Jul 11, 2008

सी.बी.आई. ने किया आरूषी-हेमराज हत्याकांड सुलझाने दावा

नई दिल्ली ११ जुलाई- सीबीआई ने शुक्रवार को नोएडा की बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में डा. राजेश तलवार को क्लीनचिट देते हुए खुलासा किया कि की हत्या कृष्णा, राजकुमार एवं विजय मंडल ने की है। आरोपियों ने आरुषि की हत्या से पहले उससे दुष्कर्म का भी प्रयास किया। इस बीच, गाजियाबाद की एक अदालत ने पांच-पांच लाख के दो मुचलकों पर डा. राजेश को जमानत दे दी।
सीबीआई के संयुक्त निदेशक अरुण कुमार ने सीबीआई मुख्यालय में दोपहर खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में यह खुलासा करते हुए कहा कि इस मामले में डा. तलवार दंपति के खिलाफ अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। लेकिन हमने उन्हें अभी कोई क्लीन चिट भी नहीं दी है।
सीबीआई ने शुक्रवार को इस कांड के तीसरे आरोपी विजय मंडल को भी गिरफ्तार कर लिया। कुमार ने कहा कि आरुषि की हत्या से पूर्व आरोपियों ने उससे दुष्कर्म की भी कोशिश की थी। कुमार ने कहा कि उन्होंने यह खुलासा आरोपियों के नारको टेस्ट और फारेंसिक रिपोर्ट के आधार पर किया है। उन्होंने कहा कि कृष्णा और राजकुमार ने नारको टेस्ट में अपना गुनाह कबूल किया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 15 मई को हत्या की रात आरुषि के पिता डा। राजेश तलवार और उनकी पत्नी डा. नूपुर तलवार घर पर ही थे और वे सो रहे थे। कुमार ने बताया कि कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल जबरदस्ती से नहीं बल्कि आराम से घर में घुसे थे। उसके बाद तीनों ने शराब पी, लेकिन हेमराज ने शराब नहीं पी थी। शराब पीने के बाद चारों आरुषि के कमरे में गए और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की। इस दौरान उनका आपस में झगड़ा भी हुआ। आरुषि के सिर पर भारी वस्तु से वार किया गया। इससे पहले उसका मुंह दबाया गया ताकि वह शोर न मचा सके। सीबीआई के अनुसार आरुषि का गला भी खराब था।
सीबीआई के अनुसार हेमराज ने जब आरुषि पर हमले का विरोध किया तो कृष्णा, राजकुमार और विजय उसको खींचकर छत पर ले गए और वहां गला रेत कर हेमराज की हत्या कर दी। इसके बाद वे फिर आरुषि के कमरे में गए और उसका भी गला रेत दिया।
कुमार ने बताया कि डा। तलवार ने हत्या के दो दिन पहले किसी मरीज के दांत को बनाए जाने में गलती करने को लेकर कृष्णा को सबके सामने बुरी तरह डांटा था और कृष्णा इससे काफी उत्तेजित था। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से रक्त के दो नमूने मिले थे जिसमें से एक बी ग्रुप था जो आरुषि का था, जबकि दूसरा एबी ग्रुप का था जो हेमराज का था। उन्होंने बताया कि छत, सीढि़यों और आरुषि के तकिये पर हेमराज का खून था।
कुमार ने बताया कि सीबीआई को कृष्णा पर शक तब हुआ जब नूपुर तलवार ने सुबह हेमराज के मोबाइल पर फोन किया जिसे फोन तुरंत काट दिया गया और उसकी लोकेशन जलवायु बिहार में ही थी और कृष्णा भी जलवायु विहार के पास ही रहता था। इसके आधार पर ही उसे गिरफ्तार किया गया।
कृष्णा ने जांच के दौरान सीबीआई को गुमराह करने की भी कोशिश की थी और आनर किलिंग की बात उसी ने की थी, जिसकी कोई पुष्टि नहीं हुई।
सीबीआई ने अभी तक हत्या में इस्तेमाल हथियार और हेमराज तथा आरुषि के मोबाइल के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। सीबीआई ने कहा कि जांच अभी जारी है और नए तथ्य आने पर मीडिया को जानकारी दी जाएगी।
सीबीआई के अनुसार दिल्ली पब्लिक स्कूल नोएडा की नवीं कक्षा की छात्रा आरुषि की हत्या सेक्टर 23 के जलवायु विहार स्थित उसके आवास पर १५-१६ मई की रात को गई थी। दूसरे रोज उसी मकान की छत से नौकर हेमराज का भी शव बरामद किया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कई दिनों तक इस हत्याकांड की गुत्थियां नहीं सुलझने के बाद इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया और सीबीआई ने पहली जून से जांच शुरू कर दी थी। इस दौरान आरुषि के पिता डा. राजेश तलवार एवं उसकी मां डा. नुपूर तलवार भी संदेह के घेरे में रही एवं इनसे कई बार पूछताछ की। इनका पालीग्राफी एवं नारको टेस्ट भी कराया गया।

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