Aug 5, 2008

विलासराव देशमुख व नारायण राणे के बीच तकरार

मुंबई, ५ अगस्त- महाराट्र के राजस्व मंत्री नारायण राणे एवं मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बीच मंत्रीमंडल की बैठक में हुई गरमागरम तकरार के बाद राणे ने एक बार फिर अपने पद से इस्तीफे की धमकी दी है। राणे ने देशमुख सरकार को गरीब और किसान विरोधी करार दिया है ।
राणे-देशमुख के बीच इस बार यह विवाद नई मुंबई का एक भूखंड वीडियोकॉन उद्योग समूह को आबंटित करने को लेकर शुरू हुआ है। यह भूखंड नई मुंबई के प्रस्तावित नए एयरपोर्ट के बिल्कुल नजदीक है। २५० एकड़ के इस भूखंड की वास्तविक कीमत २००० करोड़ रुपयों के करीब आंकी जा रही है। लेकिन राणे का मानना है कि सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन ऑफ महाराष्ट्र सिडको के साथ एक संयुक्त उपक्रम स्थापित करके यह भूखंड वीडियोकॉन को लगभग ३०० करोड़ रुपयों में ही दिया जा रहा है और इस कीमत का भी एक बड़ा हिस्सा सिडको को शेयर देकर समायोजित किया जा रहा है।
मंगलवार को राज्य मंत्रीमंडल की बैठक में न सिर्फ राणे, बल्कि गणेश नाईक और छगन भुजबल जैसे कई वरिष्ठ मंत्रीयों ने भी इस सौदे पर अपना विरोध जताया। लेकिन मुख्यमंद्दी ने अपने मंद्दिमंडलीय सहयोगियों के विरोध को नजरंदाज करते हुए इस सौदे को मंजूरी दे दी । राणे सहित इस सौदे का विरोध करनेवाले सभी मंद्दियों की मांग है कि इस भूखंड के लिए सरकार को निविदा प्रक्रिया अपनानी चाहिए ताकि सही कीमत हासिल हो सके।
राणे ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे पर कांग्रेस हाईकमान से मिलकर उन्हें पूरी जानकारी देंगे और उसकी अनुमति के बाद ही इस्तीफा देने का निर्णय करेंगे।
इस बीच मुख्यमंद्दी देशमुख के कार्यालय से जारी सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस भूखंड पर वीडियोकॉन द्वारा स्थापित किए जाने वाले टीएफटी-एलसीडी प्रकल्प में हजारों व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। विज्ञप्ति में प्रकल्प के और भी कई फायदे गिनाए गए हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंद्दी पद को लेकरराणे-देशमुख विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार राणे यह मुद्दा उठाकर कांग्रेस हाईकमान के सामने यह साबित करना चाहते हैं कि देशमुख राज्य में कांग्रेस के लिए या गरीबों-किसानों के लिए नहीं, बल्कि उद्योगपतियों एवं अपनी प्रबल विरोधी राजनीतिक पार्टियों के लिए काम कर रहे हैं। वह इस मुद्दे को शिवसेना के राज्यसभा सदस्य एवं विलासराव देशमुख के गृहक्षेद्दमराठवाड़ा के रहने वाले उद्योगपति राजकुमार धूत से जोड़कर कांग्रेस हाईकमान के सामने उठाना चाहते हैं ताकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को समझाया जा सके कि देशमुख शिवसेना के प्रति नरम रुख रखते हैं।
गौरतलब है कि राजकुमार धूत वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के भाई हैं। इसे भी एक संयोग नहीं मानना चाहिए कि आज मंद्दिमंडल की बैठक में राणे का साथ देने वाले दोनों राकांपा नेता भुजबल एवं गणेश नाईक भी राणे की ही भांति शिवसेना छोड़कर बाहर आए हुए हैं।

No comments: