पुणे, २१ जुलाई- निजी शैक्षणिक संस्थानों में परप्रांतियों, खासकर उत्तर भारतीयों को कथित रूप से प्राथमिकता देने के खिलाफ जारी अभियान के तहत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने केंद्रीय कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी सोच पैसे पर ही केंद्रित है।
पवार ने कल राज ठाकरे को सलाह दी थी कि शैक्षणिक संस्थानों में तोड़फोड़ करने वाले ये न भूलें कि ये हजारों छात्र फीस, भोजन, निवास और अन्य जरूरतों पर लाखों रुपए खर्च करते हैं, उससे स्थानीय विकास ही होता है।
ठाकरे ने पवार की आलोचना करते हुए कहा कि वे पुणे के इन ‘छोटे-मोटे’ मामलों में पड़ने के बजाय अपनी सरकार बचाने की फिक्र करें।
इस वर्ष फरवरी से महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के खिलाफ मनसे ने अभियान छेड़ा है और हाल में पार्टी ने उन शैक्षणिक संस्थानों को निशाना बनाया है जो कथित रूप से मराठी भाषी और स्थानीय छात्रों की उपेक्षा करते हैं और परप्रांतीय छात्रों को प्राथमिकता देते हैं।
राज ने आरोप लगाया कि शिक्षा को व्यवसाय बना दिया गया है और निजी शिक्षण संस्थानों को प्रवेश सूचियां जारी करने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मराठी भाषी और स्थानीय छात्रों की कीमत पर उत्तर भारतीय छात्रों को प्राथमिकता देने वाले शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा।
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