Jul 24, 2008

ग्रामीण क्षेत्रों में ‘फिक्स फोन’ पर लाइसेंस शुल्क खत्म

नई दिल्ली २५ जुलाई- दूरसंचार आयोग ने देश में ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन सुविधा को बढ़ावा देने के लिए इन क्षेत्रों में फिक्स टेलीफोन पर लाइसेंस शुल्क हटाने का निर्णय लिया है जिससे सरकार को प्रति वर्ष २०० करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
दूरसंचार विभाग के तहत कार्य करने वाले दूरसंचार आयोग की हाल ही में हुई बैठक में लिए गए इस निर्णय से गांवों में ब्रॉडबैंड सेवा को भी बढ़ावा मिलेगा और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच दूरसंचार सुविधाओं की खाई पाटने में मदद मिलेगी।
आयोग ने उन दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए सर्वत्र सेवा उत्तरदायित्व कोष में दी जाने वाली राशि भी उनके समायोजित सकल राजस्व के पांच प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत करने का निर्णय लिया है जो ९५ प्रतिशत से अधिक ग्रामीण क्षेत्र में काम कर चुके हैं। यह कोष ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को तर्कसंगत लागत पर दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए ढांचागत सुविधाएं स्थापित करने में मदद के वास्ते बनाया गया है।
आयोग का यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार सुविधाएं बढ़ाने की सरकार की नीति के अनुरुप हैं। इनका उद्देश्य ११ वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन कनेक्शन संख्या २० करोड़ तक पहुंचाकर टेलीफोन घनत्व २५ प्रतिशत तक पहुंचाना है जो गत दिसम्बर तक आठ प्रतिशत था।

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