Jul 21, 2008

सोमनाथ दा और ममता दीदी नें दी सरकार को राहत

नई दिल्ली, २१ जुलाई- परमाणु करार पर चल रहे राजनीतिक संघर्ष का अंतिम दौर आ पहुंचा है, जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लोकसभा में विश्वास मत के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पेश करने जा रहे हैं। आज इस पर चर्चा के बाद मत विभाजन होगा। इस बीच आंकड़ों का खेल जारी है और २७१ के जादुई अंक को छूने की जद्दोजहद भी । सरकार के पाले में सब मिलाकर २६६ सांसद जुटे हैं जबकि विपक्ष के पास २६९ सांसदों की सूचना है, लेकिन अंतिम फैसला स्पीकर सोमनाथ चटर्जी और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के वोट पर निर्भर करेगा जिन्होंने मत विभाजन में भाग नहीं लेने की घोषणा की है। मत विभाजन के दौरान दोनों ही पक्षों में जबर्दस्त तोड़फोड़ की संभावना है।
यूपीए को झारखंड मुत्ति मोर्चा और नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन से थोड़ी राहत अवश्य मिली, लेकिन दो सांसदों की बगावत ने कांग्रेस के होश उड़ा दिए हैं। यही हाल विपक्षी भाजपा का है, जहां बृजभूषण सिंह के सपा में चले जाने के बाद बाकी बचे सांसदों में से भी कुछ के अनुपस्थित रहने की संभावना है। सपा में से मुनव्वर, जयप्रकाश, राजनारायण और एस।पी.बघेल के बाद एक और सांसद राधेश्याम कोली के डांवाडोल होने की खबरें भी मिल रही हैं। राजग में भी सेंध लगी है। जद (यू) के रामस्वरूप और पी.पी.कोया यूपीए के समर्थन में आ गए हैं। शिवसेना के तुकाराम गणपतराव भी बागी हुए हैं। ऐसे में सरकार को दलबदलुओं के सहारे नैया पारी करनी होगी। इस बीच पर्दे के पीछे सट्टेबाजों और जासूसों का भी खेल जारी है। सरकार के बचने और रहने पर अरबों का सट्टा लगा है वहीं सट्टेबाजों ने कुछ सांसदों से भी सम्‍पर्क साध कर ५० करोड़ तक का ऑफर दिया है।
इससे पूर्व आज संसद पहुंचने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संवाददाताओं के सामने विजय का निशान बनाते हुए कहा कि हम जीतेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि कल का दिन इस सरकार का अंतिम दिन है।

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