Jul 16, 2008

राज्य में बिछ रहा पुल व सड़कों का जाल : नीतिश कुमार

पटना, १६ जुलाई- भागलपुर के गेरूआ नदी पर एवं पूर्णिया के महानंदा नदी पर नवनिर्मित पुल का आज शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन दोनों पुल का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य में यातायात सुगम हो, इसलिए पुल की आवश्यकता बहुत ज्यादा है। यही कारण है कि राज्य में राज्य में पुल-पुलिया एवं सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि पुल-पुलिया एवं सड़कों के माध्यम से समाज को जोड़ने का काम किया जाए। इससे समाज में आए बिखराव को कम करने में सहूलियत होगी तथा जो दूरियां हैं, वो नजदीकियां में बदल जाएंगी। विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुल का उद्घाटन करने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा-‘नई टेक्नोलॉजी के आने से दुनिया बहुत छोटी हो गयी है।
मुख्यमंत्री आवास में बैठकर इस उद्घाटन समारोह में शामिल हो रहा हूं। आपलोग मुझे देख रहे हैं और मैं आपको देख रहा हूं।’ उन्होंने कहा-‘भागलपुर-कहलगांव-मिर्जा चौकी पथ में गेरूआ नदी पर तथा पूर्णिया-कदवा-आबादपुर में महानंदा नदी पर नवनिर्मित उच्चस्तरीय पुल के उद्घाटन का न्यौता था, किन्तु अस्वस्थता के कारण उद्घाटन समारोह में नहीं जा सका। उन्होंने कहा कि दोनों पुलों के निर्माण से जनता को काफी सहूलियत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुल के निर्माण पर विभाग को एक संस्मरण लिखना चाहिए, क्योंकि पुल निर्माण में अनेक प्रकार की बाधाएं आईं, इसके बावजूद पुल का निर्माण दो वर्षों में तेजी के साथ पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि भागलपुर के लोगों को पहले पीपा पुल से होकर गुजरना पड़ता था। इससे बाढ़ आने पर लोगों की परेशानियां ज्यादा बढ़ जाती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भागलपुर एवं पूर्णिया दोनों जगहों पर बने ये पुल जनता के लिए नायाब तोहफा साबित होंगे।
सड़क निर्माण विभाग के अनुसार भागलपुर-कहलगांव-मिर्जा चौकी पथ (एनएच ८०) में गेरूआ नदी पर ९७.२ मीटर उच्चस्तरीय आरसीसी पुल तथा कटिहार में पूर्णियां-कदवा-आबादपुर पथ में महानन्दा नदी पर उच्चस्तरीय आरसीसी पुल की लम्बाई ५७९.३१ मीटर तथा चौड़ाई साढ़े सात मीटर है। इन दोनों पुलों के निर्माण में प्रीस्ट्रेस्ड कंक्रीट गर्डर का प्रयोग किया गया है,ताकि इनकी गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का संदेह न रहे। ज्ञात हो कि भागलपुर स्थित पुल का निर्माण कार्य २८ फरवरी २००३ से , जबकि कटिहार स्थित पुल का निर्माण कार्य जनवरी २००० से प्रारम्भ हुआ था। भागलपुर के नवनिर्मित पुल के निर्माण में रिटेनिंग बाल एवं एजेंसी चार्ज सहित कुल ४४३ लाख रूपए की राशि तथा कटिहार के नवनिर्मित पुल के लिए पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति के तहत कुल २११६.३० लाख रूपए की राशि प्रदान की गई। गेरूआ नदी पर नवनिर्मित पुल भागलपुर जिले की जनता के लिए नई सुबह का उजाला साबित होगा, क्योंकि इसके पूर्व पीपा पुल की अस्थायी व्यवस्था के तहत आम जनजीवन खासकर बारिश के मौसम में बिल्कुल अस्त-व्यस्त हो जाता था। आवागमन के लिए नाव के सिवाय कोई चारा नहीं रहता था। इसके अलावा गेरूआ नदी पर अवस्थित वर्ष १९६५ में बना स्क्रू पाईल पुल भी ध्वस्त था। नए पुल के निर्माण से झारखंड तथा पश्चिम बंगाल की तरफ से आने वाले भारी वाहनों को काफी राहत मिलेगी और आमजन के लिए यह पुल जीवनरेखा साबित होगा। इसी तरह कटिहार स्थित नवनिर्मित पुल के उद्घाटन से भी आम जनजीवन को काफी राहत मिलेगी।
उद्घाटन के साथ ही इस पुल पर आवागमन शुरू हो गया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि पुल निर्माण के बाद उद्घाटन में देरी नहीं होनी चाहिए। इसलिए अस्वस्थता के कारण विडियो कान्फ्रसिंग के माध्यम से पुल का उद्घाटन कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि पटना में बहुत दिनों पहले एक पुल बना था, जिसे उद्घाटन के इंतजार में बास से घेर कर रखा गया था। हमलोगों ने बांस हटाकर पुल को चालू कर दिया। बाद में पता नहीं उसका उद्घाटन हुआ या नहीं। मुख्यमंत्री आवास में पुल के उद्घाटन के अवसर पर पथ निर्माण मंत्री प्रेम कुमार भी उपस्थित थे।

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