नई दिल्ली, ४ अगस्ट-सेतुसमुद्रम परियोजना संबंधी बंद प्रकरण में जारी अवमानना नोटिस का जवाब न दिए जाने पर उच्चतम न्यायालय ने आज तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम- करुणानिधि और केंद्रीय परिवहन मंत्री टीआर बालू सहित चार अन्य को गिरफ्तारी वारंट जारी करने की चेतावनी दी।
न्यायाधीश बीएन अग्रवाल और न्यायाधीश जीएस सिंघवी ने हालांकि करुणानिधि, बालू, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा दो अन्य को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए चार सप्ताह की मोहलत और दे दी। गत वर्ष अक्टूबर के पहले सप्ताह में जारी कारण बताओ नोटिस का तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और अन्य द्वारा जवाब न दिए जाने के मामले पर न्यायालय ने गंभीर चिंता जताई।
पीठ ने इस बात पर रोष जताया कि तमिलनाडु सरकार कारण बताओ नोटिस का जवाब देने तथा स्थगन के लिए बार-बार समय मांग रही है। उसने इस साल ३१ मार्च को भी चार सप्ताह की मोहलत मांगी लेकिन फिर भी जवाब नहीं दिया।
तमिलनाडु सरकार के वकील द्वारा फिर से समय मांगे जाने पर न्यायालय ने चार सप्ताह का समय और दे दिया। उच्चतम न्यायालय की रोक के बावजूद करुणानिधि और अन्य ने सेतुसमुद्रम परियोजना के समर्थन में एक अक्टूबर २००७ को राज्यव्यापी बंद किया था जिस पर न्यायालय को अवमानना नोटिस जारी करना पड़ा। उस समय उच्चतम न्यायालय ने यह चेतावनी भी दी थी कि न्यायिक आदेश की अवमानना पर वह राष्ट्रपति से तमिलनाडु सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश भी कर सकता है।
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