोबाइल फोन से भी उसके आतंकवादी संगठन से जुड़े होने का खुलासा होता है। ग्लास फिटिंग का काम करने वाले किसी व्यक्ति के पास इतने महंगे फोन कैसे हो सकते हैं, इस बारे में सवाल उठाए जा रहे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बेंगलुरु और अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के बाद शकील की गिरफ्तारी काफी अहम है। हालांकि यह बात सामने नहीं आई है कि उसका इन दोनों विस्फोटों में कोई हाथ था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शकील पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा या बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन हूजी से संबंधित हो सकता है।
अधिकारी ने कहा कि शकील राजधानी लखनऊ में पिछले तीन साल से रह रहा है। ग्लास शो रूम में नौकरी करने के अलावा वह और क्या-क्या करता रहा है, इसका खुलासा होना बाकी है। सुरक्षा एजेंसियां उसके वाराणसी के सम्पर्क का भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं क्योंकि वह अक्सर वहां जाता रहता था।

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