Aug 7, 2008

सुप्रीम कोर्ट का प्रदूषण बोर्डों को नोटिस

नई दिल्ली, ७ अगस्त- उच्चतम न्यायालय ने गंगा नदी में औद्योगिक कचरे और रसायनों को फेंककर इसके जल को मानवीय उपभोग के लिए अनुपयोगी बनाने की रोकथाम के लिए बने प्रदूषण नियंत्रण कानून के अनुपालन पर सरकार को निर्देश देने का आग्रह करने वाली याचिका पर केन्द्रीय तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को आज नोटिस जारी किए।
मुख्य न्यायधीश केजी। बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये नोटिस कृष्ण महाराज की याचिका पर जारी किए।
इन नोटिसों का जबाव चार सप्ताह में दाखिल किया जाना है।
महाराज ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस बारे में कानूनों का पालन नहीं कर रहे हैं। कानून के अनुसार हर नगर निगम को औद्योगिक कचरा और खतरनाक रसायन नदी में छोड़ने की अनुमति देने से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों से अनापत्ति प्रमाण लेना आवश्यक है।
उच्चतम न्यायालय गंगा में प्रदूषण को खत्म करने के लिए बनी एक हजार करोड़ रुपए की लागत की गंगा कार्ययोजना की निगरानी कर रहा है।

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