भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से तत्काल संसद में विश्वासमत हासिल करने की माँग की। आडवाणी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार एक नाटक मंडली बनकर रह गई है और इसने नैतिक वैधता खो दी है। जीवनदान के लिए यह सरकार कोई भी सौदेबाजी करने को तैयार प्रतीत होती है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार आडवाणी ने कहा कि सभी व्यावहारिक कार्यों के लिए मनमोहन सिंह सरकार लोकसभा में बहुमत खो चुकी है और सरकार को तत्काल संसद का सत्र बुलाकर लोकसभा में विश्वासमत हासिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की विश्वसनीयता संदिग्ध है, आडवाणी ने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों की विश्वसनीयता संदिग्ध है। जब यह स्पष्ट हो गया कि सरकार अगर परमाणु करार पर आगे बढती है तो वाम दलों द्वारा सरकार से समर्थन वापस लिया जाना तय है तो उसने सपा को पटाना शुरू किया, जिसके लोकसभा में ३९ सदस्य हैं।
भाजपा नेता ने परमाणु करार पर सरकार और वामदलों के बीच तनातनी का जिक्र करते हुए कहा कि संप्रग के दो प्रमुख सहयोगियों के बीच मतभेदों ने पिछले १८ महीने से सरकार को पंगु कर रखा है और अब सरकार एक नाटक मंडली बनकर रह गई है और इसने नैतिक वैधता खो दी है।
१९९० के दशक में एच। डी. देवेगौड़ा के स्थान पर इन्द्र कुमार गुजराल को प्रधानमंत्री बनाये जाने की घटना का उल्लेख करते हुए आडवाणी ने कहा कि उस वक्त कांग्रेस ने मात्र सिर का ऑपरेशन किया था। इस बार लगता है कांग्रेस सिर की बजाय टांगों की सर्जरी कर रही है।
उन्होंने कहा `अब तक यह ढाँचा (सरकार) वामदलों के सहारे खड़ा था अब सपा के सहारे खड़ा रहने की कोशिश की जा रही है। आडवाणी ने कहा कि प्रारंभ से अब तक जितनी भी सरकारें रहीं हैं उसमें से आज जैसी सरकार पहले कभी नहीं रही। परमाणु मुद्दे पर पिछले 18 महीने में तो मानों इस सरकार को लकवा मार गया। पिछले एक सप्ताह से यह सरकार मात्र अपने को बचाने में लगी है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी परमाणु करार के वर्तमान स्वरूप के खिलाफ है उसका मानना है कि कोई भी समझौता हो वह बराबरी का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनेगी तो वह दोबारा बातचीत कर ऐसा समझौता कराने की कोशिश करेगी, जो बराबरी का हो। यह पूछे जाने पर कि सपा के कांग्रेस के साथ चले जाने पर क्या भाजपा बहुजन समाज पार्टी के साथ अपने तार जोड़ेगी आडवाणी ने कहा कि भाजपा ने उत्तर- प्रदेश में सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की योजना बनाई है। मायावती के नेतृत्व वाली बसपा का उत्तर-प्रदेश में ही सबसे बड़ा जनाधार है।
उन्होंने कहा कि संप्रग में शामिल और इसे बाहर से समर्थन दे रहे सभी दलों ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है और अब जनता यह तय करेगी कि भाजपा ने विश्वसनीयता खोई है या नहीं।
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