`राजनीतिक गठजोड़' के टूटने की कगार पर पहुँचने के बीच वाम दलों ने अब सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन पर निशाना साधने के लिए अब कमर पूरी तरह कस ली है और सरकार के खिलाफ `आरोप-पत्र' तैयार कर रहे हैं, जिसमें उसके `पूरे नहीं किये गये वादे' और परमाणु करार के प्रति `सनक' का ब्यौरा शामिल किया जाएगा।
वाम दल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि माकपा, भाकपा, आरएसपी और फारवर्ड ब्लॉक मिलकर एक `आरोप-पत्र' सामने लाएँगे, जिसमें संप्रग की कई खामियों और नाकामियों का उल्लेख होगा। इसमें `मूल्य वृद्धि और मुद्रास्फीति राष्ट्र हितों से समझौता और साझा न्यूनतम कार्यक्रम में शामिल अधूरे वादों' का भी ब्योरा होगा।
नेता ने अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर कहा कि समाजवादी पार्टी के `विश्वासघात' से दुःखी वाम दल अब अपने अभियान में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच हुए `सुविधा की राजनीति के करार' का पर्दाफाश करेंगे।
संप्रग के खिलाफ वाम दलों का अभियान १४ जुलाई को राजधानी में शुरू होगा, जिसमें शीर्ष नेता परमाणु करार पर अपने विरोध के अलावा बढ़ती मुद्रास्फीति और कमर तोड़ महँगाई से निपटने के लिए उचित कदम उठाने से `इनकार' करने वाली सरकार पर `हमला' बोलेंगे।
अभियान के लिये शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारने की योजनाएँ बनाई जा रही हैं, जो सभी राज्यों के प्रमुख शहरों में आम सभाओं और रैलियों में भाग लेकर वाम दलों की स्थिति स्पष्ट करेंगे।
माकपा के राष्ट्रीय सचिव डी। राजा ने पत्रकारों से कहा, `हमारा विरोध केवल एक अकेले परमाणु करार के मुद्दे पर ही केंद्रित नहीं है। हम मुद्रास्फीति महँगाई और अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन जैसे मुद्दे भी उठाएँगे।'
राजा ने कहा कि वाम दलें के अभियान का मकसद करार के विरोध सहित अन्य मुद्दांs पर हमारे रूख के बारे में लोगों के मन में मौजूद `गलतफहमियों' को दूर करना है। उन्होंने कहा कि अभियान में मुख्य तौर पर युवाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उनका कहना था कि `देश के कर्णधारों' को करार के `दुष्परिणामों' और अन्य मुद्दों के बारे में शिक्षित करने की ज़रूरत है, जिनका आज देश सामना कर रहा है। फारवर्ड ब्लॉक के सचिव जी। देवराजन ने कहा, `हमारा विशेष ध्यान महाविद्यालय परिसरों पर केंद्रित रहेगा।'
नेता जनता को यह बताएँगे कि सरकार का इस बात पर ज़ोर देना `सही तस्वीर' नहीं है कि परमाणु ऊर्जा देश की ऊर्जा ज़रूरतों के लिए `रामबाण' है।
देवराजन ने कहा, `हम परमाणु ऊर्जा के विरोध में नहीं हैं, लेकिन सरकार का यह तर्क गलत है कि ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने का यही एकमात्र तरीका है। हम यही लोगों को बताएँगे।'
वाम दल के एक नेता ने कहा कि दलों का केंद्रीय नेतृत्व अभियान की सामग्री को तैयार करेगा और इसे पार्टी की इकाइयों में वितरित किया जाएगा। यह पूछने पर कि क्या वाम दलों के समान ही विचार रखने वाले अन्य दल भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे तो नेता ने कहा कि इस बारे में फैसला किया जाना अभी बाकी है।
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