संघर्ष समिति के प्रवक्ता लीला किरण शर्मा ने कहा, "हमें इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, यदि इन नेताओं को बातचीत से अलग रखा जाता है।" संघर्ष समिति के सदस्य इन नेताओं को स्थिति के इस कगार तक पहुँचनेके लिए ज़िम्मेदार ठहराते हैं। जम्मू शहर में कर्फ़्यू ने कोई ढील नहीं दी गई है लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी कई जगह एकत्र हो रहे हैं।
उधर १८ सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल अमरनाथ संघर्ष समिति के साथ बातचीत न हो पाने के बाद, जम्मू-कश्मीर राज्य के राज्यपाल एनएन वोहरा से बातचीत कर रहा है।
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"अमरनाथ संघर्ष समिति अपनी माँग पर अड़ी"
अड़ना भी चाहिए. यह तो बदतमीजी की हद हो गई है. भारत में हिन्दुओं का इस तरह अपमान, यह बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. हज के अलग टर्मिनल. शीला दीक्षित कहती है कि वह हज भवन के लिए जमीन देगी. पर अमरनाथ यात्रा मार्ग में हिंदू यात्रियों के आराम के लिए जमीं नहीं दी जा सकती. शर्म आनी चाहिए इन कांग्रेसियों को.
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