Jul 19, 2008

मध्यप्रदेश के उज्जैन में डायनासोर के जीवाश्म मिले

उज्जैन, १९ जुलाई- एक भारतीय खगोल वैज्ञानिक ने मध्यप्रदेश के उज्जैन में डायनासोर के जीवाश्म मिलने का दावा किया है। उज्जैन के वराहमिहिर वैज्ञानिक धरोहर एवं शोध संस्थान के वैज्ञानिक संजय केथवास ने इन जीवाश्म की खोज की है। जांच के लिए इसे देश की विभिन्न पुरातत्व एवं भूगर्भ प्रयोगशालाओं में भेजा गया है।
ये अवशेष उज्जैन से छह किमी दूर एक पहाड़ी पर मिले हैं। केथवास ने बताया कि लगभग छह करोड़ साल पहले पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध का बड़ा हिस्सा गोंडवानालैंड कहलाता था। इसके अंतर्गत भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका, मेडागास्कर, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड आते थे। अनुमान है कि डायनसोर के प्राप्त जीवाश्म छह करोड़ साल पुराने हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान के निदेशक प्रोफेसर गुप्ता ने माधव विज्ञान महाविद्यालय के प्रोफेसर एनके गर्ग एवं प्रोफेसर वीके गुप्ता सहित अन्य विशेषज्ञों की एक टीम बनाई।
इसके बाद पहाड़ी के आसपास के स्थान की विस्तृत जांच शुरू की गई। मालवांचल में इस प्रकार का जीवाश्म पहली बार मिला है। इससे पहले नर्मदा वैली में इंदौर के पास धार जिले में ऐसे अवशेष मिले थे। जांच में ये अवशेष भी छह करोड़ साल पुराने पाए गए थे। इस जगह से विशाल सरीसृप जंतुओं की अस्थियों का जखीरा मिला है। ये अवशेष प्राणिकी दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ है। वैज्ञानिकों को अब एक जीवाश्म ऐसा मिला है जिसकी लंबाई करीब ७० फीट और चौड़ाई १५ फीट बताई जा रही है ।

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