लखनऊ, २१ जुलाई- उत्तर प्रदेश के ज्यादातर स्थानों में लगातार नौ दिन से हो रही मूसलाधार बरसात की वजह से जनजीवन बुरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है। भारी बरसात की वजह से उफनाई राप्ती, शारदा, सरयू और घाघरा की बाढ़ व कटान से बस्ती, गोंडा और बाराबंकी समेत १३ जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार पिछले २४ घंटे में उस्का बाजार में २० सेमी, बागपत में १० सेमी, ककरही में आठ सेमी, मुखलिसपुर और बलरामपुर में छह-छह सेमी, बांसी और नरौरा में पांच-पांच सेमी, चिल्लाघाट व अयोध्या में चार-चार सेमी, बनी, तुर्तीपार भिन्गा, रिगौली में तीन-तीन सेमी तथा बर्डघाट चंद्रदीप घाटा और सीतापुर में दो-दो सेमी वर्षा हुई। अगले २४ घंटे में भी राज्य के सभी मंडलों के अनेक स्थानों पर सामान्य से भारी बारिश होने का अनुमान है।
आयोग के अनुसार घाघरा आज तुर्तीपार में खतरे के निशान पर बह रही थी और उसका जलस्तर घट रहा था जबकि अयोध्या और एल्गिनब्रिज में इसका जलस्तर लाल निशान से सात-सात सेमी नीचे था। इन दोनों स्थानों पर इसका जलस्तर बढ़ रहा है, कल सुबह तक खतरे के निशान पार हो जाने का अनुमान है। शारदा नदी आज सुबह पलियाकलां में लाल निशान से २८ सेमी ऊपर तथा शारदानगर में २४ सेमी नीचे बह रही थी। गंगा, यमुना, गोमती, केन, राप्ती, गंडक, कुआनो बूढ़ी, राप्ती और रामगंगा समेत सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर राज्य में अपने जलप्रवाह मार्ग में सभी स्थानों पर एक बार फिर तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है। इन नदियों का जलस्तर फिलहाल लाल निशान से काफी नीचे था।
संतकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, महाराजगंज, देवरिया और कुशीनगर जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है। वहां की कुआनो आमी, राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कूड़ा, गोरीगंडक, नारायणी आदि नदियों के फिर उफनाने से ३०० से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। वहां बारिश की वजह से सड़क, बिजली और दूरसंचार सेवाएं प्रभावित हुई हैं। निचले इलाकों में जबरदस्त जलभराव है। कई कच्चे मकान गिर गए हैं। बांधों की मरम्मत का काम अब तक पूरा न होने से इस इलाके के एक दर्जन बांधों में दरार पडने का खतरा बना हुआ है। बस्ती में जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ और अतिवृष्टि से गोंडा जिले में हालात खराब हैं। घाघरा की कटान से करीब ५२ किलोमीटर लम्बे चरसडी-एल्गिन बांध में कई जगह रिसाव हो रहा है और खतरे को देखते हुए करीब ३०० परिवारों ने तटबंध पर शरण ले रखी है।
कटान रोकने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। बाढ़ राहत एवं बचाव के काम में मदद के लिए पीएसी की कंपनी तैनात कर दी गई है और बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नाव व मोटर लांचर लगाए गए हैं। लखीमपुर जिले की पलिया, धौरहरा, लखीमपुर और निघासन तहसीलों के कई गांवों के बाढ़ और कटान से प्रभावित होने के मद्देनजर प्रशासन ने पीएसी की कंपनी बाढ और राहत कार्य में सहायता के लिए बुला ली है।
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