Jul 20, 2008

'संप्रग' को दो बड़े झटके

नई दिल्‍ली/भुवनेश्वर, 20 जुलाई: संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को रविवार को दो बड़े झटके लगे। पहला झटका राष्‍ट्रीय लोकदल के प्रमुख अजीत सिंह ने और दूसरा बीजद सांसदों के यूपीए के खिलाफ वोट देने के निर्णय ने दिया। जबकि सोनिया गांधी से वार्ता के बाद शीबू सोरेन ने सरकार के साथ जाने का फैसला लिया है।
यूपीए सरकार का ऊंठ किस करवट बैठेगा, इस पर कोई ठोस बात कहना काफी कठिन हो गया है। तमाम राजनीतिक दल जो महज दो दिन पहले तक यूपीए के साथ होने का दावा कर रहे थे, वो अब मनमोहन सरकार के खिलाफ जाने पर उतारू है। यही नहीं इन नेताओं के बीच परमाणु मसौदे का मुद्दा अब किनारे हो गया है। नया मुद्दा सरकार गिराकर आम चुनाव कराने का है।
रविवार की सुबह अजीत सिंह ने उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री मायावती से वार्ता की। वार्ता के बाद मीडिया से मुखातिब होने पर उन्‍होंने साफ कहा कि उनकी पार्टी के सभी सांसद अब यूपीए के खिलाफ हैं। उन्‍होंने सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल पर भी प्रश्‍न उठाते हुए आम चुनाव कराने की बात कही।
उधर मायावती ने पहले ही यूपीए के खिलाफ जाने की बात की है। यही नहीं माया का जादू इस तरह चल रहा है कि वाम दल भी उसी की बानी बोल रहा है।
रविवार की सुबह मानो यूपीए के लिए झटकों से भरी रही। वो ऐसे कि भुवनेश्वर में एक बैठक कर बीजद सांसदों ने कहा कि वो लोकसभा में विश्वास मत के दौरान यूपीए के खिलाफ वोट देंगे।
बीजद के मुख्य सचेतक भरत्रुहरि महताब ने कहा कि उन्‍होंने अपने सांसदों को ह्विप जारी कर यूपीए के खिलाफ वोट करने को कहा है। उड़ीसा से कुल २१ लोकसभा सीटों में से ११ बीजद और सात उसके सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हैं।
वहीं पांच सांसदों के साथ शीबू सोरेन ने यूपीए के समर्थन में खड़े होने का फैसला किया है। उन्‍होंने यह फैसला सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद लिया। उन्‍होंने बताया कि सोनिया गांधी से वार्ता के दौरान झारखण्‍ड के विकास के मुद्दों को रखा गया।

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