Aug 9, 2008

सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन करने का फैसला किया

नयी दिल्ली, ९ अगस्त- सरकार ने आज भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन कर सेवानिवृत सरकारी कर्मचारियों पर उनके सेवाकाल के दौरान किये गये आचरणों के लिए मुकदमा चलाने की पूर्व अनुमति अनिवार्य करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक कानून १९८८ में संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी तक नौकरी में रहते कोई गलत आचरण करने के मामले में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के पहले संबंधित सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेना आवश्यक होता है लेकिन सेवानिवृत सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बिना अनुमति के कारवाई की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि ऐसा संशोधन करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी ताकि सेवारत और सेवानिवृत दोनों तरह के सरकारी कर्मचारियों को समान संरक्षण दिया जा सके। उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि सेवानिवृत कर्मचारी के खिलाफ बिना अनुमति के उन मामलों में कारवाई की जाती है जो उसने अपने सेवाकाल के दौरान की है।

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