जैसलमेर, ७ अगस्त- राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर जिले की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में जमीन से जमीन एवं हवा से जमीन पर वार करने वाली मिसाइल नाग का फायर परीक्षण कल सफल रहा ।
आधिकारिक रक्षा सूत्रों के अनुसार पहला परीक्षण मंगलवार को हुआ जिसकी रेंज दो किलोमीटर थी । दूसरा मुख्य परीक्षण बुधवार को हुआ जिसकी मारक क्षमता चार किलोमीटर थी । रुस से आये विशेषज्ञो के साथ भारतीय सेना तथा रक्षा अनुसंधान विकास संगठन डीआरडीओ के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे ।
इस सफल परीक्षण से मिसाइल नाग को भारतीय सेना में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है । वर्ष के अंत में इसे सेना में शामिल किये जाने की संभावना है । पृथ्वी एवं अग्नि जैसे स्वदेशी मिसाइलो की श्रृंखला में नाग पांचवा प्रक्षेपास्त्र है ।
डीआरडीओ ने १९८८ में नाग मिसाइल पर कार्य शुरु किया था । पिछले दो दशको में इसके ६० से अधिक परीक्षण हो चुके है । पहला परीक्षण नवम्बर १९९० में किया गया था । इस पर अब तक ४०० करोड रुपये से अधिक राशि व्यय की जा चुकी है ।
इस मिसाइल की विशेषताओं में टापअटेक फायर एण्ड फोरगेट तथा सभी मौसम में फायर करने की क्षमता शामिल है । फायर करने के लिए ४२ किलो वजन की इस मिसाइल को खास तरह के माउंट केरियर पर तैनात किया जा सकता है। हवा से जमीन पर मार करने के लिए इसे हल्के वजन के हैलीकाप्टर में लगाया जा सकता है ।
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