Aug 5, 2008

..और वह पार्टनर साथ जंगल में रहने चली गई

काजीरंगा/, ५ अगस्त-असम उसने टीवी देखना पत्रिकाओं में छपी खाद्य सामग्री की तस्वीरों पर प्रतिक्रिया जताना और चम्मच से खाना भी सीख लिया, लेकिन आखिर में अपने पार्टनर के साथ वह जंगल में रहने के लिए चली गई।
हूलोक गिब्बन प्रजाति की मादा वनमानुष सिलोनी को काजीरंगा नेशनल पार्क में एक अस्थायी बाड़े में तब तक रखा गया जब तक वह नर वनमानुष के साथ संसर्ग के बाद गर्भवती नहीं हो गई। इसके बाद उसे जंगल में जाने दिया गया।
पार्क के निदेशक सुरेन बुरेगोहैन ने बताया कि वह गर्भवती है। हमें उम्मीद है कि कुछ ही माह में वह बच्चे को जन्म देगी। वन कर्मी इस जोड़े की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। सब कुछ सामान्य है।
बुरेगोहैन वर्ष २००३ में संभागीय वन अधिकारी थे और उसी दौरान उन्होंने असम के गोलाघाट जिले में स्थित एक मंदिर के पुजारी के पास से सिलोनी को बचाया था। वह कहते हैं कि सिलोनी घायल थी। मैं उसे घर ले आया और उसकी देखभाल की। जल्द ही वह मनुष्यों की तरह टीवी देखना, पत्रिकाओं में छपी तस्वीरों पर प्रतिक्रिया जताना और चम्मच से खाना सीख गई।
इसके बाद सिलोनी को काजीरंगा स्थित सेंटर फार वाइल्डलाइफ रिहैबिलिटेशन एंड कंजरवेशन में भेज दिया गया। इस दौरान किए गए अध्ययन में पनबारी रिजर्व फारेस्ट में एक नर वनमानुष की मौजूदगी की पुष्टि हुई, जिसके बाद सिलोनी को इसी स्थान पर छोड़ने का निर्णय लिया गया।
सेंटर फार वाइल्डलाइफ रिहैबिलिटेशन एंड कंजरवेशन से उसे चार माह पूर्व पनबारी रिजर्व के पास एक अस्थायी बाड़े में भेज दिया गया। यहीं सिलोनी गर्भवती हुई। अब वन संरक्षक मानते हैं कि सिलोनी का सफल पुनर्वास जंगल में अकेले रह रही मादा वनमानुषों के प्रबंधन संबंधी नीति बनाने में सहायक हो सकता है।

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