Jul 6, 2008

पाकिस्तान जोर पकड़ रही है कारगिल जांच की मांग

इस्लामाबाद। कारगिल संघर्ष के लिए राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ दोनों को जिम्मेदार ठहराने संबंधी पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी के बयान से पाक में नया विवाद खड़ा हो गया है। सत्तारूढ़ गठबंधन में पीपीपी की सहयोगी पीएमएल-एन ने इसकी जांच के लिए आयोग के गठन की मांग की है।
पीएमएल-एन के प्रवक्ता सिद्दीकुल फारूक ने कहा कि जरदारी की टिप्पणी कारगिल मुद्दे की जांच के लिए आयोग के गठन की जरूरत को रेखांकित करती है। पीएमएल-एन लंबे समय से इसकी मांग करती आई है। एक भारतीय चैनल के साथ साक्षात्कार में जरदारी ने कहा था कि कारगिल प्रकरण के लिए मुशर्रफ और शरीफ दोनों जिम्मेदार हैं। फारूक ने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और अमेरिकी सेना की मध्य कमान के पूर्व प्रमुख जनरल एंथनी जिन्नी समेत कई नामी गिरामी हस्तियों ने यह साफ किया है कि शरीफ को कारगिल की जानकारी नहीं थी।
कारगिल में पाक सेना की संलिप्तता की जानकारी शरीफ को तब हो सकी जब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें इस बाबत फोन किया। फारूक ने जरदारी के इस बयान पर भी टिप्पणी की कि पीपीपी चाहती है कि मुशर्रफ गरिमा के साथ रुखसत हों। उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन मुशर्रफ के खिलाफ महाभियोग के पक्ष में है।

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