Jul 9, 2008

रुके आर्थिक सुधार होंगे तेज

मंगलवार को वाम दलों द्वारा केंद्र की यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने पर कॉर्पोरेट जगत ने बड़ी राहत महसूस की है। कॉर्पोरेट जगत को उम्मीद है कि अब रुके हुए आर्थिक सुधारों में तेज गति आएगी। इसके अलावा विदेशी निवेश भी बढ़ेगा।
विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को और खोलने जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक फैसले लेने में प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह की सरकार के हाथ वाम दलों के महत्वपूर्ण समर्थन से बँधे हुए थे। कॉर्पोरेट जगत का मानना है कि सरकार समाजवादी पार्टी के समर्थन से अपना कार्यकाल पूरा करेगी। ऐसा माना जाता है कि उत्तरप्रदेश में जब सपा की सरकार थी तब उसने भी वहाँ निजी क्षेत्र को समर्थन दिया था।
आर्थिक सुधार फिर शुरू होगा : एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि अब परमाणु करार तार्किक उपसंहार की ओर बढ़ गया है। आर्थिक सुधार भी पुनः शुरू हो जाएगा। कॉर्पोरेट जगत की ओर से पहले प्रतिक्रिया देते हुए रावत ने कहा कि परमाणु करार के मुद्दे पर लंबे समय से यूपीए सरकार और वाम दलों के बीच लुका-छिपी का खेल चल रहा था।
स्टॉक मार्केट में भी स्वागत : सरकार से समर्थन वापस लेने के वाम दलों के फैसले का स्टॉक मार्केट ने भी तत्काल स्वागत किया। माकपा के महासचिव प्रकाश करात द्वारा समर्थन वापसी की घोषणा के तुरंत बाद बीएसई व एनएसई में शेयरों के दाम तुरंत बढ़ गए थे। बीएसई सेंसेक्स जो सुबह के कारोबारी सत्र में ४७६.०३ प्रतिशत टूट गया था, वह इस घोषणा के बाद गिरावट को कम कर २०८.८ अंक रह गया।
वाम नेता अड़चन पैदा कर रहे थे : भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य परिसंघ (फिक्की) के पूर्व प्रमुख और कॉर्पोरेट विश्लेषक डीएच पई पनानंदिकर ने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जैसे कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों को लागू करने में वाम नेता अड़चनें पैदा कर रहे थे। दिल्ली स्थित आर्थिक नीति विचारक संस्था आरपीजी फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कहा कि परमाणु करार भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा।
आर्थिक मुद्दों को महत्व नहीं देते थे : राष्ट्रीय अनुप्रयोग आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) के वरिष्ठ अर्थशास्त्री दलीप कुमार ने कहा कि वाम नेता अपने नजरिए में आर्थिक महत्व के मुद्दों को महत्व नहीं देते थे। गठबंधन के जिम्मेदार सहयोगी के बजाय कार्यकर्ता ज्यादा नजर आते थे॥ बहरहाल सुधारों की गति इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार के नए सहयोगी दल समाजवादी पार्टी किस तरह का समर्थन देती है।
वाम दलों के निर्णय से आश्चर्य नहीं : एसोचैम के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने एक बयान में कहा कि उन्हें वाम दलों के समर्थन वापसी के फैसले पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ है। इसका पहले से अनुमान लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहाँ तक एसोचैम का संबंध है वह परमाणु समझौते के पक्ष में है।

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