Jul 16, 2008

शेयरों में गिरावट साजिश का परिणाम : रैनबैक्सी

नई दिल्ली, १६ जुलाई- अमेरिकी कार्रवाई के मद्देनजर शेयरों में आई जबर्दस्त गिरावट से परेशान रैनबैक्सी अब आक्रामक मुद्रा में आ गई है। इस बहुराष्ट्रीय भारतीय दवा कंपनी का आरोप है कि उसके शेयरों में गिरावट एक साजिश का परिणाम है और इसमें एक बहुराष्ट्रीय व एक भारतीय कंपनी का हाथ है।
बीते दो दिनों में रैनबैक्सी के शेयरों के दाम २४ फीसदी गिरे हैं। अकेले मंगलवार को यह १४ फीसदी गिरकर ४०९.२५ रुपये पर बंद हुआ था। रैनबैक्सी के खिलाफ अमेरिका में यूएसएफडीए को दिए आवेदन में धोखाधड़ी और गलत सूचना देने का आरोप है। अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा यह मामला कोर्ट में ले जाने की खबरों के बाद जापानी दवा कंपनी दाइची सांक्यो के साथ विलय खटाई में पड़ने की आशंका में रैनबैक्सी के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।
कंपनी पहले ही इन आरोपों का खंडन कर चुकी है पर इससे धूमिल हो रही छवि को बचाने के लिए बुधवार को खुद रैनबैक्सी के सीईओ मलविंदर सिंह सामने आए। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि बाजार में मामला न समझने की वजह से अटकलबाजी है। हमारे पास ऐसी जानकारी है कि एक बहुराष्ट्रीय एवं प्रमुख भारतीय कंपनी मिलकर इन आरोपों के बारे में भ्रम और अटकलबाजी फैला रही हैं। उन्होंने कहा कि जो भी चल रहा है, वह सब मुझे सब पता है। लोग भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। निश्चित रूप से कोई शेयर मूल्य गिराने का प्रयास कर रहा है, जिससे वह घटी कीमत पर कंपनी में घुसपैठ कर सके। मलविंदर ने ऐसे लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि कंपनी इस सिलसिले में बाजार से आंकड़े एकत्र कर रही है।
मलविंदर ने कहा कि इन आरोपों का दाइची के साथ विलय पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि जापानी कंपनी को इन मुद्दों की पहले से जानकारी थी। उनका कहना था अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा दायर मौजूदा मामले में कंपनी से केवल और अधिक जानकारी तथा स्पष्टीकरण मांगा गया है।
दाइची रैनबैक्सी की २० फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए आठ अगस्त से खुली पेशकश करेगी। यह २७ अगस्त को बंद होगी। दाइची जून में रैनबैक्सी के प्रमोटरों की ३४.८ फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का पहले ही सौदा कर चुकी है।
रैनबैक्सी जैसी स्थिति से अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर को भी गुजरना पड़ा था। जनवरी में रिलायंस पावर के शेयर सूचीबद्ध होने के दिन ही जबर्दस्त गिरावट का शिकार हुए थे। इसके लिए कंपनी के मुखिया अनिल अंबानी ने भी साजिश का आरोप लगाया था। भाइयों के जारी विवाद के चलते शक की सुई मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की तरफ घूमी थी।

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