तिबिलिसी, १० अगस्त- रूसी विमानों द्वारा आज तड़के राजधानी तिबिलिसी पर की गयी जबरदस्त बमबारी से घबराए जॉर्जिया ने विद्रोही प्रांत ओसेतिया से अपनी सेना पूरी तरह हटा ली है।
ओसेतिया पर जॉर्जियाई सैनिकों ने शुक्रवार को कार्रवाई की थी। इसके तुरंत बाद रूस अपने समर्थक ओसेतियाई विद्रोहियों के बचाव में पूरे सैन्य बल के साथ इस संघर्ष में कूद गया। रूस के इस कदम से जॉर्जिया समर्थक अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की भवें तन गयी है और उन्होंने तत्काल संघर्ष रोकने की अपील की है।
जॉर्जिया के गृहमंत्रालय के सूचना विभाग के प्रमुख शोता उतियाशविली ने जॉर्जिया के पीछे हटने की पुष्टि करते हुए कहा “हमारी सेना यहां ओसेतिया की राजधानी सिखिनवाली पर कब्जा करने के लिए रूसी सेनाओं के साथ कडा मुकाबला कर रही थीं लेकिन अब इन्हें पूरी तरह हटा लिया गया है।”
जॉर्जिया ने शुक्रवार से जारी युद्ध के दौरान हजारों की तादाद में मासूम लोगों के मारे जाने का हवाला देते हुए कल ही युद्ध विराम की पेशकश की थी हालांकि रूस ने इसे तवज्जो न देते हुए आज भी उसकी राजधानी तिबिलिसी के सैन्य अड्डे पर बम बरसाए।यह हवाई अड्डा एक आयुध कारखाने का है जहां सोविय संघ काल से सुखोई एस यू २५ लडाकू विमानों का उत्पादन होता रहा है।
श्री उतियाशविली ने इसके पूर्व दिए गए बयान में स्थिति की भयावहता पर कहा था कि रूस जॉर्जिया में अपने ६ हजार सैनिकों को घुसा चुका है। उसके ४ हजार और सैनिक समुद्र और थल मार्ग से जॉर्जिया पर तडके कभी भी हमला बोल सकते हैं। उन्होंने स्थिति की गंभीरता बयां करते हुए कहा कि यदि ऐसा हुआ तो जॉर्जिया में भयंकर मानवीय त्रासदी होगी ।
गौरतलब है दक्षिण ओसेतिया को लेकर जॉर्जिया और रुस के बीच पूर्ण युद्ध की स्थिति बन चुकी है। रुसी सेना की भीषण बमबारी के बाद जॉर्जिया के राष्ट्रपति ने तुरंत संघर्ष विराम का आह्वान किया है। जॉर्जिया की ओलंपिक टीम ने भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हिंसा रोकने में मदद करने की गुहार की है।
पेईचिंम जारी एक बयान में एथलीटों ने कहा “जॉर्जिया के समूचे क्षेत्र में पूरी तरह रुसी सैनिकों का कब्जा हो गया है। हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करते हैं कि वह रुस को साफ बता दे कि २१ वीं सदी के इस दौर में किसी संप्रभु राष्ट्र के क्षेत्र में बमबारी और हमले बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे।” इस बीच फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी रुस से जॉर्जिया की ओर से भेजे गये संघर्ष विराम प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार करते हुये युद्ध रोकने की मांग की है ।
No comments:
Post a Comment