Aug 4, 2008

मुंबई उच्च न्यायालय ने गर्भपात की इजाजत नहीं दी

मुंबई, ४ अगस्त बंबई हाईकोर्ट ने मुंबई की एक महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने २६ सप्ताह के भ्रूण में विकार होने की आशंका व्यक्त करते हुए अदालत से गर्भपात की अनुमति मांगी थी।
याचिकाकर्ता निकेता और हरेश मेहता ने उनके चिकित्सक निखिल दातार के साथ बंबई हाईकोर्ट में चिकित्सकीय तरीके से गर्भपात कराने के कानून एमटीपी के संबंध में याचिका दाखिल की थी। निकेता ने गर्भधारण के २४ सप्ताह बाद यह पाया कि भ्रूण में हृदय संबंधी विकार हैं।
याचिकाकर्ताओं ने चाहा है कि एमटीपी कानून में संशोधन किया जाए ताकि गर्भस्थ शिशु की जान को खतरा होने की स्थिति में गर्भधारण के 20 सप्ताह बाद भी गर्भपात कराया जा सके।
इस मामले में जेजे अस्पताल के अधिष्ठाता ने चिकित्सकों की एक समिति गठित की थी। याचिकाकर्ताओं द्वारा स्वतंत्र चिकित्सकीय विशेषज्ञों की ओर से तैयार कराई गई रिपोर्ट न्यायालय को सौंपने की संभावना है।

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